दिल्ली-NCR सहित पूरे उत्तर भारत में तीन अक्तूबर 2023 की दोपहर भूकंप (Earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए। दोपहर में एक के बाद एक दो बार भूकंप के तेज झटके आए। पहला झटका 4.6 तीव्रता का था तो वहीं दूसरा झटका 6.2 तीव्रता का था। दूसरे भूकंप का झटका इतना तेज था कि लोग घरों से निकलकर बाहर आ गए।
लखनऊ (यूपी)। दिल्ली-NCR सहित पूरे उत्तर भारत में तीन अक्तूबर 2023 की दोपहर भूकंप (Earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता (intensity of earthquake) इतनी जोरदार थी कि घर और दफ्तरों से निकलकर लोग तुरंत ही सड़कों पर आ गए। भूकंप का केद्र (epicenter of earthquake) नेपाल में था। भूकंप के झटके बस्ती समेत पूर्वांचल के अन्य जिलों में भी महसूस किए गए। अभी तक कहीं से जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
लोग घबरा कर घरों से निकले बाहर
दिल्ली से एनसीआर और लखनऊ से लेकर पूर्वांचल के कई जिलों में भूकंप के झटके आधे घंटे के अंतर से दो बार महसूस किए गए। उत्तराखंड के खटीमा तक में लोगों ने झटके महसूस किए। नेशनल सिस्मोलॉजी सेंटर के मुताबिक पहला झटका दोपहर 2.25 बजे आया, जिसकी तीव्रता 4.6 थी। इसके करीब आधे घंटे बाद दोपहर 2.51 बजे भूकंप का एक और झटका आया, जिसकी तीव्रता 6.2 थी। भूकंप के इस झटके ने ही लोगों को अपने घरों से बाहर भागने के लिए मजबूर कर दिया।
टेक्टोनिक प्लेटों के घर्षण से आते हैं भूकंप
धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है। जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है। भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं। प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं। इससे अपार ऊर्जा निकलती है। इस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक यह ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं।
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