Vasuki Snake Fossil Found 2024: पौराणिक कथाओं में वासुकी नाग का नाम तो सुना ही होगा। समुद्र मंथन के समय मंदराचल पर्वत को वासुकी नाग ने ही लपेटा था तब देवता और असुरों ने समुद्र को मथा था। लेकिन, अब एक ऐसे नाग का जीवाश्म मिला है, जो कई मायने में खास है। भारत में मिले इस सर्प जीवाश्म (Snake Fossil) को वासुकी इंडिकस नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि यह अब तक के खोजे गए सांपों में सबसे लंबा है। जीवाश्म के आकलन स यह अनुमान लगाया गया है कि इस सांप की लंबाई 50 फीट के आसपास थी। सांप का यह जीवाश्म गुजरात में मिला है।
गुजरात के पैनान्ध्रो लिग्नाइट खदान में मिला है यह जीवाश्म
भारत में पाए गए इस सांप की नई प्रजाति को वैज्ञानिकों ने वासुकी इंडिकस नाम दिया है। वहीं, जीनस नामकरण सनातन हिंदू धर्म वर्णित नागों के पौराणिक राजा वासुकी के आधार पर किया गया है। लाइव साइंस की रिपोर्ट बताती है कि यह जीवाश्म गुजरात के पैनान्ध्रो लिग्नाइट खदान में पाया गया है। बताया गया है कि इस विशालकाय सांप के कुल 27 जीवाश्म कशेरुकाओं को खोजा गया है, जिसमें से कई अभी सही अवस्था में हैं। इससे वैज्ञानिकों को करोड़ों साल पहले धरती पर मौजूद सांपों व उनकी प्रजातियों के अध्ययन करना आसान हो जाएगा। एक बार बता दें कि वैज्ञानिकों ने भारत में प्राचीन सांप का जीवाश्म अवशेष खोजा है। माना जा रहा है कि यह अभी तक का सबसे बड़ा सांप हो सकता है। इस विशालकाय सांप की लंबाई 50 फीट तक हो सकती है, जो वर्तमान में सबसे बड़े सांप का रिकॉर्ड रखने वाले टाइटनोबोआ से करीब 6.5 फीट (2 मीटर) से कई गुना अधिक है।
4.7 करोड़ साल यानी इओसीन युग का वासुकी जीवाश्म
धरती पर करोड़ों से जीवन का क्रमिक विकास होता चला आ रहा हैं। जब भी वैज्ञानिकों को करोड़ों साल पहले जुरासिक युग आदि काल के जीवन के सबूत मिलते हैं तो कई हैरतअंगेज जानकारियां सामने आती हैं। ऐसा ही वासुकी इंडिकस के साथ भी है। यह जीवाश्म तकरीबन 4.7 करोड़ साल पहले का है। वैज्ञानिकों की भाषा में उस काल को इओसीन युग कहते हैं। शोध से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि वासुकी का जो जीवाश्म मिला है, वह एक पूर्ण विकसित वयस्क का है। सांप के रीढ़ की हड्डियों की चौड़ाई का उपयोग करके सांप के शरीर की कुल लंबाई का अनुमान लगा है। जिसके आधार पर वासुकी इंडिकस की लंबाई 36 से 50 फीट के बीच हो सकती है। हालांकि अभी टीम का शोध जारी है और इसमें बदलाव की संभावना भी है। यह रिपोर्ट 19 अप्रैल 2024 को साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
सांपों के डेटा के इस्तेमाल से नापी गई लंबाई
वासुकी इंडिकस शोधकर्ताओं ने सांप की लंबाई की संभावित सीमा का निर्धारण दो तरीकों से किया। वर्तमान में पाए जाने वाले सांपों का डेटा जुटाया गया। इसमें सांप की कशेरुकाओं की चौड़ाई और उसकी लंबाई के बीच संबंध देखा गया। यह सब निर्धारित करने के लिए वर्तमान सांपों का इस्तेमाल किया गया। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह रही कि उनके डेटासेट में अंतर पाया गया। वहीं एक अन्य डेटाबेस में बोइडे परिवार के आधुनिक सांपों के डेटा की कसौटी पर देखा गया। इसमें बोआ और अजगर जैसे दूसरे विशालकाय सांप शामिल हैं। साथ ही आज जीवित सबसे बड़े सांपों में शामिल हैं।
टिटानोबोआ सेरेजोनेंसिस से बड़ा है वासुकी इंडिकस
सबसे बड़ा सांप मिला? इस शोध के सह लेखक देबजीत दत्ता आईआईटी रुड़की ( IIT Rurkee) में पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता हैं। लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार उनका कहना है कि वैसे तो वासुकी नागों का संबंध विलुप्त प्रजाति से हैं। यह अजगर और एनाकोंडा की प्रजाति से जुड़े हो सकते हैं। हालांकि एक बात जरुर कहा कि वासुकी इंडिकस के शरीर की लंबाई को नापने के लिए वर्तमान सांपों का डेटा इस्तेमाल किया जा रहा है। इस वजह से अभी कई अनिश्चितताएं सामने आ सकती हैं। अनुमान के मुताबिक वासुकी इंडिकस टिटानोबोआ सेरेजोनेंसिस से भी बड़ा है। टिटानोबोआ सेरेजोनेंसिस अब तक का खोजा गया सबसे बड़ा सांप है। यह धरती पर करीब लगभग 6 करोड़ साल पहले रहता था। इसका जीवाश्म पूर्वोत्तर कोलंबिया में साल 2002 में पाया गया था।
अब वासुकी सांप के बारे में
दरअसल, वैज्ञानिक वासुकी इंडिकस (Vasuki Indicus) के विशेष समूह मैडट्सोइडे से जुड़ा हुआ है। भारत और दक्षिण यूरोप के साथ अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका इसे पहली में 6.6 से 10 करोड़ साल पहले देखा गया था। आगे कहा गया कि वासुकी की पसलियां कशेरुकाओं से जुड़ी होती थीं। उन जगहों को देख कर के ही शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि वासुकी इंडिकस का शरीर चौड़ा व बेलनाकार था। वह जीवन का अधिकांश समय धरती पर बिताता था। वहीं, इसकी तुलना में समुद्र है पानी में पाए जाने वाले सांपों का शरीर बहुत सपाट, सुव्यवस्थित होता है। वैज्ञानिकों ने यह भी अनुमान लगाया है कि यह लगभग 28 डिग्री सेल्सियस के औसत गर्म जलवायु में विकसित हुआ था।
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