Uttar Pradesh Tourism In Hindi: उत्तर प्रदेश की धाक इन दिनों पूरे देश में है। मगर, आज हम बात करेंगे यूपी में महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के बारे में। क्योंकि गरमी की छुट्टियां आने वाली हैं। बहुत से लोग देश व विदेश में छुट्टियों का लुत्फ उठाने की प्लानिंग कर रहे होंगे। हालांकि यह बजट फ्रेंडली नहीं होगा। लेकिन उत्तर प्रदेश के कई ऐसे टूरिज्म प्लेस हैं जहां आप बहुत कम खर्च में नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद उठाते हुए आल्हादित हो सकते हैं। इस लेख में हम शीशे का पुल से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन दिनों सुर्खियों में चल रहे अयोध्या राम मंदिर तक के बारे में बताएंगे। तो बने रहिए हमारे साथ...
उत्तर प्रदेश में पर्यटन के लिए फैमिली के साथ यहां जाएं :-
राजधानी लखनऊ। इसे नवाबों का शहर भी कहते हैं। यहां एक से एक स्थान हैं, जब घूमना शुरू करेंगे तो पूरा महीना कम पड़ जाएगा और रोमांच अनलिमिटेड होगा।
- चिड़ियाघर लखनऊ
- अंबेडकर पार्क
- हजरतगंज
- हनुमत धाम
- रूमी दरवाजा
- गोमती रिवर फ्रंट
- बड़ा इमामबाड़ा
- जनेश्वर मिश्र पार्क
- छतर मंज़िल
- रेजीडेंसी
- साइंस सिटी
- मां चंद्रिका देवी मंदिर
- मरीन ड्राइव
अब आते हैं अयोध्या। 22 जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन हो गया है। इसके अलावा भी कई पौराणिक महत्व के स्थल यहां हैं।
- नवनिर्मित भव्य राम मंदिर
- हनुमान गढ़ी
- कनक भवन
- गुलाब बाड़ी
- त्रेता के ठाकुर
- सीता की रसोई
- तुलसी स्मारक भवन संग्राहलय
- बहू बेगम का मकबरा
- रामकथा पार्क
- मोती महल
- राजा मंदिर
अब चलते हैं वाराणसी। इसे काशी भी कहते हैं। बनारस भी एक नाम है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर इन दिनों देश भर के श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है। यहां के अन्य पर्यटन स्थल...
- काशी विश्वनाथ मंदिर
- संकट मोचन हनुमान मंदिर
- दशाश्वमेध घाट
- तुलसी मानस मंदिर
- मणिकर्णिका घाट
- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
- राम नगर किला
- चौसठ योगिनी मंदिर
- राजदारी जलप्रपात
- फन सिटी वाटरपार्क
- संत रविदास पार्क
अब रुख करते हैं कान्हा की नगरी मथुरा की। यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसे ब्रज भूमि भी कहते हैं। राधे राधे पवित्र नाम यहां लोगों की सांसों में बसा है। यहां कई विश्वविख्यात स्थान हैं...
- श्रीकृष्ण जन्मभूमि
- द्वारकाधीश मंदिर
- राधा कुंड
- रंग जी मंदिर
- मदन मोहन मंदिर
- गोर्वधन पर्वत
- कुसुम सरोवर
- बरसाना
- कंस किला
मथुरा गए तो वृंदावन नहीं देखा तो कान्हा की लीलाओं को नहीं देखा। वृंदावन मथुरा से महज दस किलोमीटर की दूरी पर है। यहां के कुछ प्रसिद्ध स्थल व मंदिर इस प्रकार हैं...
- प्रेम मंदिर
- श्री रंगनाथ मंदिर
- बांके बिहारी मंदिर
- इस्कॉन मंदिर वृंदावन
अब यहां से चलते हैं आगरा। कभी इसे अकबराबाद भी कहते थे। मुगल सल्तनत की यह राजधानी रही है। अकबर, जहांगीर, शाहजहां ने यहां राज किया है।ताजमहल यहीं पर यमुना के किनारे है...
- ताजमहल
- फतेहपुर सीकरी
- बुलंद दरवाजा
- सिकंदर लोधी का मकबरा
- अच्छब्बल की दरगाह
- इतिमाद-उद-दौला
- जामा मस्जिद
- आगरा किला
अब रुख करते हैं प्रयागराज का। पहले इसे इलाहाबाद कहते थे। यहां गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम है। जहां हर 12 साल पर कुंभ और छह साल पर अर्द्धकुंभ मेला लगता है। प्रयागराज में और भी कई पर्यटन स्थल हैं...
- गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम
- हनुमान मंदिर
- आनंद भवन
- इलाहाबाद किला
- चंद्रशेखर आजाद पार्क
- स्वराज भवन
- गढ़वा
प्रयागराज आए तो चित्रकूट तो घूमना बनता ही है। चित्रकूट मंदाकिनी नदी के किनारे बसा एक धार्मिक प्राचीन तीर्थ स्थल है। इसका इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है।
- शीशे का पुल
- जल प्रपात और दंतेवाड़ा काली माता मंदिर
- कामदगिरि पर्वत
- रामघाट
- गुप्त गोदावरी
- हनुमान धारा
- स्फटिक शिला
- वाल्मीकि आश्रम
- भरत कूप
- लक्ष्मण पहाड़ी
- भरत मिलाप
- सती अनुसुइया
- जानकी कुंड चित्रकूट
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