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बस्ती में मुख्यमंत्री ने रोपा पारिजात का पौधा || पारिजात के पौधे का महत्व जानकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे |
Parijat Plant In Basti || उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के एकदिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पारिजात का पौधा रोपा। पारिजात का पौधा लगाकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने आम जनमानस को पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने का संदेश भी दिया। यहां एक सवाल आपके मन में जरूर आ रहा होगा कि आखिरकार मुख्यमंत्री ने पारिजात का ही पौधा क्यों लगाया? आज हम आपको इस पारिजात के वृक्ष का महत्व बताने जा रहे हैं।
बहुत पवित्र माना जाता है पारिजात का वृक्ष
भारतवर्ष में पारिजात के पौधे को हरसिंगार भी कहा जाता है। इसके पुष्प बहुत सुंदर और सुगंधित होते हैं। यह संपूर्ण भारत में पाया जाता है। संस्कृत में इसका नाम पारिजात, शेफालिका है। हिंदी में इसे हरसिंगार, पारिजात या परजा भी कहते हैं। भारत की अलग-अलग भाषाओं में इसके अलग-अलग नाम हैं। सभी जगह इस पौधे को काफी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में पारिजात के दुर्लभ प्रजाति के चार वृक्षों में से सैकड़ों साल पुराने दो वृक्ष वन विभाग इटावा के परिसर में भी मौजूद हैं। वहीं, बस्ती जिले में भी लालगंज क्षेत्र में पारिजात का पुराना वृक्ष मौजूद है।
वेद पुराण में भी है पारिजात का वर्णन
पारिजात के बीच का वर्णन वेद और पुराणों में भी मिल जाएगा। कहा जाता है पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। तब इसे इंद्र ने अपनी वाटिका में रोप दिया था। हरिवंश पुराण में इस वृक्ष और इसके फूलों का विस्तार से वर्णन मिलता है। सनातन हिंदू परंपरा में पारिजात के पुष्पों का विशेष तौर पर मां लक्ष्मी के पूजन में प्रयोग किया जाता है। लेकिन केवल उन्हीं फूलों का प्रयोग होता है, जो अपने आप पौधे से टूट कर नीचे गिरे होते हैं। पारिजात के पुष्प बहुत ही अद्भुत होते हैं। यह सिर्फ रात में ही खिलते हैं। सुबह होते ही यह मुरझाकर खुद-ब-खुद गिर जाते हैं। जहां यह पुष्प मिलते हैं, वहां हमेशा शांति और समृद्धि का वास होना माना जाता है।
पारिजात के पौधे में होते हैं औषधीय गुण
वेदों और पुराण में पारिजात के औषधीय गुणों का भी वर्णन मिल जाता है। कहा जाता है कि पारिजात के पुष्पों की खुशबू से जीवन में तनाव मिट जाता है। इसकी खुशबू मन मस्तिष्क को शांति का एहसास कराती है। ऐसा माना जाता है कि पारिजात के वृक्ष को स्पर्श करने मात्र से ही मनुष्य की थकान मिट जाती है। आयुर्वेद में इसके और भी औषधीय गुण बताए गए हैं। हृदय रोगों में भी हरसिंगार या पारिजात का प्रयोग लाभकारी माना जाता है। इस पौधे के फूल, पत्ते, छाल सब औषधि रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
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