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रामोत्सव 2024: लेखनी भी हुई राममय, कवियों ने रचनाओं से की प्रभु श्रीराम की अगुवानी

रामोत्सव 2024: लेखनी भी हुई राममय, कवियों ने रचनाओं से की प्रभु श्रीराम की अगुवानी

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बस्ती (यूपी)। संस्कार भारती बस्ती इकाई द्वारा सोमवार को रामोत्सव कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। प्रेस क्लब बस्ती में आयोजित सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ. चारुशीला सिंह ने प्रभु श्री राम का जीवन दर्शन सबके समक्ष रखा। संस्कार भारती गोरक्ष प्रांत की कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर कैप्टन पीएल मिश्रा ने अयोध्या में हो रहे महोत्सव की विराटता और जनमानस का अपने आराध्य के प्रति समर्पण पर विस्तार से बताया।

राजमाता आसमा सिंह ने कहा की बस्ती श्री राम की गुरु की भूमि है। यह भूमि उनके जन्म का कारण बनी है इस नाते यह भूमि महान है। कवि सम्मेलन का श्री गणेश डॉ. कैप्टन पीएल मिश्रा, डॉ. चारू शीला सिंह, पूर्णिमा तिवारी, डॉ. रंजना अग्रहरि, डॉ.राजेश कुमार मिश्र ने दीप प्रज्वलन कर एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। संस्कार भारती ध्येय गीत ललिता श्रीवास्तव के नेतृत्व में सभी लोगों ने गाया। बस्ती इकाई अध्यक्ष डॉ. रंजना अग्रहरि एवं ललिता श्रीवास्तव के नेतृत्व में सभी सदस्यों ने सुंदर भजन राम आएंगे तो अंगना सजाएंगे तथा सुंदर सोहर गाकर के कार्यक्रम को राममय कर दिया। कवि सम्मेलन में देर शाम तक प्रभु श्री राम को समर्पित काव्य पाठ चला रहा। 

कवि सम्मेलन का श्री गणेश डॉ. रंजना अग्रहरि के वाणी वंदना से प्रारंभ हुआ। कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे मंत्री डॉ राजेश कुमार मिश्र अपनी रचना पढ़ी

कलयुग में भी आ गए, अपने घर में राम।

दोनों हाथों को उठा, बोलो जय श्री राम।। 

डॉ.चारुशीला सिंह ने पढ़ा

काटी है जो गिन गिन के अवध ने घड़ी-घड़ी

बीती उन घड़ियों की प्रतीक्षा में राम है।।

डॉ.शिवा त्रिपाठी ने पढ़ा 

संकल्प सभी का सफल हुआ मन में उल्लास समाया है।

जाने कितनी सदियां बीती तब नव प्रभात यह आया है।।

मयंक श्रीवास्तव ने बस्ती की महिमा का गुणगान करते हुए काव्य पाठ किया। डॉ.शैलजा सतीश ने अपनी रचना पढ़ी...

लड़ तू आखिरी सांस तक लड़। यह जीवन का रण। बन राम। कर रावण दमन 

कुमार श्वेतांशु ने पढ़ा 

राम संसार के मूल आधार हैं।

राम का नाम जपने से भाव पर है।। 

रहमान अली रहमान ने पढ़ा 

चलो अयोध्या दर्शन करने 

एक ईंट मंदिर में रख ले। 

अभिषेक त्रिपाठी ने अपनी रचना पढ़ी 

आज सरयू किनारे बसे हैं

हम तुम्हारे सहारे हंसे हैं ।

प्रशांत पांडेय ने पढ़ा

स्वर्गपुरी में हो रही चर्चा, इंद्रदेव जी बांट रहे हैं अक्षत और पर्चा।

वंदना सिंह ने अपनी रचना पढ़ी 

उम्र से पहले ब्याह दी गई बेटियां

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कार्यक्रम का संयोजन मयंक श्रीवास्तव अध्यक्षता डॉ रंजना अग्रहरि एवं संचालन सरिता शुक्ला ने किया। इस अवसर पर सत्या मिश्रा, लता सिंह, स्नेह लता मिश्रा, सरोज सिंह, निर्मला वर्मा, मधुबाला श्रीवास्तव, उषा पांडेय, कमला वर्मा, शालिनी मिश्रा, गीतांजलि, अर्चना श्रीवास्तव, अपराजिता सिन्हा, संजू, संध्या दीक्षित, डॉ भानुजा, रेखा चित्रगुप्त, ओमप्रकाश पांडेय, अभिषेक चंद्र ओझा, ओम प्रकाश उपाध्याय सहित तमाम साहित्य प्रेमी कविता का आनंद लिए।

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