राम का हुआ राज्याभिषेक, दीप प्रज्वलन व आतिशबाजी संग मनाई गई खुशी
बस्ती (यूपी)। सनातन धर्म संस्था द्वारा आयोजित श्री रामलीला महोत्सव के दशम दिवस का शुभारंभ नित्य की भांति बाल कलाकारों द्वारा सजी सजीव झांकी की आरती के साथ प्रारम्भ हुआ। आरती में मुख्य रूप से सम्मिलित हुए।
प्रथम सत्र में रावण वध, रावण से राजनीति की शिक्षा, विभीषण राज्याभिषेक सीता जी की अग्नि परीक्षा का मंचन महेश प्रताप इंटर कॉलेज रुधौली के बच्चों द्वारा किया गया आज की प्रसंग के शुभारंभ में रावण को मेघनाथ वध की सूचना मिलती है। सूचना मिलते ही रावण मूर्छित होकर विविध विलाप करने लगता है 'सुत बध सुना दसानन जबहीं, मुरछित भयउ परेउ महि तबहीं।।' फिर रावण अपनी सेवा को ललकारते हुए आदेशित करता है की कोई भी सैनिक रण क्षेत्र से अपनी पीठ दिखाकर नहीं भागेगा। जो भागेगा वह मारा जाएगा। जैसे ही रावण अपने रथ पर सवार होकर राणा क्षेत्र में आता है और एक तरफ से प्रभु राम की सेना के बंदर भालुओं को मारना काटना प्रारंभ कर देता है। रामा दल में हाहाकार मच जाता है।
इधर रावण के विरुद्ध श्री राम को पैदल देख विभीषण चिंतित होते हैं। तब प्रभु उनकी चिंता को देखते हुए बोलते हैं कि विभीषण जिससे जय होती है। वह रथ दूसरा ही है शौर्य और धैर्य उसे रथ के पहिए हैं। सत्य और शील उसकी मजबूत ध्वज और पताका है। बाल विवेक दाम और परोपकार यह कर उसके घोड़े हैं, जो क्षमा दया और समता रूपी डोरी से रथ से बंधे हुए हैं।
इधर लक्ष्मण प्रभु से आज्ञा प्राप्त कर रावण को ललकारते हैं। रावण अपने पुत्रों के वध करने वाले लक्ष्मण को समक्ष प्रकार अत्यंत क्रोधित हो भाव बोल देते हैं। दोनों में भयंकर युद्ध होता है। लक्ष्मण को भारी पड़ता देख रावण ब्रह्म शक्ति का प्रयोग कर लक्ष्मण को मूर्छित कर देते हैं। तब बजरंगबली रावण से युद्ध कर उन्हें घुटने पर ला देते हैं। लक्ष्मण को सफल होते देखा प्रभु देवताओं द्वारा भेजे रथ पर सवार होकर राणा क्षेत्र में आ जाते हैं। प्रभु और रावण के बीच भयंकर बंद होता है। जिस धरती थर्रा उठाती है। प्रभु रावण के शीश बार-बार काटते हैं। लेकिन वह फिर जीवित हो जाता है।
तब विभीषण रावण के मृत्यु का भेद प्रभु राम को बदलते हैं प्रभु तीर का संधान कर रावण की लीला को समाप्त कर देते हैं समूचे पंडाल में जय श्री राम की जय घोष होने लगती है। रावण के मृत्यु उपरांत प्रभु विभीषण का राज्याभिषेक करते हैं सीता जी की वापसी के साथ सीता मइया की अग्नि परीक्षा का सुंदर मंचन होता है।
दूसरे प्रसंग के मंचन में आज प्रभु श्री राम के अयोध्या वापसी, भरत मिलाप, राम राज्याभिषेक व पुरजन उपदेश का मंचन सरस्वती शिशु मंदिर रामबाग के बच्चों द्वारा किया जाता है। अयोध्या वापस आते ही प्रभु भारत से मिलते हैं प्रभु के राज्याभिषेक की सुंदर तैयारी होती हैं। चहुं और सुंदर गीत गाए जाते हैं। पूरे राज्य को सुंदर दुल्हन की तरह सजाया जाता है दीप प्रज्ज्वलन होते हैं।
आतिशबाजी होती है। प्रभु सिंहासन पर आसीन होते हैं शास्त्रों के तरीके से प्रभु का राज्याभिषेक होता है प्रभु द्वारा पूजन उपदेश के द्वारा आम जनमानस के लिए सुंदर शिक्षा दी जाती है। सनातन धर्म संस्था ने इस सफल आयोजन के लिए समस्त सनातन धर्म अनुरागियों का आभार व्यक्त किया और अगले वर्ष यह मंचन और भाव और दिव्या होगा इस संकल्प के साथ सभी को शुभकामना प्रेषित किया
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