- ‘विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम’ का बुधवार से हुआ आगाज
- नौ माह से पांच वर्ष के बच्चों को किया जाना है प्रतिरक्षित
बस्ती। जनपद के 3.84 लाख बच्चों को विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाई जाएगी। नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को इसकी कुल नौ खुराक लेना अनिवार्य है। इससे बच्चों को पोषण मिलता है, जिससे बीमारियों से बचाव होता है। एक माह तक अभियान चलेगा जिसका आगाज बुधवार से हुआ। शुभारंभ जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. विनोद कुमार ने अर्बन पीएचसी नरहरिया में एक बच्चे को विटामिन-ए की खुराक पिलाकर किया।
सीएमओ डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि ‘विटामिन ए सम्पूरण कार्यक्रम’ के तहत नौ से बारह माह के 75407, एक से दो वर्ष तक के 75039, दो से पांच वर्ष तक के 2.33 लाख बच्चों को दवा का सेवन करवाया जाएगा।
यह दवा खसरे से बचाव के प्रथम और दूसरे टीके के साथ दी जाती है। इसके अलावा प्रत्येक छह माह पर अभियान के दौरान भी इसका सेवन कराया जाता है। छाया वीएचएसएनडी और छाया यूएचएसएनडी सत्रों पर बच्चों को लाकर दवा का सेवन करवाया जाता है। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी यह शामिल है।
दवा के सेवन से अंधेपन से होगा बचाव
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि विटामिन ए की कमी छोटे बच्चों में अंधेपन का प्रमुख कारण है, जिसे दवा के सेवन से दूर किया जा सकता है। इसकी कमी बच्चों के विकास को बाधित कर सकती है, और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बाधित करती है। खसरा व दस्त पीड़ित बच्चों में इसकी कमी से मृत्यु की आशंका अधिक होती है। इस दवा का सेवन कर चुके बच्चों में दस्त, सिरदर्द, बुखार और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होती है ज्यादातर में बिना उपचार के 24- 48 घंटों के भीतर स्वतः दूर हो जाती हैं। वर्ष 2013 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विटामिन ए की कमी को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या घोषित किया है। विश्व में छह से 59 माह के प्रत्येक तीन बच्चों में से एक बच्चे को यह प्रभावित करता है।
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