चंद्रमा की सतह से महज 25 किलोमीटर दूर है। चंद्रयान-3 चांद की तस्वीर भेजी है। जिसे इसरो (ISRO) ने ट्विटर पर साझा किया है...
टेक डेस्क। पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी करीब 384400 किलोमीटर है। 14 जुलाई 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर लांच चंद्रयान-3 अब चंद्रमा की सतह से महज 25 किलोमीटर दूर रह गया। इसके यह 23 अगस्त 2023 की शाम को 5:47 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसरो (ISRO) चंद्रयान-3 के द्वारा की गई प्रोपल्शन मॉड्यूल की फोटो के साथ चांद के सतह की तस्वीरों को ट्विटर पर साझा कर देशवासियों को इस मिशन पर गर्व की अनुभूति करने का मौका दिया है।
17 व 18 अगस्त की हैं यह तस्वीरें
भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 अब धीरे-धीरे चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा है। बीते 17 अगस्त 2023 को लैंडर मॉड्यूल के प्रोपल्सन मॉड्यूल से अलग होने के बाद चंद्रयान-3 ने पहली तस्वीर भेजी। यह तस्वीर चंद्रमा के सतह की हैं। इसरो ने इन तस्वीरों का वीडियो बनाकर ट्विटर पर साझा किया है। जिसे देश और विदेश में खूब देखा जा रहा है। ऐसे में अब चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर को 25 किलोमीटर की दूरी खुद तय करनी है। इसके लिए 18 अगस्त 2023 को लैंडर मॉड्यूल की डी बूस्टिंग की जा चुकी है। इससे लैंडर की गति कम हो गई है।
23 अगस्त को लैंड करेगा विक्रम लैंडर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के अनुसार विक्रम लैंडर 23 अगस्त 2023 की शाम 05 बजकर 47 मिनट पर चंद्रमा सतह पर लैंड करेगा। रोवर और विक्रम लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेंगे। अगर यह लैंडिंग ठीक तरह से हो जाती है तो भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद ऐसा कीर्तिमान स्थापित करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
2019 में क्रैश हो गया था लैंडर
भारत का चांद की सतह पर पहुंचने का यह तीसरा मून मिशन है। वर्ष 2019 में चंद्रयान-2 का लैंडर चंद्रमा की सतह पर क्रैश हो गया था। इसके तुरंत बाद ही तीसरे मून मिशन की तैयारी शुरू हो गई थी, जो अब मूर्त रूप लेने जा रहा है। चंद्रयान-2 मिशन में आई दिक्कतों का अध्ययन कर इस बार लैंडिंग को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है।
दूसरी जगह भी लैंड कर सकता है लैंडर
चंद्रयान-3 के लैंडिंग में अगर को दिक्कत आती है, तो इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे दूसरी जगह भी लैंड कराया जा सकता है। ऐसे में इस मून मिशन के पूरा होने की पूरी संभावना है। जिस पर समूचे देश की नजर टिकी हुई है।
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