Basti News || समाज में संस्कारों की परम्परा पुनः स्थापित करना आर्य समाज का उद्देश्य है || ओम प्रकाश आर्य
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Basti News || समाज में संस्कारों की परम्परा पुनः स्थापित करना आर्य समाज का उद्देश्य है || ओम प्रकाश आर्य |
उन्होंने बताया कि ईशोपनिषद में बताया गया है कि फल की चिन्ता किए बिना सौ वर्ष तक जीने की इच्छा से हम ईश्वर की उपस्थिति मानकर स्वतंत्र होकर कर्म करें तो हमें कर्म में लिप्त नहीं होना पड़ेगा। इस प्रकार हम ईश्वर के निकट हो सकते हैं।
चतुर्थ दिवस का कार्यक्रम स्वामी दयानन्द विद्यालय सुर्ती हट्टा बस्ती में आयोजित किया गया। जिसमें स्वामी श्रद्धानंद और सुरेन्द्र आर्य ने ज्ञानवर्धक भजन प्रस्तुत कर बच्चों को अभिवादनशील बनने का संदेश दिया।
इस अवसर पर आचार्य विश्वव्रत जी ने पंच महायज्ञों के बारे में बताते हुए कहा कि ब्रह्मयज्ञ का अर्थ है ईश्वर का धन्यवाद करना, हवन के द्वारा पंच महाभूतों को अनुकूल बनाना देवयज्ञ, माता पिता और बड़ों की सेवा करना पितृयज्ञ, अतिथियों की यथायोग्य सेवा अतिथि यज्ञ तथा अपने आस पास के जीव जंतुओं को भोजन देना बलिवैश्वदेवयज्ञ कहलाता है। इसे रोज करने से हम भगवान को प्रिय हो सकते हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि यह संस्था निरन्तर समाज के निर्माण के लिए वेद प्रचार का कार्यक्रम करता आ रहा है। समाज में संस्कारों की परम्परा पुनः स्थापित करना आर्य समाज का उद्देश्य है। कार्यक्रम के अंत के प्रधानाध्यापक आदित्यनारायण गिरि ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्य रूप से गरुण ध्वज पाण्डेय, ओंकार आर्य, देवव्रत आर्य, अंशुमाला, उर्मिला देवी, महिमा आर्य, पुष्पा पाण्डेय, रोहिणी पाण्डेय, राधिका, अनीशा मिश्रा, नीलम मिश्रा, अंशिका पाण्डेय, स्वप्नल, शिवांगी, अरविन्द श्रीवास्तव, विश्वनाथ, उपेन्द्र, धर्मेन्द्र कुमार, शंकर जायसवाल, दिलीप कसौधन, राजेन्द्र जायसवाल, आदि उपस्थित रहे।
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