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उफ ये उमस भरी गर्मी || यूपी में कब बदलेगा मौसम || भादो के महीने में भी बारिश का करना पड़ रहा इंतजार |
Up Ka Mausam || Up Weather Update || Purvanchal Weather Update || UP Rain weather IMD forecast || उत्तर प्रदेश में इन दिनों उमस भरी गर्मी का दौर एक बार फिर से शुरू हो गया है। कई जिलों में बारिश का दौर थम जाने से लोग दिनभर पसीना पोंछते नजर आ रहे हैं। जबकि भादो का महीना चल रहा है आमतौर पर सितंबर या भादो के महीने में अच्छी बरसात की उम्मीद हमेशा से रही है। लेकिन इस बार मौसम का रुख कुछ अलग ही देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले कई दिनों से बारिश ना के बराबर हुई है। वहीं, कई जिलों में तेज धूप खिलने की वजह से लोग उमस भरी गर्मी से बेहाल नजर आ रहे हैं। अब उन्हें उमस भरी गर्मी से राहत केवल बारिश की फुहारें ही दे सकती हैं। जिसे लेकर मौसम विभाग की ओर से उम्मीद जताई गई है कि पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आने वाले कुछ दिनों में एक बार फिर मौसम बदल सकता है।
यूपी में कब होगी बारिश ? कब बदलेगा मौसम
उत्तर प्रदेश में बारिश न होने से हर कोई परेशान नजर आ रहा है। सुबह 8 बजे के बाद ही धूप इतनी तेज हो जा रही है कि घर से बाहर निकलना मुश्किल होने लग रहा है। ऐसे में केवल गर्मी ही नहीं उमस भी लोगों को परेशान कर रही है। ऐसे हालात में लोग एक बार फिर इस बात का इंतजार करने लगे हैं कि उत्तर प्रदेश में बारिश कब होगी? यूपी में बारिश कब होगी? उत्तर प्रदेश का मौसम कब बदलेगा? पूर्वांचल में बारिश कब होगी? पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश कब होगी? गोरखपुर में बारिश कब होगी? देवरिया में बारिश कब होगी? सिद्धार्थनगर में बारिश कब होगी? बस्ती में बारिश कब होगी? राजधानी लखनऊ में बारिश कब होगी? कानपुर में बारिश कब होगी? तो इन सब सवालों के जवाब को लेकर भारतीय मौसम विभाग की ओर से अभी कोई स्पष्ट पूर्वानुमान नहीं जताया गया है। लेकिन यह उम्मीद जताई गई है कि आने वाले एक सप्ताह के दौरान उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है।
किसानों के चेहरे पर गाढ़ी होने लगी है चिंता की लकीरें
सितंबर के महीने में बारिश न होने से किसानों के चेहरे पर भी चिंता की लकीरें गाढ़ी होने लगी हैं। दरअसल इस समय धान की फसल पकने लगी है। बालियां फूटने लगी हैं। ऐसे समय में धान के खेतों में पानी का होना बहुत जरूरी माना गया है। ऐसी स्थिति में अगर बारिश नहीं होगी तो किसानों का इसको खामियाजा भुगतना पड़ेगा। धान की फसल में रोग लगने की भी संभावना बढ़ जाएगी। ऐसी स्थिति में धान के पैदावार पर भी असर पड़ सकता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में कई जिलों में किसान भी बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। तमाम किसानों का मानना है कि सितंबर के महीने में इतनी कम बारिश नहीं होती है। सितंबर के महीने में बारिश होना धान की फसल के लिए बेहद आवश्यक है। ऐसी स्थिति में किसानों को मजबूरी में निजी संसाधनों से खेतों में पानी भरना पड़ रहा है। जिसे लेकर उन पर आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है। लेकिन इसके अलावा उनके पास केवल एक मात्र विकल्पीय है कि उत्तर प्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो और झमाझम बारिश से सभी को सराबोर कर दे।
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