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Diwali 2024 || दीवाली पर गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान || अक्सर मूर्ति खरीदते समय अनजाने में गलती कर जाते हैं लोग

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Diwali 2024 || दीवाली पर गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान || अक्सर मूर्ति खरीदते समय अनजाने में गलती कर जाते हैं लोग

Diwali 2024 Tips For Buying Lakshmi Ganesh Murti || Basti News || असत्य पर सत्य की विजय के उल्लास का पर्व दीपावली आने वाली है। दीपावली को लेकर बच्चों से लेकर बड़ों तक में उत्साह अभी से हिलोरें मारने लगा है। दिवाली में लक्ष्मी पूजन का विधान है।

मान्यता है दीपावली में मां लक्ष्मी की पूजन के लिए दो दिन पहले धनतेरस के दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा खरीद कर घर लाई जाती है। शास्त्रों में कहा गया है की धनतेरस पर मूर्ति व धातु से निर्मित वस्तुओं की खरीदारी विशेष फल प्रदान करती है। ऐसे में इस दिन भगवान की मूर्तियों को भी लोग उत्साह के साथ खरीदते हैं। इन्हीं प्रतिमाओं की दीपावली के दिन श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं।

इस बार दीपावली 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को मनाई जाएगी। ऐसे में दीपावली का पर्व चंद दिनों बाद ही आने वाला है। लेकिन यहां जो सबसे जरूरी बात है। वह यह है कि मां लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा खरीदते समय लोग कई सारी गलतियां कर जाते हैं। वह ऐसी मूर्तियां लेकर आते हैं, जिसमें कुछ दोष हो सकते हैं। ऐसे में मां लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इन गलतियों को करने से बच सकते हैं।

आपस में जुड़ी न हों मूर्ति

मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा तरीके से समय इस बात का जरूर रखें कि दीपावली पर पूजन के लिए मां लक्ष्मी और गणेश की जो मूर्ति खरीद रहे हैं। वह आपस में जुड़ी न हों। भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति अलग-अलग होनी चाहिए। हालांकि दीपावली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा एक साथ ही होती। लेकिन मूर्तियों का आपस में जुड़ाव नहीं होना चाहिए।

बैठी हुई मुद्रा में होनी चाहिए मूर्तियां

बाजार से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय दूसरी जो सबसे प्रमुख बात पर ध्यान देना जरूरी है। वह यह है कि मां लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति विश्राम मुद्रा में होनी चाहिए। यानी की मां लक्ष्मी और गणेश दोनों मूर्ति में बैठे हुए दिखें। मूर्ति में अगर मां लक्ष्मी और गणेश खड़ी मुद्रा में दिखाई दे रहे हों तो ऐसी मूर्ति दीपावली पर पूजन के लिए लाने से बचना चाहिए।

कमल पर विराजमान हों मां लक्ष्मी

माता लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि विश्राम मुद्रा में मां लक्ष्मी कमल के फूल पर विराजमान दिख रहीं हों। उनके एक हाथ में कमल का पुष्प हो, जबकि दूसरा हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में दिखाई दे रहा हो। इसके अलावा मूर्ति में धन की मटकी भी अगर प्रदर्शित हो रही है। तो अति उत्तम है। माता लक्ष्मी की प्रतिमा का रंग अगर गुलाबी रंग में है तो यह और भी अच्छा माना जाता है।

मूषक पर विराजमान हों भगवान गणेश

भगवान गणेश की प्रतिमा की बात करें तो भगवान गणेश की प्रतिमा खरीदते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि भगवान गणेश मूषक यानी चूहे पर विराजमान हों। उनका सूंड़ बाई तरफ होना चाहिए। गणेश जी के हाथ में मोदक भी दिखाई देना चाहिए। शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान गणेश का वाहन मूषक यानी चूहा है। यह भी सर्वविदित है कि भगवान गणेश को लड्डू यानी मोदक अत्यंत प्रिय है।

मिट्टी से निर्मित हों लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति

दीपावली पर पूजन के लिए मां लक्ष्मी और गणेश की जो मूर्ति आप खरीद रहे हों, वह मिट्टी से बनी होनी चाहिए। मिट्टी से निर्मित मूर्ति को दीपावली पर पूजन के लिए काफी शुभ माना जाता है। गौरतलब है मौजूदा समय में बाजार में पीओपी या सीमेंट से बनी मूर्तियां भी बेची जाती हैं। ऐसी मूर्तियां भूल कर दी घर लाने से बचना चाहिए। ऐसे में मूर्ति खरीदते समय मूर्तिकार से इस बात की जानकारी जरूर ले लें कि मूर्ति मिट्टी से बनी है या नहीं।

खंडित न हो लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति

बाजार में बिकने वाली लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियों को खरीदते समय गौर से देखें। अक्सर देखा गया है मूर्तियां खंडित होती हैं। क्योंकि वह दूरदराज से बनाकर बाजार में लाई जाती हैं। मूर्तियां में नाक, हाथ या पुष्प के पास टूटी नहीं होनी चाहिए। खंडित मूर्ति दीपावली पर पूजन के लिए नहीं ले आना चाहिए। मूर्ति खरीदते समय बारीकी से मूर्तियों को देखें और जब आश्वस्त हो जाए की मूर्तियां खंडित नहीं है तो ही उन्हें खरीदें।

काला या सफेद न हो मूर्ति का रंग

मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों को खरीदते समय इस बात पर जरूर ध्यान दें कि मूर्तियों का रंग काला या सफेद न हो। ऐसी मूर्ति खरीदने से बचें। वहीं, यह भी देखें कि अगर मां लक्ष्मी की मूर्ति में लक्ष्मी उल्लू पर सवार हैं तो ऐसी मूर्ति को नहीं खरीदना चाहिए। मां लक्ष्मी की मूर्ति कमल पर विश्राम मुद्रा में ही होनी चाहिए। जबकि, भगवान गणेश की मूर्ति मूषक पर विराजमान होनी चाहिए। मूर्तियों का रंग गुलाबी या हल्का गुलाबी होना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FaQ)

लक्ष्मी गणेश की मूर्ति कब खरीदनी चाहिए?

धनतेरस पर मूर्ति व धातु से निर्मित वस्तुओं की खरीदारी विशेष फल प्रदान करती है। ऐसे में इस दिन भगवान की मूर्तियों को भी लोग उत्साह के साथ खरीदते हैं। इन्हीं प्रतिमाओं की दीपावली के दिन श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं।

लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति कैसे लेनी चाहिए?

लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा आपस में जुड़ी न हों। मां लक्ष्मी व गणेश की मूर्ति अलग हो। कारण यह है कि मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगनी है। जबकि भगवान गणेश उनके दत्तक पुत्र। मां लक्ष्मी के बाईं तरफ ही गणेश को विराजमान करें।

दिवाली पर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति कैसे लगाएं?

दिवाली पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश की मूर्ति ऐसे रखें कि उनका मुख पश्चिम दिशा की ओर रहे। इस प्रकार से मूर्ति रखने पर शुभ फलों की प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।

गणेश और लक्ष्मी और सरस्वती की सही स्थिति क्या है?

मां लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति विश्राम मुद्रा में होनी चाहिए। यानी की मां लक्ष्मी और गणेश दोनों मूर्ति में बैठे हुए दिखें।

निष्कर्ष

दीपावली 2024 का पर्व आने वाला है। इस बार दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर या एक नवंबर को मनाया जाएगा। हालांकि काशी के विद्वानों की ओर से 31 अक्टूबर 2024 को दीपावली का पर्व मनाए जाने की बात सामने आ रही है। फिलहाल इस पर आपने पुरोहित आदि से संपर्क कर जानकारी कर सकते हैं।

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