Fraud Loan App Review: कारोबार, शिक्षा, होम के लिए पूंजी की जरूरत पड़ती है, लोन आसान विकल्प हो सकता है। लेकिन, अगर आप लोन एप के लुभावने वायदों को पढ़कर लोन के लिए अप्लाई कर दिया और शर्तों को ध्यान से नहीं पढ़ा तो लोन महंगा पड़ सकता है। क्या आप जानते हैं कि आरबीआई (Reserve Bank of India) इंस्टेंट लोन देने वाले एप को लेकर सख्त गाइडलाइंस जारी कर रखी है। ताकि, कोई भी धोखाधड़ी का शिकार न हो। इसकी खातिर लोन देने वाले एप्स (Legitimate lending apps) और लोन सर्विस प्रोवाइडर (Loan Service Providers) के लिए को इन नियमों का पालनकरना जरूरी है। इसके साथ ही इस लेख में भारत में कितने फर्जी लोन ऐप्स हैं? लोन के लिए सबसे अच्छा एप्स कौन सा है? लोन ऐप लीगल है या नहीं? क्या लोन टैप असली है? जैसे सवालों के जवाब मिल जाएंगे।
आरबीआई की गाइडलाइन क्या कहती है
जब आप कभी एप से लोन लेने की दिशा में कदम बढ़ाएं तो पहले आपको लोन देने वाले एप की ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करना चाहिए। यहां एप का रिव्यू करना जरूरी है। इसके साथ ही एप लैंडिंग पार्टनर के रूप में बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (Non-Banking Financial Companies) की मौजूदा स्थिति को भी जांचना जरूरी है। RBI की गाइडलाइन के मुताबिक, लोन एप को बैंक-एनबीएफसी लाइसेंस के साथ एक रेगुलेटेड ऐनटिटी होना चाहिए। या फिर किसी एक के साथ साझीदार होना चाहिए।
फेक लोन एप की पहचान कैसे करें?
- पहला है एप डाउनलोड का तरीका। मोबाइल फोन में मोबाइल एप को किसी थर्ड पार्टी लिंक, वेबसाइट, एसएमएस या मेल में आए लिंक से डाउनलोड करने को कहा जाए, तो यह रेड फ्लैग हो सकता है।
- दूसरा यह कि सही लोन एप आप यूजर को google play store गूगल प्ले स्टोर, एप्पल स्टोर पर ही मिलता है। यहां से user किसी भी मोबाइल एप को ऑफिशियली सही प्रकार से डाउनलोड कर पाते हैं।
- तीसरा है एडवांस पेमेंट की रिक्वेस्ट या फेक लैंडिंग एप (Fake loan app) पर ज्यादातर उधारकर्ता से एडवांस पेमेंट आदि की मांग की जाती है। यह भी यूजर के लिए रेड फ्लैग हो सकता है।
- चौथा यह कि लोन स्वीकृति के लिए सही ऋणदाता के पास फी स्ट्रक्चर को लेकर सही जानकारी होती है, जानकार मानते हैं कि जिसे लोन अप्रूवल से पहले नहीं मांगा जाता है।
- पांचवां है ऑनलाइन रिव्यू। किसी भी एप का ऑनलाइन रिव्यू उसकी कुंडली होती है। इसे जरूर करना चाहिए। एप का इस्तेमाल कर चुके या कर रहे यूजर्स एप को लेकर रिव्यू देते हैं। यहां एप को मिलने वाले नेगेटिव फीडबैक और वॉर्निंग को कभी नजरअंदाज करने की गलती न करें।
- छठवां है लोन एग्रीमेंट का न होना। यह बहुत जरूरी बात है। फेक लोन एप (Fake loan app) की पहचान लोन एग्रीमेंट को लेकर भी हो सकती है। सही लोन एप से ऋणकर्ता को सही लोन एग्रीमेंट दिया जाता है। इसमें लोन प्रॉसेसिंग फी, ब्याज दर, री-मेंपेंट शेड्यूल जैसी जरूरी जानकारी होती है। ऐसे में अगर एग्रीमेंट का कोई जिक्र नहीं है तो यह आपके लिए संकट का कारण बन सकता है।
- सातवां है केवाईसी KYC प्रॉसेस का न होना। सही लोन एप लोन स्वीकृति से पूर्व यूजर की केवाईसी (Know Your Customer) जरूर करते हैं। इससे यूजर की पहचान होती है। ऐसे में अगर आप के सामने यह सब प्रोसेस नहीं आया तो सावधान हो जाना चाहिए।
0 Comments