Basti News || यहां हर दिन सजती है योग की कक्षा || उच्चकोटि के योग प्रशिक्षक सिखाते हैं योग से आजीवन निरोग रहने की कला
प्रख्यात एक्यूप्रेशर चिकित्सक, संरक्षक पतंजलि योग समिति बस्ती एवं अध्यक्ष पूर्वी जॉन इंडियन योग एसोसिएशन उत्तर प्रदेश चैप्टर कमेटी डॉ. नवीन सिंह ने योग, प्राणायाम का मन मस्तिष्क पर होने वाले सकारात्मक प्रभाव की व्याख्या की। कहा कि जो मनः स्थिति हमारे अन्तःकरण में वर्तमान है, उसी ने हमारी रूप रेखा का निर्माण किया है। यदि मनुष्य की आन्तरिक स्थिति तुच्छ एवं घृणित है, तो उसके पीछे दुःख तथा क्लेश इस प्रकार लगे हैं। जैसे जीव के पीछे उसकी परछाईं। मनुष्य अपने विचारों का फल है।
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Basti News || यहां हर दिन सजती है योग की कक्षा || उच्चकोटि के योग प्रशिक्षक सिखाते हैं योग से आजीवन निरोग रहने की कला |
Basti News || उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का राजकीय इंटर कॉलेज का मैदान। यहां हर दिन बड़ी संख्या में लोग मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं। लेकिन, यहां हर दिन योग की कक्षा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। पतंजलि योग समिति के माध्यम से यह सिलसिला विगत कई वर्षों से चल रहा है। यहां सुबह के समय टहलने आने वाले कई लोग हर रोज योग की कक्षा का हिस्सा बनते हैं। उन्हें उच्चकोटि के योग प्रशिक्षक निशुल्क में योग सिखाते हैं, जिसमें हर दिन योगासनों के प्रकार और उनसे होने वाले लाभ के साथ-साथ आजीवन निरोग रहने की कला का ज्ञान मुफ्त में दिया जाता है।
योग स्वस्थ जीवन का मजबूत आधार
वरिष्ठ योग प्रशिक्षक राम अचल चौरसिया ने बृहस्पतिवार को योग साधकों को योग का महत्व समझाते हुए कहा कि योग क्या है? इसकी परिभाषा की बात करें तो महर्षि पतंजलि कहते हैं योगश्चित्तिवृत्ति निरोध:। यानी चित्त वृत्तियों का निरोध ही योग है। स्वामी रामदेव कहना है कि योग जीवन जीने की कला है। अगर आपने योग को अपने जीवन में अंगीकार कर लिया। तो तमाम तरह की सांसारिक, शारीरिक व्याधियों के साथ-साथ अन्य तमाम दैहिक विसंगतियों से मुक्त बने रहेंगे। इस दौरान उन्होंने सूर्य नमस्कार, यौगिक जॉगिंग, मंडूकासन, पश्चिमोतानासन, पवन मुक्तासन, अर्द्ध हलासन, पूर्ण हलासन, ऊर्ध्व तिर्यक ताड़ासन, भद्रासन, त्रिकोणासन, अनुलोम विलोम, कपालभाति का अभ्यास कराया। साथ ही प्राणायाम के महत्व पर भी चर्चा की।
सुख साधन में नहीं, साधना में है
वरिष्ठ योग प्रशिक्षक जवाहर लाल यादव ने कहा कि सुख साधन में नहीं है, साधना में हैं। जबकि आज के समय में सांसारिक सुख को ही सबसे बड़ा आनंद माना जाने लगा है। भोग विलासिता को ही सुख की परिभाषा मान लिया गया है। सच्चाई यह है कि, जब तक शरीर बलिष्ठ है तब तक यह भोग विलास काम आते हैं। लेकिन जब इन्ही भोग विलास के चलते शरीर रुग्ण होने लगता है। तब हमें इस बात का ज्ञान होता है कि भोग विलास में नहीं असल सुख तो स्वस्थ रहने में ही है। उन्होंने कहा कि योग को अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल किया जाना चाहिए। सुबह के समय एक घंटा योग करने मात्र से कई बीमारियों से बचे रहा जा सकता है।
मनुष्य अपने विचारों का फल है
प्रख्यात एक्यूप्रेशर चिकित्सक, संरक्षक पतंजलि योग समिति बस्ती एवं अध्यक्ष पूर्वी जॉन इंडियन योग एसोसिएशन उत्तर प्रदेश चैप्टर कमेटी डॉ. नवीन सिंह ने योग, प्राणायाम का मन मस्तिष्क पर होने वाले सकारात्मक प्रभाव की व्याख्या की। कहा कि जो मनः स्थिति हमारे अन्तःकरण में वर्तमान है, उसी ने हमारी रूप रेखा का निर्माण किया है। यदि मनुष्य की आन्तरिक स्थिति तुच्छ एवं घृणित है, तो उसके पीछे दुःख तथा क्लेश इस प्रकार लगे हैं। जैसे जीव के पीछे उसकी परछाईं। मनुष्य अपने विचारों का फल है। बाह्य स्वरूप मन द्वारा विनिर्मित शरीर वह ढांचा (Mould) है, जिसमें वह निरन्तर अविच्छिन्न गति से निज शक्तियां संचारित किया करता है। आन्तरिक भावनाओं की प्रतिकृति मुख, अंग प्रत्यंगों, क्रियाओं, वार्तालाप, मूक चेष्टाओं, रहन-सहन, व्यवहार में क्षण-क्षण में परिलक्षित होती हैं। जिस प्रकार जिह्वा द्वारा उदर की गतिविधि जानी जाती है, उसी प्रकार मुखमंडल आन्तरिक भावनाओं का प्रतिबिम्ब है। डॉ. नवीन सिंह ने इस दौरान स्वास्थ्य को कई टिप्स भी दिए।
वर्तमान जीवनशैली में वरदान है योगाभ्यास
योग के महत्व और वर्तमान जीवनशैली का जिक्र करते हुए पतंजलि योग समिति के प्रभारी सुभाष चंद्र वर्मा ने कहा कि वर्तमान जीवन शैली में स्वस्थ रहने के लिए योग ही एकमात्र विकल्प रह गया है। सबसे बड़ी बात यह कि योग करने में किसी प्रकार का कोई भी व्यय नहीं होता है। न तो किसी प्रकार की औषधि का ही सेवन करना पड़ता है। केवल आपको समय खर्च करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मेरे पास कई ऐसे उदाहरण है, जिसमें योग के माध्यम से लोगों ने अपनी कई तरह की बीमारियों को ठीक कर लिया। आज वह स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। यही नहीं आलस्य, अनिद्रा, कमर दर्द, मधुमेह, रक्तचाप, कब्ज जैसी बीमारियों से भी नियमित एवं योगाभ्यास के जरिए छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में हर किसी की दिनचर्या कितनी व्यस्त हो गई है कि शारीरिक गतिविधि के लिए समय ही नहीं मिल पाता है। तमाम ऐसे लोग हैं जो घंटों कंप्यूटर पर बैठे रहते हैं। उन्हें सर्वाइकल, कमर दर्द जैसी बीमारियां बड़ी आसानी से हो जाती है। लेकिन अगर हर दिन सुबह आधे से 1 घंटे योग किया जाए तो इससे हमेशा दूर रहा जा सकता है।
शिविर में इन लोगों ने भी योगाभ्यास
पतंजलि योग समिति के आजीवन सदस्य इंजी. राजेश कुमार श्रीवास्तव, मोहम्मद रिजवी, योग प्रशिक्षक संतोष तिवारी, भानु बाबू समेत बड़ी संख्या में लोगों ने योगाभ्यास किया। इस दौरान जो लोग आज के शिविर में पहली बार आए थे, उनसे कल फिर आने का आग्रह किया गया।
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