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Basti News: आर्य समाज ने सबसे पहले स्वदेशी अपनाकर अछूतों का उद्धार आंदोलन चलाया: मुख्यमंत्री

आर्य समाज के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा ब्रिटिश काल मे धर्मांतरण के अनैतिक कार्यों का विरोध किया था। आर्य समाज का कराची तक बोलबाला था। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने डीएबी शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की थी, जिसको आर्य समाज ने आगे बढ़ाया था, जहां पर वैदिक शिक्षा एवं आध्यात्मिक शिक्षा को बढ़ावा मिलता रहा है।
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बस्ती (यूपी)। आर्य समाज नई बाजार बस्ती के स्वर्ण जयंती समारोह को होटल बालाजी प्रकाश में सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा को संस्कारों से जोड़ने का कार्य आर्य समाज व इसकी डीएबी संस्थाएं अनवरत कर रही है। कहा कि सर्वप्रथम 1995 में बस्ती में आर्य समाज के कार्यक्रम में ओम प्रकाश आर्य के आह्रवान पर मैं शामिल हुआ। 28 वर्षों के बाद आज भी उसी ऊर्जा से यह आर्य समाज के उत्थान में अपना पूर्ण योगदान दें रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्य समाज ने सबसे पहले स्वदेशी अपनाकर अछूतों का उद्धार आन्दोलन चलाया। क्रान्तिकारियों ने भी इस विचारधारा को मानकर देश को स्वतंत्र कराने में अपना योगदान दिया। आर्य समाज ने रूढियों एवं आडम्बरों का निरन्तर विरोध किया है और आज भी जन-जन को अच्छे आचरण एवं संस्कारों से महिमामण्डित करने का कार्य कर रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्य समाज की स्थापना बस्ती में करके लोगों ने परम्परा का निर्वाह किया है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की राजधानी दिल्ली से महर्षि दयानन्द सरस्वती के 200वीं वर्षिकोत्सव का शुभारम्भ किया था, जिसके माध्यम से उन्होंने देश, दुनिया में फैले हुए लाखों आर्य वीरों को जागृत किया था। महर्षि दयानन्द सरस्वती के आदर्शों का पालन करते हुए आर्य समाज के लोगों ने भारतीय समाज को एक नई दिशा दी है। आर्य समाज भारत का एक जीवन्त आन्दोलन रहा है। उन्होने कहा कि स्वदेशी आन्दोलन के माध्यम से आर्य समाज ने लोगों को जोड़ने का काम किया और आजादी की लड़ायी में एकजुट किया था। काकोरी काण्ड के महानायक रामप्रसाद विस्मिल, अस्फाक उल्ला खॉ, ठाकुर रोशन सिंह भी आर्य समाज से जुड़कर आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्य समाज ने देश के आजादी के आन्दोलन में निर्भिकता के साथ सहयोग किया है। ब्रिटिश काल मे धर्मान्तरण के अनैतिक कार्यों का विरोध किया था। कहा कि आर्य समाज का कराची तक बोलबाला था। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने डीएबी शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की थी, जिसको आर्य समाज ने आगे बढ़ाया था, जहां पर वैदिक शिक्षा एंव आध्यात्मिक शिक्षा को बढ़ावा मिलता रहा है। उन्होंने आर्य समाज के प्रणेता महर्षि दयानन्द सरस्वती को नमन करते हुए उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलने का आह्रवान किया। उन्होने अछूतोद्धार एवं घर वापसी के कार्यक्रम को आगे बढाया था।

मुख्यमंत्री के सम्बोधन के पूर्व कार्यक्रम के आयोजक ओम प्रकाश आर्य ने स्वागत में संस्कृत स्तवन प्रस्तुत किया तथा स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा रचित ग्रंथ ‘‘सत्यार्थ प्रकाश‘‘ की पुस्तक मुख्यमंत्री को भेंट किया। समारोह में अर्चना, निवेदिता व पंडिता रूक्मिणी ने मुख्यमंत्री को पावन स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर दिनेश कुमार आर्य द्वारा रचित पुस्तक रचितांजलि का विमोचन भी उनके द्वारा किया गया।

इस अवसर पर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरधा तथा वस्त्रोद्योग/जनपद के प्रभारी मंत्री राकेश सचान, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी, एमएलसी सुभाष यदुवंश, विधायक अजय सिंह, जिलाध्यक्ष विवेक आनन्द मिश्र, क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानन्द राय, विनय कुमार आर्य, अशोक कुमार आर्य, गरूणध्वज पाण्डेय, शिवपूजन आर्य सहित गणमान्य नागरिक, आर्य दल के कार्यकर्ता उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन वैदिक प्रवक्ता आचार्य सुरेश जोशी ने किया। 

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