Comments

6/recent/ticker-posts

चंपत राय ने राम मंदिर आंदोलन को समर्पित की जिंदगी, आपातकाल में डेढ़ साल जेल में गुजारे

चंपत राय ने राम मंदिर आंदोलन को समर्पित की जिंदगी, आपातकाल में डेढ़ साल जेल में गुजारे 


Who is Champat Rai: चंपत राय वर्ष 2020 में तब सुर्खियों में आए जब उन्हें श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का महासचिव बनाया गया। चंपत राय उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के मूल निवासी हैं। उनका जन्म साल 1946 में रामेश्वर प्रसाद बंसल के परिवार में हुआ था। 

Ayodhya: Ayodhya Ram Temple Update अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण का जिक्र हो और चंपत राय का नाम जुबां पर न आए संभव ही नहीं है। दरअसल वह राम मंदिर निर्माण की पहचान बन गए हैं। मंदिर निर्माण से जुड़ी हर आधिकारिक जानकारी चंपत राय के जरिए ही सामने आती है।

2020 में उन्हें मिली अहम जिम्मेदारी

चंपत राय लंबे समय तक विश्व हिंदू परिषद से जुड़े रहे। साल 2020 में उन्हें श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का महासचिव बनाया गया। राम मंदिर केस की सुनवाई के दौरान मुख्य पैरोकार और पक्षकार रहे चंपत राय के लिए यह जिम्मेदारी बेहद अहम रही। इसलिए भी क्योंकि इस आंदोलन को लेकर वह बेहद लंबे समय तक सक्रिय रहे थे।

राम मंदिर निर्माण का बने पर्याय

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यक्रम के दौरान भी चंपत राय ही मुख्य चेहरे के रूप में सामने आ रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कौन आ रहा है, कौन नहीं आ रहा है, कार्यक्रम कब तक चलेगा, अतिथि कहां रुकेंगे, आम लोगों को दर्शन कब से मिलेगा। इस सब सवालों के जवाब चंपत राय देते नजर आते हैं।

यूपी के बिजनौर से है ताल्लुक

चंपत राय यूपी के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म साल 1946 में रामेश्वर प्रसाद बंसल के परिवार में हुआ। राय बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से प्रभावित होकर उससे जुड़ गए थे। संघ के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए चंपत राय ने खूब काम किया और वह संगठन के प्रचारक रहे। राय ने रसायन विज्ञान यानी केमिस्ट्री की पढ़ाई की। बिजनौर जिले के धामपुर में स्थित आश्रम डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया। 

आपातकाल में गए थे जेल

एक मीडिया रिपोर्ट में चंपत राय के परिवारवालों के हवाले से कहा गया कि वो (चंपत राय) इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के दौरान रामजन्मभूमि आंदोलन के सिलसिले में गिरफ्तार हुए थे। इसके बाद करीब 18 महीने तक चंपत राय यूपी की अलग-अलग जेलों में बंद रहे। जब जेल से बाहर आए तो चंपत राय लौटकर घर नहीं गए बल्कि विश्व हिंदू परिषद का हिस्सा हो गए। इस वक्त राय विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। 

सौंपी गई थी बेहद अहम जिम्मेदारी

साल 2019 में राम मंदिर केस में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में चंपत राय को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। इसी के बाद से वह अपनी भूमिका बेहद गंभीरता के साथ निभाते दिखते हैं। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आमंत्रण पत्र लेकर भी चंपत राय ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए थे। प्रधानमंत्री ने इस आमंत्रण को स्वीकार कर लिया।

22 जनवरी 2024 को होगी प्राण प्रतिष्ठा

निर्माणाधीन भव्य श्री राम मंदिर में परमपूज्य प्रभु श्री राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी। इसके मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को सम्पन्न कराने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट युद्ध स्तर पर तैयारी में जुटा हुआ है। इस कार्यक्रम में देश-विदेश की तमाम प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी।

Post a Comment

0 Comments