नॉलेज डेस्क। आप किसी भी बड़े-छोटे शहर में जाते हैं, तो सेंट जोसेफ के नाम से स्कूल दिख ही जाएंगे। कहीं-कहीं तो यह स्कूल दशकों से अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दे रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेंट जोसेफ कौन थे। उनके नाम से स्कूल क्यों खोले जाते हैं। नहीं, तो आप हमारे साथ बने रहिए...
सेंट जोसेफ: ईसा मसीह के संरक्षक पिता
संत जोसेफ ईसा मसीह के संरक्षक पिता थे। वे एक धर्मनिष्ठ और ईमानदार व्यक्ति थे, जो ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पित थे। उन्होंने मरियम और यीशु की देखभाल और पालन-पोषण किया, और उन्हें एक प्यार भरे परिवार में बड़ा किया।
नाजरेथ में हुआ था जन्म
सेंट जोसेफ का जन्म 1 शताब्दी ईसा पूर्व में नाज़रेथ में हुआ था। वह एक बढ़ई थे, और वे अपनी मेहनत और लगन के लिए जाने जाते थे। जब मरियम ने एक कुंवारी के रूप में यीशु को जन्म दिया, तो जोसेफ ने उसे बिना किसी हिचकिचाहट के अपनाया। वह यीशु के पिता बन गए, और उन्होंने उसे एक प्यार भरे और देखभाल करने वाले पिता के रूप में पाला।
सेंट जोसेफ ने दी यीशु के जीवन को दिशा
सेंट जोसेफ ने यीशु के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने यीशु को एक सुरक्षित और प्यार भरा घर प्रदान किया, और उन्होंने उसे पवित्र शास्त्रों में शिक्षित किया। उन्होंने यीशु को भी एक बढ़ई के रूप में प्रशिक्षित किया, जिससे उन्हें एक स्वतंत्र जीवन जीने में मदद मिली।
संरक्षक के रूप में दिया जाता है सम्मान
सेंट जोसेफ को ईसाई धर्म में एक महत्वपूर्ण संत माना जाता है। उन्हें श्रमिकों, पिताओं, और परिवारों के संरक्षक के रूप में सम्मानित किया जाता है। उनके नाम पर दुनिया भर में कई चर्च और स्कूल हैं।
विश्व भर में सेंट जोसेफ के नाम से स्कूल क्यों खोले जाते हैं
सेंट जोसेफ को श्रमिकों, पिताओं और परिवारों के संरक्षक के रूप में सम्मानित किया जाता है। इसलिए, उनके नाम पर स्कूल खोलने का उद्देश्य इन मूल्यों को बढ़ावा देना है। इन स्कूलों में, छात्रों को अपने काम, अपने परिवारों, और अपने समुदायों के प्रति जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सेंट जोसेफ के नाम पर स्कूल दुनिया भर में लाखों छात्रों को शिक्षित कर रहे हैं। वे छात्रों को सफल और जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद कर रहे हैं।
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