काम की खबर || बारिश के मौसम में आपको बीमार नहीं होने देंगे डॉ. अर्चना के ये टिप्स || जानें क्यों बरसात में अधिक बीमार पड़ते हैं लोग
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काम की खबर || बारिश के मौसम में आपको बीमार नहीं होने देंगे डॉ. अर्चना के ये टिप्स || जानें क्यों बरसात में अधिक बीमार पड़ते हैं लोग |
Basti News || बरसात का मौसम भले ही गर्मी से सुकून देने वाला हो, लेकिन यह अपने साथ कई मुश्किलें भी लेकर आता है। अखंड एक्यूप्रेशर रिसर्च ट्रेनिंग एंड ट्रीटमेंट इंस्टीट्यूट प्रयागराज की अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ अर्चना दुबे इस पर विस्तार से बताती हैं। उनका कहना है कि बारिश की बौछारें जहां एक ओर शरीर को ठंडक देकर तन मन को गर्मी से भरपूर राहत पहुंचाती हैं। वहीं दूसरी ओर दूषित खानपान से उत्पन्न बीमारियां हमें बीमार भी करती हैं, इसलिए प्रकृति के इस सुंदर बदलाव का आनंद वही प्राप्त कर सकता है, जो पूरी तरह स्वस्थ बना रहे।
डॉ. अर्चना कहती हैं कि बारिश के मौसम में अक्सर कई तरह के रोग शरीर को अत्यंत ही गंभीर दशा में पहुंचा देते हैं। क्योंकि बरसात के मौसम का आगमन अनेक बरसाती रोगों के कारण सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह भी शामिल हो सकता है। इसलिए सजग रहना बहुत जरूरी है। इस मौसम में खांसी- जुकाम, डायरिया, उल्टी, पेचिश, पीलिया, कोलाइटिस, कंजेक्टिवाइटिस, मलेरिया, डेंगू बुखार, वात रोग जोड़ों का दर्द, मंदाग्नि, कंजेक्टिवाइटिस कोलाइटिस, वोमिटिंग, पीलिया, साइटिका, दमा, एलर्जी, त्वचा रोग जैसे अनेक रोगों के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
डॉ. अर्चना दुबे ने बताया कि बरसात में जब बारिश होती है तो धरती से गर्म हवा निकलती है। तेज बारिश से धरती की गर्मी शांत होती है। लेकिन हल्की बारिश हो तो बारिश बंद होने पर सांस लेने में परेशानी होती है। गर्मी से बेचैनी बढ़ जाती है। इस मौसम की शुरुआत में वात पित्त और कफ दोष असंतुलित होकर रोग विकारों को उत्पत्ति की उत्पत्ति करते हैं। साथ ही अधिकांश जल स्रोतों के दूषित हो जाने से दूषित पानी पीने से डायरिया हैजा, पीलिया आदि रोग उत्पन्न होते हैं। दूषित पानी से उत्पन्न इन रोगों का इलाज जल्दी करना चाहिए। नहीं तो यह मृत्यु तुल्य कष्ट देते हैं। जानलेवा साबित हो जाते हैं।इसलिए किसी भी स्रोत से प्राप्त पानी को पीने के लिए उपयोग में लाने से पहले अच्छी तरह उबालकर उबालकर और छानकर ठंडा कर लिया जाना चाहिए।
पीने के लिए शुद्ध पानी का उपयोग में लाने के साथ-साथ बरसात के मौसम में अपने भोजन को लेकर भी पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। हल्का व आसानी से पचने वाले भोजन लेना चाहिए। वात बढ़ाने वाले बासी भारी ज्यादा मिर्च मसालेदार और बाजार में खुले में बिकने वाले पदार्थ फास्ट फूड जंक फूड आदि से परहेज करना चाहिए।
डॉ अर्चना दुबे ने बताया कि सर्दी जुकाम से बचने के लिए बारिश में भीगने पर गीले कपड़े जितनी जल्दी हो सुखा लें तथा गर्म पानी का प्रयोग करें। बरसात के मौसम में दमा से पीड़ित रोगी को घुटन महसूस होती है। ऐसे में अदरक के रस को शहद में मिलाकर सेवन करने से लाभ होगा। दूषित पानी पीने से हुए डायरिया से बचाव के लिए गर्म पानी का प्रयोग करें। पेचिश के लिए खिचड़ी का सेवन करें। इम्युनिटी पावर में कमी भी ब्रोंकाइटिस दमा के लिए एक जरूरी कारण है। इसलिए किसी भी लंबी बीमारी के कारण या पोषण की कमी से या फिर किसी अन्य कारण से सिस्टम कमजोर होता है, तो भी ऐसी समस्या आती है। इससे बचने के लिए अनहेल्दी लाइफस्टाइल वाले व शारीरिक मेहनत नहीं करने वाले व्यक्तियों को अपने कार्यशैली को यथासंभव बढ़ाना चाहिए। ध्यान रहे कि इस मौसम में खानपान से जुड़ी हल्की लापरवाही भी सेहत पर भारी पड़ सकती है।
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