बस्ती (यूपी)। दलित बस्तियों में चौपाल लगाकर कांग्रेस दलितों का मांग पत्र तैयार करेगी, जिसे चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा बनाया जाएगा। प्रदेश नेतृत्व के निर्देश में इस दिशा में जिला कांग्रेस कमेटी ने तैयारी शुरू कर दिया है। यह बातें जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’ ने कही।
वह 11 अक्टूबर 2023 को कटेश्वर पार्क के निकट पार्टी दफ्तर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए बोले कि गैर कांग्रेसी सरकारों ने दलितों का इस्तेमाल वोट बैंक के रूप में किया और सरकारें बनती रहीं। लेकिन उनके उत्थान के लिए अथवा उन्हें अधिकार दिलाने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने कहा दलित बस्तियों में चौपालों के आयोजन का उद्देश्य उनकी मांगों का संकलन करना है, साथ ही यह भी समझना है कि आखिर दलित वोटरों ने कांग्रेंस से दूरी क्यों बनाई।
प्रदेश सचिव देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कांग्रेस की नीतियां पहले भी सबसे बेहतर थीं और आज भी हैं। पहले नीतियों पर चुनाव होते थे, अब जातियों पर होते हैं। कांग्रेस ने कभी जाति धर्म के आधार पर अपना वोट बैंक नहीं बनाया और न ही इन आधारों पर समाज में कोई विभेद पैदा किया।
यही कारण है कि एक दशक से कांग्रेस सत्ता से बाहर है। लेकिन जिन जातियों ने खास तौर से दलित जिन उम्मीदों पर पिछले दशक से भाजपा को वोट करते आ रहे हैं उन उम्मीदों पर उन्हे निराश ही हाथ लगी है। वक्त तेजी से बदल रहा है। 130 करोड़ देशवासियों को समझ आ गई है कि सब को साथ लेकर चलने की सोच केवल कांग्रेस की है। बाकी दलों ने वोटरों के साथ भावनात्मक खेल खेला है। पत्रकार वार्ता में पूर्व विधानसभा प्रत्याशी बृजेश आर्या, मो. रफीक खां, विश्वनाथ चौधरी, शौकत अली नन्हू, अलीम अख्तर, नफीस खां, अशोक श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
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