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Up Rain Alert || यूपी में दो दिन बारिश का अलर्ट || आंधी के साथ वज्रपात की भी संभावना |
Up Ka Mausam || Up Weather Update || Purvanchal Weather Update || UP Rain weather IMD forecast || उत्तर प्रदेश में बारिश को लेकर एक बार फिर मौसम विभाग की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की ओर से बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अगले दो दिनों तक बारिश हो सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में जहां भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वहीं, पूर्वांचल के कई जिलों में सामान्य वर्षा हो सकती है। हालांकि शुक्रवार को पूर्वानुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में कई जिलों में मौसम सामान्य रहा। बस्ती मंडल में बारिश न के बराबर हुई। आसमान में बादलों की आवाजाही लगी रही, जिससे उमस भरी गर्मी से थोड़ी बहुत राहत दोपहर तक रही। लेकिन दोपहर के बाद उमस भरी गर्मी में एक बार फिर लोगों को बेहाल कर दिया।
इन जिलों में हो सकती है भारी बारिश
उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में अगले दो से तीन दिनों तक बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग की ओर से जिन जिलों में बारिश को लेकर पूरा अनुमान जताया गया है। उनमें प्रयागराज, वाराणसी, जौनपुर, सहारनपुर, भदोही, इटावा, सोनभद्र, आजमगढ़, गाजीपुर, चंदौली, बलिया, देवरिया समेत आसपास के जिले शामिल हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ व उसके आसपास के जिलों में भी बारिश हो सकती है। इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के क्षेत्र में भी बारिश को लेकर येलो जारी किया गया है। हालांकि पूर्वांचल के लिए बारिश को लेकर किसी तरह का अलर्ट नहीं है। लेकिन, आसमान में बादलों की मौजूदगी से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अगले दो से तीन दिनों तक बारिश होने की संभावना बनी रह सकती है।
बस्ती में शुक्रवार को खिली धूप
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में शुक्रवार की सुबह आसमान में बादलों की मौजूदगी तो रही, लेकिन 10 बजते-बजते धूप निकल आई। धूप निकलने के चलते उमस भरी गर्मी ने एक बार फिर लोगों को बेहाल करना शुरू कर दिया। हालांकि आसमान में बादलों की आवाजाही बनी हुई है। कभी घने बादल छा रहे हैं तो कभी धूप निकल जा रही है। ऐसी स्थिति में बारिश होने की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है। पिछले एक महीने से अधिक समय से उत्तर प्रदेश की बस्ती जिले में रुक रुक कर बारिश हो रही है। ऐसे में जहां लोग उमस भरी गर्मी से बेहाल नजर आ रहे हैं। वहीं किसानों के भी माथे पर चिंता की लकीरें एक बार फिर गाढ़ी होने लगी हैं।
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