- बहादुरपुर ब्लॉक के हथिया उपाध्याय गांव से कैथवलिया लाला गांव होकर दुबौलिया ब्लॉक में जाने वाली सड़क हुई तीन साल से बदहाल
- बहादुरपुर व दुबौलिया ब्लॉक के तकरीबन 50 गांवों के राहगीरों का होता है सीधा आवागमन
- मनोरमा नदी के पुल तक सड़क पर बने खतरनाक गड्ढे
बस्ती। बहादुरपुर व दुबौलिया ब्लॉक के गांवों को जोड़ने वाली हथिया उपाध्याय से दुभरा चौबे होकर कैथवलिया लाला गांव की सड़क अपने निर्माण के तीन साल के भीतर ही टूट कर जानलेवा हो चुकी है। इससे तकरीबन 50 गांवों के राहगीरों का आवागमन बाधित होने लगा है। बावजूद इसके जिम्मेदार गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
एलडी यानी कि लुंबिनी-दुद्धी मार्ग स्थित बहादुरपुर ब्लॉक के पोखरनी-पोखरा मार्ग पर हथिया उपाध्याय गांव से दुभरा चौबे होकर कैथवलिया लाला से दुबौलिया ब्लाक के गांवों तक जाने वाली सड़क के निर्माण की स्वीकृति 2015-16 में मिली थी। यहां कैथवलिया लाला गांव में मनोरमा नदी पर पुल व एप्रोच मार्ग का निर्माण 8 करोड़ 67 लाख रुपए से किया जाना था। पुल व एप्रोच सहित हथिया उपाध्याय गांव तक की सड़क के निर्माण में लोक निर्माण विभाग यानी कि पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड को पूरे तीन साल लग गए। 2018 में यह पुल व सड़क बनकर तैयार हो गई। नियमतः इस सड़क की मरम्मत तीन साल के बाद हो जानी थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी ने इस पर ध्यान नहीं दिया और यह सड़क जगह-जगह खरतनाक गड्ढों में तब्दील हो गई। जबकि इस पुल व सड़क से बहादुरपुर ब्लॉक के दर्जनों गांवों समेत दुबौलिया ब्लॉक के केवटली, बेसवरा, गौरिया, बबुरहिया व सैनिया तक के तकरीबन 50 गांवों के लोगों का जिला मुख्यालय तक सीधा आवागमन होता है।
इसे भी पढ़ें...
OMG 2 Release Date: भोलेनाथ के अवतार में दिखेंगे अक्षय कुमार
संतोष श्रीवास्तव, कैथवलिया लाला
जब यह सड़क बनी तो हम लोगों का आवागमन आसान हो गया। हम लोग इसी रास्ते से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं। इसी सड़क से हम लोग जिला व ब्लॉक मुख्यालय तक आवागमन करते हैं। इसका मरम्मत होना बहुत जरूरी है।
हरदेव लाल, कैथवलिया लाला
इस सड़क पर वाहन तो दूर पैदल चलना मुश्किल हो गया है। हर कदम पर खतरनाक गड्ढे बन जाने से हमेशा हादसे का भय बना रहता है। इस स्थिति से जिम्मेदार विभाग को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
सिया बल्लभ चतुर्वेदी, प्रधान दुभरा चौबे
इधर जिले की अधिकांश सड़कों का पुनरुद्धार हो गया और बहुत सी सड़कें नई हो गईं। लेकिन जब हम लोग अपने गांव की सड़क के बारे में सोचते हैं तो बहुत ही अफसोस होता है। इसके लिए न तो जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे और न ही विभाग।
अमूल चतुर्वेदी, दुभरा चौबे
हमारे गांव में आने-जाने के लिए यही इकलौती सड़क है। बावजूद इसकी हालत बद से बदतर हो चुकी है। इससे हम लोग दिन ढलने से पहले ही अपने घरों में आ जाते हैं। रात में अगर अचानक निकलना हुआ तो हजार बार सोचते हैं।
सर्वे करवाकर नवीनीकरण का बनेगा प्रस्ताव
पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता केशव लाल ने बताया कि सड़क की स्थिति देखी जाएगी और सर्वे करवाकर अगली कार्ययोजना में शामिल कर मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।




