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सावन के महीने में मई जून जैसी धूप || बारिश की फुहारों के बीच झूले का आनंद उठाने को अभी और करना होगा इंतजार |
Up Ka Mausam || Up Weather Update || Purvanchal Weather Update || UP Rain weather IMD forecast || मौसम का मिजाज देखकर क्या आपको लग रहा है कि यह सावन का महीना है। नहीं ना, जिस तरीके से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में इन दिनों धूप खिल रही है। वह मई जून की तपिश को भी को मात देने वाली है। सुबह से शाम तक उमस भरी गर्मी इस कदर बेहाल कर रही है कि किसी भी काम में मन नहीं लग रहा है। ऐसे में लोग केवल इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में बारिश कब होगी? उत्तर प्रदेश में दोबारा मानसून कब सक्रिय होगा? गोरखपुर में बारिश कब होगी? बस्ती में बारिश कब होगी? संत कबीर नगर में बारिश कब होगी? कुशीनगर में बारिश कब होगी? महाराजगंज में बारिश कब होगी? गोंडा में बारिश कब होगी? पूर्वांचल में बारिश कब होगी? यूपी का मौसम कब बदलेगा? तो चलिए इस लेख में आपको कुछ राहत देने वाली खबर बताते हैं।
अब 30 से मौसम बदलने की उम्मीद
मौसम विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश में बारिश को लेकर जो अपडेट दिया जा रहा है। उसका असर अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग तरह से देखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश के पश्चिम जिलों और एनसीआर क्षेत्र में जहां इन दिनों रुक-रुक कर बारिश हो रही है। वहीं, पूर्वांचल में लगभग 12 दिनों से मानसून रूठा हुआ है। कुछ इलाकों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश जिलों में बारिश न के बराबर हुई है। मौसम विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश में 28 व 29 जुलाई से मौसम बदलने की संभावना व्यक्त की गई थी। लेकिन, अब बताया जा रहा है कि 30 जुलाई से मौसम करवट ले सकता है। तब उत्तर प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र, पूर्वांचल और बुंदेलखंड के कई इलाकों में बारिश हो सकती है।
पूर्वांचल में उमस भरी गर्मी छुड़ा रही पसीना
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में इन दिनों उमस भरी गर्मी से हर कोई बेहाल है। सुबह होते ही तेज धूप खिलने के चलते सुबह से ही उमस भरी गर्मी पसीना छुड़ा दे रही है। गर्मी इस कदर बेहाल कर रही है, जैसे लग रहा है कि यह मई-जून का महीना हो। ऐसे में अब राहत तभी मिलेगी, जब मौसम करवट लेगा। हालांकि सावन के महीने में ऐसा बहुत कम होता है कि लगातार कई दिनों तक बारिश न हो। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले एक-दो दिन में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में भी मौसम बदल सकता है। भीषण गर्मी का जो दौर चल रहा है। वह भी बारिश की बूंदे पड़ने के बाद कम होगा। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में बारिश की फुहारों के बीच झूले का आनंद उठाने के लिए भी लोग तरस जा रहे हैं। अब माना जा रहा है कि अगले दो से तीन दिनों में मौसम बदलने के बाद ही बारिश की फुहारों के बीच झूला झूलने का आनंद उठाया जा सकता है।
धान की फसल के लिए जरूरी है बारिश
उत्तर प्रदेश में धान की रोपाई एक सप्ताह पहले ही पूरी हो चुकी है। लेकिन, अचरज वाली बात यह रही कि धान की रोपाई के वक्त जहां पूर्वांचल में झमाझम बारिश हुई, वहीं धान की रोपाई पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश के बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ, बलिया, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, अंबेडकर नगर समेत तमाम जिलों में बारिश का दौर थम गया। ऐसे में धान के खेत में पानी सूखने लगा है। खेत में दरार पड़ने लगी है। ऐसे में किसान चिंतित नजर आने लगे हैं। वह भी सिर्फ बारिश का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि कुछ किसान निजी संसाधनों से खेतों में पानी भरने की कोशिश में लग गए हैं। लेकिन जो किसान आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। वह मानसून की बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
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