- मंडी में भंडारित होता है तीन गोदामों में पांच हजार एमटी सरकारी गेहूं व चावल
- पांच दर्जन मंडी की दुकानों में रखा जाता है अनाज व फल-सब्जी
बस्ती। शहर के हड़िया स्थित नवीन मंडी स्थल की चहारदीवारी टूट जाने से यहां रखे गए करोड़ों रुपए के अनाज असुरक्षित हो चुके हैं। मंडी के चारो तरफ से रास्ता होने के कारण कभी भी कोई चोरी की घटना हो सकती है। इसके लिए अभी मंडी स्थल के जिम्मेदार कोई सुधि नहीं ले रहे हैं।
बस्ती-गोरखपुर फोरलेन स्थित मंडी स्थल पर दशकों पहले बनी चारदीवारी जगह-जगह टूट कर गिरती जा रही है। यहां पांच हजार एमटी गेहूं व चावल का भंडारण करने के लिए तीन गोदाम बनाए गए हैं। इसके अलावा तकरीबन पांच दर्जन से अधिक व्यापारियों की दुकानों में भी अनाज, सब्जी व अन्य सामग्री रखी जाती है। मंडी के उत्तरी छोर की चारदीवारी जहां कई जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है, वहीं यहां की सड़कें व अन्य संसाधन भी अपनी बदहाली बयान कर रहे हैं।
तीन वर्षों से खराब है इंडियामार्का हैंडपंप
मंडी में लगा इकलौता इंडियामार्का हैंडपंप तकरीबन तीन साल से खराब पड़ा है। जबकि यहां भारतीय खाद्य निगम के गोदामों पर दिन-रात काम करने वाले लगभग 50 मजदूर प्यास से व्याकुल होकर इधर-उधर भटकते हैं। यही नहीं यहां बिछाई गई पाइपलाइन भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी है और इससे आए दिन गोदामों के आसपास जलजमाव होता रहता है। यहां कोई सक्रिय शौचालय भी नहीं है, जिससे मजदूरों व व्यापारियों को लाभ मिल सके। मतगणना के समय कभी-कभी पुराने शौचालयों को चालू करवा दिया जाता है, उसके बाद उनकी फिर वहीं दुर्दशा हो जाती है।
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संसाधनों के सुधार के लिए भेजा गया है प्रस्ताव
मंडी परिषद के उप निदेशक (निर्माण) सरोज कुमार ने बताया कि शार्टकट के चक्कर में आसपास के लोग चारदीवारी क्षतिग्रस्त कर रास्ता बना लेते हैं। ऐसा बार-बार हो रहा है। विधानसभा मतगणना के पहले भी बाउंड्री की मरम्मत कराई गई थी। इधर फिर क्षतिग्रस्त हो गई है। मंडी की चारदीवारी, हैंडपंप व अन्य आवश्यक सुविधाओं को सुधारने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
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