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लोकसभा चुनाव लड़ने की ऐसी धुन नहीं देखी होगी आपने || भैंस पर सवार होकर आए पर्चा दाखिल करने || लेकिन प्रस्तावकों ने दे दिया गच्चा |
Loksabha Election 2024 || चुनाव लड़कर नाम कौन नहीं कमाना चाहता। इसीलिए तो लकदक सफेद कुर्ता-पायजामा पहने नेताजी हर समय जनता के बीच खुद को मुस्तैद दिखाने से नहीं चूकते। इन सब के बाद भी चुनाव लड़ने के लिए पैसा और लोगों का साथ चाहिए। और यह अगर दोनों न हो तो आप क्या करेंगे। यह जानने के लिए आपको उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में अब्दुल गफ्फार से रूबरू होना पड़ेगा। यह जिस तरह से नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे थे, उसने उन्हें बिना चुनाव लड़े ही फेमस कर दिया। तो आइए जानते हैं बस्ती के अब्दुल गफ्फार के बारे में....
भैंस पर सवार हो नामांकन करने पहुंचे
लोकसभा चुनाव में अब तक तो आपने देख ही लिया होगा कि तमाम बड़े राजनीतिक दलों के उम्मीदवार किस तरह से शक्ति प्रदर्शन कर नामांकन करने पहुंचे। उनमें से कई करोड़पति हैं तो अधिकांश लखपति तो हैं ही। लेकिन, बस्ती जिले के गोभियापार के रहने वाले अब्दुल गफ्फार के पास अपना कोई वाहन नहीं है। उनके पास केवल एक भैंसा व एक भैंस है। अब अब्दुल गफ्फार ने क्या किया, यह सुनिए। वह अपनी भैंस पर सवार होकर नामांकन करने निकल पड़े। प्रस्तावक भी उनके साथ हो लिए। लेकिन, तस्वीर तब बदल गई जब उनके प्रस्तावक बीच रास्ते से ही कट लिए। अब कलेक्ट्रेट पहुंच कर अब्दुल गफ्फार भौंचक्का रह गए। बिना प्रस्तावक के वह नामांकन दाखिल नहीं कर सकते थे, सो घर लौट गए।
चूर हो गया सांसद बनने का सपना
सांसद बनना आसान तो बिल्कुल भी नहीं है। यह बात अब अब्दुल गफ्फार को समझ में आ गई है। मीडिया के सामने जब उनसे लोगों ने सवाल किया तो वह खुलकर बोले। कहा कि उनके पास जो भैंस और भैंसा है, यही उनकी पूंजी है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि वह हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं। गड़बड़ तब हो गई जब उनके प्रस्तावक रास्ते में ही गच्चा देकर निकल गए। कहा कि इस बार वह लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन किस्मत से ऐसा नहीं हो पाया। अब अगली बार देखेंगे।
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