सावन महीने में दूर-दूर आए शिवभक्त करते हैं जलाभिषेक व रुद्राभिषेक
सोमवार और तेरस के दिन मंदिर परिसर में रहता है मेले जैसा दृश्य
बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला मुख्यालय से करीब बीस किलोमीटर दूर स्थित बाबा भारीनाथ शिव मंदिर अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय है। मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी हर मुराद को भोलेनाथ पूरा करते हैं। यहां से कभी कोई खाली हाथ नहीं लौटा है। इस मंदिर में सावन के महीने में दूर-दूर आकर शिवभक्त जलाभिषेक व रुद्राभिषेक का पुण्यलाभ अर्जित करते हैं। यही नहीं मंदिर परिसर में हर सोमवार और तेरस के दिन मेले जैसा दृश्य रहता है।
क्या है मंदिर का पौराणिक इतिहास
गौर ब्लॉक के हरदी ग्राम पंचायत में स्थित बाबा भारीनाथ का मंदिर करीब तीन सौ वर्ष पुराना माना जाता है। हालांकि इसका कोई पुरातात्विक प्रमाण तो नहीं है, लेकिन यहां के लोगों का इस मंदिर अटूट विश्वास है। वही बताते हैं कि बाबा भारीनाथ मंदिर से आज तक कोई निराश नहीं लौटा है। बाबा भारीनाथ के दरबार मे हाजिरी लगाने मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
जनश्रुति में हर जुबान है यह कहानी
बाबा भारीनाथ मंदिर के पास ही इटहिया गांव है। यहां रहने वाले देवतादीन स्वर्णकार के कोई संतान नहीं थी। उनके पास धन-संपदा की कोई कमी नहीं थी। संतान न होने से वह काफी दुखी रहा करते थे। एक रात की बात है। उन्हें सपने में बाबा भारीनाथ का मंदिर निर्माण करने की प्रेरणा मिली। इसके बाद उन्होंने मंदिर का निर्माण कराया। यह मंदिर वर्ष 1969 में बनकर तैयार हुआ। बाबा भारीनाथ शिवमंदिर में हरदी बाबू गांव के मूसे और राम अजोर गोस्वामी के वंशज काफी समय से पूजा अर्चना और देखभाल करते आ रहे हैं।
वीर हनुमान और मां दुर्गा का भी है मंदिर
बाबा भारीनाथ शिवमंदिर परिसर में वीर हनुमान और मां दुर्गा का भी मंदिर है। यहां भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने आने वाले भक्त को रामभक्त हनुमानजी और सभी का कल्याण करने वाली मां दुर्गा की भी आराधना का पुण्य फल प्राप्त होता है। यहां हर घंटे-घड़ियाल की आवाज गूंजती रहती है। जो यहां के वातावरण को भक्तिमय कर देती है।
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ऐसे पहुंचे बाबा भारीनाथ शिवमंदिर
बस्ती जिला मुख्यालय से सड़क मार्ग से बाबा भारीनाथ शिवमंदिर पहुंचा जा सकता है। बस्ती शहर से मूड़घाट चौराहा से गनेशपुर कस्बा होते हुए दुबौला चौराहा पहुंचना होगा। यहां से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर बाबा भारीनाथ शिवमंदिर है। यहां पहुंचने के लिए ऑटो आदि चलते हैं।
मंदिर परिसर में होते रहते हैं धार्मिक आयोजन
मंदिर परिसर तकरीबन हर दिन धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। यहां हवन कक्ष, धर्मशाला का निर्माण भी कराया गया है। यहां भक्तों ने कई हैंडपंप भी लगवाए हैं। यहां मान्यता पूरी होने पर भक्त भंडारे का भी आयोजन करते हैं।
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