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Ayodhya Ram Mandir: तस्वीरों में देखिए राम मंदिर की झलक, भूतल को दिया जा रहा अंतिम रूप

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक्स पर 15 सितंबर 2023 को दो फोटो के साथ पोस्ट किया है कि श्री रामजन्मभूमि मंदिर के भूतल को दिए जा रहे अंतिम रूप की एक झलक पेश करते हुए।

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अयोध्या (यूपी)। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने 15 सितंबर 2023 को राम मंदिर को लेकर एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट की गईं दो तस्वीरों पर उन्होंने अंग्रेजी में लिखा है कि "Offering a glimpse of the finishing touches being given to the ground floor of Shri Ramjanmbhoomi temple"। जिसका हिंदी अनुवाद है कि "श्री रामजन्मभूमि मंदिर के भूतल को दिए जा रहे अंतिम रूप की एक झलक पेश करते हुए।"

राम मंदिर के भूतल का निर्माण अंतिम चरण में

निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर की भव्य झलक सामने आई है। श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के महासचिव चंपत राय अक्सर निर्माणाधीन श्री राम मंदिर के फोटो और वीडियो एक्स पर साझा करते रहते हैं। अब उन्होंने निर्माणाधीन राम मंदिर भूतल की तस्वीर साझा की है, जिसमें मंदिर के भूतल का निर्माण अब अंतिम चरण में पहुंच गया है।

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गर्भगृह बनकर हो चुका है तैयार

16 अगस्त 2023 को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने राम मंदिर के गर्भगृह की छत का वीडियो जारी किया था। उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसी गर्भगृह में ही सिंहासन पर श्रीरामलला विराजमान होंगे। गर्भगृह के दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है। इसकी छत के बीच में बनी नक्काशी के ठीक नीचे ही श्रीरामलला विराजेंगे। इस स्थान पर इस समय एक ध्वज लगाया गया है। चंपत राय ने गर्भगृह की तस्वीर को साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा था कि "श्रीराम मंदिर के गर्भगृह की छत"।

राजस्थान, कर्नाटक के पत्थर लगे हैं

श्रीराम मंदिर के निर्माण में राजस्थान और कर्नाटक से मंगाए गए पत्थर लग रहे हैं। इसकी डिजाइन के लिए पिंक सैंड भी लगाया जा रहा है। बताया गया है कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह की दीवार के साथ छत ढाली जा चुकी है। फर्श और मंदिर के बाहरी परिसर का काम अभी चल रहा है। वहीं, भूतल पर 166 खंभों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। गर्भगृह के छह खंभे सफेद संगमरमर के हैं। बाहरी खंभे पिंक सैंड स्टोन से निर्मित हैं। सूर्यास्त के समय यह मंदिर अद्भुत छटा बिखेरता है।

रामलला की मूर्ति पर पड़ेगी सूर्य की किरण

भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण में खगोल विज्ञान से जुड़े लोग भी काम कर रहे हैं। वह यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि रामजन्म यानी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन में दोपहर ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें कुछ देर के लिए श्रीरामलला की मूर्ति को स्पर्श करें। वर्ष 2024 में रामजन्म उत्सव में यह अलौकिक नजारा देखने को मिल सकता है। क्योंकि यह रामजन्म उत्सव हर मायने में विशेष होगा।

15 से 24 जनवरी के बीच होगी प्राण-प्रतिष्ठा

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में 15 से 24 जनवरी 2024 के बीच किसी दिन भगवान श्रीरामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए अक्तूबर 2023 तक श्रीराम मंदिर के भूतल का काम पूरा हो जाएगा। फिनिशिंग आदि का काम दिसंबर महीने तक पूरा हो जाएगा। यहां भगवान श्रीराम पूरे परिवार के विराजमान होंगे। सेकेंड फ्लोर पर अभी किसी भी प्रतिमा को स्थापित नहीं किया जाएगा। यह केवल मंदिर को ऊंचाई प्रदान करेगा। मंदिर के निर्माण में अब तक 21 लाख घन फिट ग्रेनाइट के साथ सैंड स्टोन और मार्बल इस्तेमाल हो रहा है।

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