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खुशखबरी || SCR की यूपी सरकार ने जारी की अधिसूचना || लखनऊ समेत यह जिले होंगे एससीआर का हिस्सा |
SCR UP Lucknow News || उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ व उसकी आसपास के छह जिलों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य राजधानी क्षेत्र के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। साथ ही क्षेत्र विकास प्राधिकरण अध्यादेश 2024 को भी मंजूरी दे दी गई है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की ओर से एससीआर को हरी झंडी देने के तुरंत बाद आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने यूपी राज्य राजधानी क्षेत्र और उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ समेत बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव व रायबरेली जिले को शामिल किया गया है।
27826 वर्ग किलोमीटर होगा एससीआर का क्षेत्रफल
उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 27826 वर्ग किलोमीटर रहने वाला है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष मुख्य सचिव को बनाया गया है। आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण नियोजन विभाग की ओर से जारी की गई अधिसूचना में यह भी बताया गया है कि एससीआरडीए का हेड क्वार्टर लखनऊ में होगा। बता दें कि राज्य राजधानी क्षेत्र को उत्तर प्रदेश सरकार ने चार महीने पहले ही मंजूरी दे दी थी। इसमें एससीआर का गठन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) प्लानिंग बोर्ड की तर्ज पर होगा। एससीआर में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर करीब 2.29 करोड़ की आबादी आएगी।
तेज होगा विकास, मिलेगी विश्वस्तरीय सुविधा
जिस तरह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का विकास अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल कर चुका है। ठीक उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के राज्य राजधानी क्षेत्र के दायरे में पड़ने वाले जिलों में भी आने वाले दिनों में विकास की अनोखी तस्वीर देखने को मिल सकती है। यहां विकास होने के बाद लोगों का और उद्यमियों का झुकाव संबंधित जिलों की ओर होगा। क्योंकि लखनऊ का विस्तार बेहद स्तर पर हुआ है और वहां भी तमाम विश्व स्तरीय सुविधाएं लोगों के जीवन को बेहतर बना रही हैं। ठीक उसी तरह एससीआर रीजन में पड़ने वाले जिलों में भी आने वाले कुछ वर्षों में विकास की एक नई तस्वीर देखने को मिल सकती है। यहां रोजगार के नए अवसर तो बढ़ेंगे ही। उद्यमियों के लिए भी यह आकर्षण का नया केंद्र बन जाएगा।
नई टाऊनशिप का होगा विकास, लगेंगे उद्यम
दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और उसके आसपास के जिलों में विकास की रफ्तार तेज तो है। लेकिन जिस तरह से राजधानी लखनऊ का विकास हुआ है वह विकास इन जिलों में नहीं देखने को मिलता। ऐसे में राज्य राजधानी क्षेत्र बन जाने के बाद एससीआर में आने वाले जिलों में आने वाले कुछ समय में सुनियोजित विकास की एक नई तस्वीर सामने आ सकती है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश को मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने की दिशा में भी एक बेहतर कदम हो सकता है। एससीआर में आने वाले कुछ दिनों में नए निवेशक सामने आ सकते हैं। जो यहां रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा साथ ही और श्रम के पलायन को भी रोकने में मददगार साबित हो सकता है।
जीवन स्तर में आएगा व्यापक बदलाव
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आसपास के जिलों को शामिल कर बनाए गए एससीआर से अनगिनत फायदे आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे। नई टाउनशिप का विकास, सड़कों का चौड़ीकरण, उद्यमियों का आना समेत विकास की नई-नई योजनाएं यहां देखने को मिलेंगी। इससे यहां के लोगों के जीवन स्तर में भी बदलाव आएगा। सुख सुविधा की स्थिति भी पहले से बेहतर होगी और अभी जो लोग लखनऊ में आशियाना तलाशने में लगे रहते हैं। उनके लिए एससीआर में आवास बनाना या लेना आने वाले दिनों में प्राथमिकता के रूप में देखा जा सकता है।
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