सावन (sawan) 2023: भोलेनाथ को प्रसन्न करने का पावन महीना
बस्ती। आदिदेव, शिव, भोलेनाथ। एक हजार से भी अधिक मन को प्रसन्न कर देने वाले नाम। जो हमारी लोक परंपरा में ऐसे रच-बस गए हैं कि लगता ही नहीं शिव हमसे कहीं दूर हैं। बस उन्हें अहसास करने के जरूरत है, जो हमें अनादि काल से श्रद्धा, विश्वास के केंद्र बने शिवालयों में सहज ही हो जाता है। ऐसे में जब सावन का महीना निकट हो तो फिर भोले के भक्तों में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार तो स्वाभाविक ही हो जाता है। वैसे भी हिंदू धर्म में श्रावण यानी कि सावन के महीने को भोलेनाथ का सबसे प्रिय काल माना जाता है।
अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए भक्त इस पूरे माह में महादेव की विधि-विधान से पूजा करते हैं। इस बार इस पवित्र माह की शुरुआत 4 जुलाई 2022, दिन गुरुवार से हो रही है। इस माह में जो भी जातक सोमवार व्रत रखते हैं और शिवलिंग की आराधना करते हैं, भोले शंकर उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। सावन भर शिव मंदिरों में भक्तों की खूब भीड़ लगती है। शायद ही कोई मंदिर या शिवालय होगा जहां शिव के जयकारे न गूंजते हों। सावन के महीने में शिव मंत्रों के जाप का बहुत अधिक प्रभाव होता है। सावन का महीना महादेव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए सबसे खास समय होता है। सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करने और विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
सावन व्रत और पूजा-विधि
-सावन माह के दौरान सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- आसपास स्थित शिव मंदिर में जाकर शिवजी के दर्शन करते हुए शिवलिंग पर गंगाजल और दूध से अभिषेक करें।
- भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल और दूध अवश्य शामिल करें।
- सावन माह में शिवजी के जलाभिषेक के दौरान “ओम् नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- पूजा के अंत में अपनी सभी तरह की मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें और उनकी आरती करते शिव चालीसा का पाठ करें।
सावन माह में सोमवार व्रत की तिथि
इस बार सावन में पड़ेंगे कुल 8 सोमवार बता दें कि सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को तो दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई और चौथा सोमवार 31 जुलाई को पड़ रहा है। इसके अलावा सावन महीने का पांचवा सोमवार 7 अगस्त को, छठा सोमवार 14 अगस्त को, सातवां सोमवार 21 अगस्त को और सावन माह का अंतिम आठवां सोमवार 28 अगस्त को पड़ रहा है।
इस बार रखा जाएगा कुल 9 मंगला गौरी व्रत
इस बार सावन माह में कुल 9 मंगला गौरी व्रत का त्यौहार रखा जाएगा। सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 4 जुलाई को रखा जाएगा। जबकि दूसरा 11 जुलाई को, तीसरा 18 जुलाई को, चौथा 25 जुलाई को और पांचवा 1 अगस्त को रखा जाएगा। इसके अलावा छठा मंगला गौरी व्रत 8 अगस्त को, सातवां 15 अगस्त को, आठवां 22 अगस्त को और अंतिम नवां मंगला गौरी व्रत 29 अगस्त को रखा जाएगा।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये खबर लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अपनी बस्ती डॉट इन उत्तरदायी नहीं है।
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