![]() |
यूं ही नहीं दीवाली पर बनती है यह खास सब्जी || इसके फायदे जानकर कहेंगे हर दिन खाऊंगा मैं || बिहार और पूर्वांचल में इस नाम से है फेमस |
Jimikand Health Benefits || दीपावली के खास मौके पर हर एक किचन में एक खास सब्जी बनती है। जिसे बिहार और पूर्वांचल में सूरन या ओल के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, उत्तर प्रदेश के कुछ ग्रामीण इलाकों में इसे कान भी कहते हैं। दीपावली के दिन इस सब्जी को हर किचन में अनिवार्य रूप से बनाया जाता है। इतना ही नहीं परिवार के हर सदस्य को इसे खाना बेहद जरूरी होता है। बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि ओल या सूरन की सब्जी खाने के कई औषधीय महत्व हैं। इनके फायदाओं के बारे में जब आपको जानकारी होगी तो आप भी चौंक जाएंगे और आपके मुंह से बस यही निकलेगा कि अब से तो इस सब्जी को मैं हर दिन खाऊंगा। तो आईए जानते हैं सुरन या ओल की सब्जी या चोखा खाने के फायदे के बारे में...
क्या है जिमीकंद, सूरन या ओल
सूरन की सब्जी दीपावली पर विशेष तौर पर बनाई जाती है। यह हमारी सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा भी बन गई है। यही वजह है कि बाजार में दीपावली के आते ही सूरन के ठेले खूब दिखने लगते हैं। सूरन जिमीकंद या ओल एक अनोखी सब्जी है। इसे जब एक बार बो दिया जाता है। तो यह कई वर्षों तक अपने आप ही उगती रहती है। दरअसल यह पौधे की जड़ होती है। जो जमीन के नीचे फैलती है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। यह फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है। इसीलिए बड़े बुजुर्ग इस सब्जी को ठंड के सीजन में और दीपावली के मौके पर खाने को विशेष महत्व देते हैं। यही वजह रही कि धीरे-धीरे दीपावली पर अनिवार्य रूप से इसकी सब्जी बनने की सांस्कृतिक परंपरा ही बन गई।
पाचन तंत्र के लिए लाभकारी
जिमीकंद में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसीलिए इसकी सब्जी या चोखा पाचन तंत्र को बेहतर रखने में काफी मददगार साबित होता है। इसके नियमित सेवन से अपच, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। इसका अगर नियमित सेवन किया जाए तो पेट भी साफ रहता है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना गया है।
वेट कम करने में सहायक
आजकल दौड़ भाग भरी जिंदगी और डिब्बा बंद फूड के सेवन से मोटापा आम समस्या बन गई है। ऐसे में अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो जिमीकंद या सूरन या कहें ओल का सेवन आपको काफी फायदा पहुंचा सकता है। इसके सेवन से पेट हुआ महसूस करता है। क्योंकि इसमें फाइबर होता है। इसलिए यह इसका गुण होता है। इसके सेवन से भूख कम लगती है। वजन को नियंत्रण में रखने में भी मददगार साबित होता है।
हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाता है सूरन
सूरन, जिमीकंद के सेवन से हीमोग्लोबिन का स्तर भी बेहतर होता है। इसके नियमित सेवन से एनीमिया से बचाव होता है। क्योंकि इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इसका नियमित सेवन करने से एनीमिया से लड़ने में सहायता मिलती है। ऐसे में नियमित रूप से सूरन की सब्जी का सेवन किया जाए तो शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ सकता है। इससे शरीर में खून की कमी भी दूर होती है।
गठिया के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी
गठिया के रोगियों के लिए सूरन की सब्जी का सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है। सूरन की सब्जी के नियमित सेवन से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। दरअसल सूरन में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाया जाता है। चिकित्सक मानते हैं कि इस वजह से जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में भी सहायता मिलती है। ऐसे में गठिया के मरीजों को सूरन की सब्जी या चोखा का नियमित रूप से सेवन करना लाभप्रद माना गया है।
पाइल्स में भी लाभकारी
अगर आप पाइल्स या बवासीर से परेशान हैं तो सूरन की सब्जी आपको नियमित खानी चाहिए। चिकित्सकों की ओर से भी पाइल्स या बवासीर के रोगियों को जिमीकंद की सब्जी खाने की सलाह दी जाती है। दरअसल, सूरन के सेवन से पाचन क्रिया मजबूत होती है और कब्ज से राहत मिलती है। ऐसे में जाहिर है कि सूरन बवासीर में भी लाभ कारक हो सकता है। वहीं, खूनी बवासीर में सूरन को छाछ के साथ उबालकर खाना फायदेमंद माना गया।
सूरन में पाए जाने वाले पोषक तत्व
सूरन में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिमीकंद में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन B1, विटामिन B6 के अलावा फोलिक एसिड और बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। जो न केवल पाइल्स बल्कि अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं में लाभकारी माने जाते हैं।
जब तक सीजन रहे हर दिन करें सेवन
जिमीकंद या सूरन बहुलाभकारी सब्जी है। यह हमारे स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ देता है। ऐसे में जब तक सीजन रहे सूरन या जिमीकंद की सब्जी का सेवन करते रहना चाहिए। हालांकि मौजूदा समय में सूरन की सब्जी कई घरों में दीपावली के दिन तो बनती है। लेकिन इसके बाद लोग इसे भूल जाते हैं। ऐसे लंबे समय तक सेहत को दुरुस्त रखना है तो जब तक सीजन रहे तब तक सूरन या जिमीकंद की सब्जी या चोखा खाना बेहद लाभकारी माना जाता है। ऐसे में इस अद्भुत सब्जी को अपने दैनिक आहार में शामिल करना आज से ही शुरू कर दें।
सूरन का अचार भी बनता है
भारतीय घरों में तकरीबन हर सब्जी का अचार बनाने की परंपरा से बन गई है। जैसे में तमाम घरों में लोग सीजन आने पर सूरन का अचार भी बनाते हैं। यह जायके में भी बेजोड़ होता है। इसके साथ ही सूरन को लंबे समय तक संरक्षित भी रखा जा सकता है और जब सीजन खत्म हो जाता है। तब भी सूरन का सेवन अचार के रूप में किया जा सकता है। वहीं, कई घरों में सूरन की सब्जी हल्दी सरसों के मसाले के साथ बनती है। जबकि कई घरों में इसका चोखा भी बनाया जाता है। हालांकि सूरन को जिस भी रूप में प्रयोग किया जाए वह फायदेमंद होता है ऐसे में अगर बाजार में सूरन दिखे तो उसे हल्के में लेने की भूल कतई न करें।
0 Comments