Comments

6/recent/ticker-posts

खुशखबरी || यूपी में बंजर, बीहड़, जलभराव, ऊंची-नीची जमीनों पर लहलहाएगी फसल || सरकार बना रही ऐसी भूमि को कृषि योग्य

खुशखबरी || यूपी में बंजर, बीहड़, जलभराव, ऊंची-नीची जमीनों पर लहलहाएगी फसल || सरकार बना रही ऐसी भूमि को कृषि योग्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना प्रदेश के 74 जिलों में संचालित है। योजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि सुधार के विविध कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

good-news-crops-flourish-barren-rugged-waterlogged-uneven-lands-up-government-making-such-lands-cultivable
खुशखबरी || यूपी में बंजर, बीहड़, जलभराव, ऊंची-नीची जमीनों पर लहलहाएगी फसल || सरकार बना रही ऐसी भूमि को कृषि योग्य

Lucknow News || देश और प्रदेश में लगातार बढ़ती जनसंख्या के अनुरूप अन्न के उत्पादन को बढ़ाना जरूरी है। शहरों के विस्तार एवं औद्योगीकरण से उपजाऊ भूमि घटती जा रही है। ऐसे में कृषि योग्य भूमि को रकबा बढ़ाना जरूरी है। उत्तर प्रदेश में जमीन का बड़ा हिस्सा ऐसा है, जहां विभिन्न परिस्थितियों के चलते किसान खेती नहीं कर पा रहे है। बीहड़, बंजर, असमतल, ऊबड़-खाबड़ और जलभराव के कारण काफी जमीन बेकार पड़ी है। लगातार बढ़ रही जनसंख्या को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए कृषि उत्पादन व उत्पादकता में बढ़ोतरी जरूरी है और यह तभी संभव है जब खेती के लिए भूमि की उपलब्धता हो।

प्रदेश में 2.19 लाख हेक्टेयर भूमि पड़ी है खराब

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की बंजर, बीहड़, ऊबड़-खाबड़, असमतल व जलभराव भूमि को कृषि योग्य बनाकर खेती का दायरा बढ़ाने पर बल दिया है। इससे उत्पादन तो बढ़ेगा ही, साथ ही किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। प्रदेश सरकार पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के तहत सभी प्रकार की खराब पड़ी भूमि में 02 लाख 19 हजार 250 हेक्टेयर से अधिक भूमि को खेती योग्य बना रही है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना प्रदेश के 74 जिलों में संचालित है। योजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि सुधार के विविध कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। किसानों, भूमिहीन मजदूरों, अनुसूचित जातियों की आवंटित भूमि दुरुस्त होगी और उन्हें अपने खेत के सुधार में काम करने पर मनरेगा से रोजगार भी मिलेगा। प्रदेश में बीहड, बंजर व जलभराव क्षेत्रों के सुधार व उपचार के लिए 2022-23 से 2026-27 तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना चलाई जाएगी। गौतमबुद्ध नगर को छोड़कर प्रदेश के शेष 74 जिलों के लिए यह योजना संचालित की जा रही है।

किसान व किसान मजदूर होंगे लाभार्थी 

इस योजना के तहत चयनित परियोजना क्षेत्र के सभी किसान व किसान मजदूर इसमें लाभार्थी होंगे। परियोजना क्षेत्र के चयन में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है, जहां लघु व सीमांत किसान और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति किसानों व भू-आवंटियों की भूमि की अधिकता है। योजना के तहत चयनित परियोजना क्षेत्र में शत-प्रतिशत अनुदान पर बीहड, बंजर, भूमि सुधान व क्षेत्र सुधार का कार्य राज्य सेक्टर से और जलभराव क्षेत्र का उपचार कार्य मनरेगा से कराया जाता है।

कृषि उत्पादन बढ़ाने का है लक्ष्य

इस योजना से कृषि वानिकी उद्यानीकरण के साथ फसलों का उत्पादन किया जायेगा। परियोजना क्षेत्र में सुधार की गई भूमि पर जरूरत के हिसाब से कृषि वानिकी व उद्यानीकरण के साथ ही उपचारित क्षेत्र में 50 प्रतिशत अनुदान पर फसलों का उत्पादन कराया जाएगा। योजना के तहत 219250 लाख हेक्टेयर बीहड़ बंजर भूमि का सुधार व जलभराव भूमि क्षेत्र का उपचार किया जा रहे है। इससे कृषि उत्पादन किसानों की आय व भूजल स्तर में बढ़ोतरी होगी साथ ही पांच साल में दो करोड़ मानव दिवस भी सृजित होने का अनुमान है।

5 साल में 157190 हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि बनी कृषि योग्य

प्रदेश में वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक पांच साल चली किसान समृद्धि योजना से प्रदेश की 157190 हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि को कृषि योग्य व अधिक उपजाऊ बनाया जा चुका है। इन वर्षों में योजना पर 332 करोड़ रुपये खर्च हुए थे और परियोजना क्षेत्र में विभिन्न फसलों के लिए 58 कुन्तल प्रति हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई। उपचारित क्षेत्र के किसानों की आय में तथा भूजल स्तर में 1.42 मीटर की वृद्धि हुई है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now

Post a Comment

0 Comments