अनुदान पर मिल रही कृषि सामग्री, किसान उठाएं लाभ। पैदावार में बढ़ोतरी से ही मिल का होगा कुशल संचालन
बस्ती (यूपी)। चीनी मिल मुंडेरवा परिक्षेत्र में शरदकालीन गन्ना बुवाई को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे किसान जागरूकता अभियान के तहत देईसाड में गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें किसानों से गन्ने के बेहतर उपज के लिए वैज्ञानिक विधि अपनाने पर जोर दिया गया।
गन्ना किसान संस्थान व प्रशिक्षण केंद्र पिपराईच के सहायक निदेशक डॉ. ओमप्रकाश गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि शरदकाल में गन्ने की बुवाई कर किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए मिट्टी के अुनसार बीज के चयन से लेकर समय समय पर होनेवाली सिंचाई, कीटनाशक समेत दवाओं के प्रयोग पर ध्यान देना होगा। गेंदा सिंह गन्ना प्रजनन एवं शोध संस्थान सेवरही के कीट वैज्ञानिक विनय मिश्रा ने कहा गन्ने की बुवाई के साथ ही यह जरूरी है कि हम गन्ने में लगने वाले रोगों के प्रति भी सचेत रहें। गन्ने में होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए समय से उपचार करना जरूरी है। इसके लिए एलएसएस के कर्मचारी गांव-गांव में उपलब्ध है जिनके वैज्ञानिक सलाह का किसान लाभ उठा सकते हैं। जिसके लिए शासन के तरफ से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैैं।
मुख्य गन्ना प्रबंधक कुलदीप द्विवेदी ने कहा कि गन्ने के पैदावार बढ़ाने को लेकर किसानों का प्रयास सराहनीय है। शरदकालीन गन्ना बुवाई कर किसान और अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। इस कार्य में मिल प्रबंधन हर संभव सहयोग के लिए प्रयासरत है। उपज बढ़ाने को लेकर किए जा रहे प्रयास की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा शरदकालीन मौसम में गन्ने की नर्सरी तैयार करने से लेकर रिंगपीट विधि से बुवाई के मामले में क्षेत्र के लिए इस बार रिकार्ड उपलब्धि है। जलभराव वाले हिस्से के लिए गन्ने की नर्सरी तैयार कर बाद में रोपाई करने की कोशिश का बेहतर नतीजा निकल रहा है। हमारी कोशिश रिंगपीट व ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई के साथ ही सहफसली खेती पर है।
गोष्ठी में आए अतिथियों व किसानों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए संस्था के महाप्रबंधक गन्ना डा. वीके द्विवेदी ने चीनी मिल के मांग के अनुसार गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों से मदद की अपील की। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गन्ने की नर्सरी तैयार कर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। साथ ही गन्ना का पैदावार बढ़ाने में उनका सहयोग महत्वपूर्ण है।
वरिष्ठ गन्ना निरीक्षक खलीलाबाद डॉक्टर रामफल, उप चेयरमैन मुंडेरवा विश्वजीत पाल, डायरेक्टर देईसाड़ विनोद राय, डायरेक्टर मुंडेरवा सुरेंद्रनाथ पाठक, डायरेक्टर बारीघाटा फूलचंद पटेल, वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक मनोज नाथ तिवारी, एसएन राय, रवि कुमार सिंह ने प्रमुख रूप से हिस्सा लिया।
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