बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर: महादेव के चमत्कार की कुछ अनसुनी कहानियां आपको कर देंगी भावविभोर
- मान्यता है कि महाभारत काल मे अज्ञातवास के दौरान युधिष्ठिर ने यहां की थी महादेव की आराधना
- कहते तो यह भी हैं यहां में शिवलिंग को बांहों में नही भर सकता कोई, बढ़ जाता है आकार
बस्ती। बाबा भदेश्वर नाथ मन्दिर पौराणिक महत्व के साथ सनातन परंपरा की कई ऐसी कहानियों को अपने आप में समेटे है, जिसे सुनकर मन भावविभोर हो उठता है। मान्यता है कि इस मंदिर के शिवलिंग की स्थापना रावण ने की है। महाभारत काल में अज्ञातवास के समय युधिष्ठिर ने यहां भोलेनाथ की आराधना की थी। यही इतना नहीं, ब्रिटिश सरकार मंदिर के आसपास की जमीन पर कब्जा करना चाहती थी, लेकिन भोलेनाथ की कृपा से ऐसी दैवीय आपदा हुई कि अंग्रेजों को कदम पीछे खींचना पड़ गया। इन सब चर्चाओं को बस्ती (उत्तर प्रदेश) में रहने वाले अधिकांश शिवभक्तों से सुना जा सकता है।
बस्ती मंडल मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर कुआनो नदी के तट पर बाबा भदेश्वर नाथ के प्राचीन मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। वैसे तो यह पूरे साल शिवभक्तों के जल चढ़ाने का क्रम चलता रहता है, लेकिन सोमवार और सावन के महीने में तो यहां बड़ी संख्या में दूर दूर से शिवभक्त आते हैं। कहते हैं कि यहां सच्ची श्रद्धा से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
इस मंदिर से और भी कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। कहा तो यह भी जाता है कि बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर में एक ऐसा शिवलिंग है जिसे कोई भी भक्त अपने दोनों बांहों से घेर कर नहीं पकड़ सकता है। लोगों की मान्यता है कि भक्त जब शिवलिंग को अपनी बांहों में लेना चाहते हैं तो आकार अपने आप बढ़ जाता है। पिछले कई सालों से शिवलिंग की बनावट में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है।
जन श्रुतियों के अनुसार मंदिर के शिवलिंग को चोरी करने के प्रयास किया गया था। कुछ चोरों ने शिवलिंग की खोदाई भी की, लेकिन काफी खोदाई के बाद भी जब शिवलिंग का अंत नहीं मिला तब वहीं जब वो भागने लगे तो उनके गाड़ी का पहिया वहीं धंस गया और पत्थर बन गया। इसे आज भी देखा जा सकता है।
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बस्ती जिले की पहचान हैं बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर
बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर पूरे मंडल की पहचान भी हैं। सावन महीने में राम की नगरी अयोध्या से सरयू नदी का जल लेकर लाखों श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करते हैं। इसके अतिरिक्त महाशिवरात्रि में भी यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। प्रत्येक सोमवार को भी श्रद्धालु इस मंदिर में सैकड़ों की संख्या में पूजा करने आते हैं। लोगों की मान्यता है कि यहां पर जलाभिषेक और पूजन अर्चन से मनोकामना पूर्ण होती है।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग
बस्ती जिला अभी सीधे हवाई सेवा से नहीं जुड़ा है, निकटतम हवाई अड्डा गोरखपुर है, जो बस्ती करीब 79 किलोमीटर पर है। वहां से रोडवेज की बस या टैक्सी से जिला मुख्यालय तक पहुंचा जा सकता है। यहां रोडवेज से कंपनी बाग तक आकर सवारी गाड़ी से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
ट्रेन द्वारा
मुख्य रेल लाइन लखनऊ को गोरखपुर से जोड़ती है। यह लखनऊ से 214 किलोमीटर पर स्थित है। गोरखपुर से 72 किलोमीटरपर स्थित है। वैशाली एक्सप्रेस, गोरखधाम एक्सप्रेस, इंटरसिटी एक्सप्रेस, बाघ एक्सप्रेस, शहीद एक्सप्रेस, अवध-आसाम, राप्ती गंगा एक्सप्रेस से देश के अन्य हिस्सों से यहां पहुंचा जा सकता है।
सड़क के द्वारा
बस्ती जिला एनएच -28 पर स्थित है। लखनऊ से गोरखपुर जाने वाली बसें बस्ती से होकर गुजरती हैं। लखनऊ से वाया फैजाबाद बस्ती की दूरी करीब 210 किलोमीटर दूर है।
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