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Basti News || प्रत्येक गृहस्थ के लिए सबसे बड़ा अपना परिवार होना चाहिए || बताई परिवार की परिभाषा

Basti News || प्रत्येक गृहस्थ के लिए सबसे बड़ा अपना परिवार होना चाहिए || बताई परिवार की परिभाषा

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Basti News || प्रत्येक गृहस्थ के लिए सबसे बड़ा अपना परिवार होना चाहिए || बताई परिवार की परिभाषा

Basti News || आर्य समाज नई बाजार बस्ती में आयोजित श्रावणी उपाकर्म एवं वेद प्रचार सप्ताह कार्यक्रम के तृतीय दिवस का वेद प्रचार कार्यक्रम नई कालोनी में राजेंद्र जायसवाल कोषाध्यक्ष आर्य समाज नई बाजार बस्ती के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। जिसमें स्वामी श्रद्धानंद के सानिध्य में वैदिक यज्ञ कराते हुए आचार्य विश्वव्रत ने कहा कि प्रत्येक गृहस्थ के लिए सबसे बड़ा अपना परिवार होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जहां एक दूसरे की सेवा और रक्षा में सब लगे हुए हों उसको परिवार कहते हैं। कहा कि जो अपने पितरों को पुत अर्थात वृद्धावस्था के कष्टों रूपी नरक से बचाता है उसी को पुत्र कहते है। वेदमंत्रों की व्याख्या करते हुए उन्होंने पत्नी के कर्तव्य बताते हुए कहा कि नवविवाहिता को अपने से बड़ी स्त्रियों की सुश्रुषा अर्थात उनकी बातें सुनना और उचित होने पर उसका पालन करना चाहिए। अपने समान आयु की स्त्रियों से सखी का भाव रखना, पति का क्रोध बढ़ाने वाली बातें न करना और धन के बढ़ने पर अभिमान से बचना और संतान का उचित निर्माण करना चाहिए।

इस अवसर पर सुरेन्द्र आर्य भजनोपदेशक द्वारा प्रेरक भजनों द्वारा सबको सुखी गृहस्थ के सूत्र बताए गए। स्वामी श्रद्धानंद ने अपने उपदेश में लोगों को सत्संग का महत्व बताया और कहा कि श्रावणी सन्त सेवा का पर्व है। इसमें संतों के तर्पण से अपने जीवन को धन्य बनाया जा सकता है।

सायंकालीन कार्यक्रम में आचार्य विश्वव्रत ने बताया कि वेद पढ़ने के चार मुख्य लाभ है। पहला लाभ यह है कि मन हमारे वश में सात्विक हो जाता है। दूसरा यह कि सुख से सो सकते हैं। अनिद्रा, तनाव डिप्रेशन से दूर होते हैं। निष्पाप धन लाभ तीसरा और निर्द्वंद्व निष्कलंक जीवन चौथा लाभ है। कार्यक्रम में देवव्रत आर्य ने संध्या वंदन और भजन प्रस्तुत किया।

ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि जन जन तक वेद और वैदिक संस्कृति का प्रचार ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है इसलिए दिन का कार्यक्रम समाज के परिवारों विद्यालयों में और सायंकालीन सत्र आर्य समाज सत्संग भवन में किया जाता है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से योगेश शुक्ल प्रधानाचार्य श्रीकृष्ण पाण्डेय इण्टर कॉलेज, गरुण ध्वज पाण्डेय, अजय बरनवाल, महिमा आर्य, उपेन्द्र आर्य, विश्वनाथ, गणेश आर्य धर्मेंद्र कुमार, साक्षी कुमारी, मोहित, रवनीत, अनीता जायसवाल, राजेन्द्र जायसवाल रवि बाबू, शंकर जायसवाल, दिलीप कसौधन, राम अग्रवाल, बेबी जायसवाल, श्याम जायसवाल, अनंत, विष्णु, निखिल, रेनू, पूजा, दीक्षा, शिवांगी, बबिता, संज्ञा, अंशिका, स्नेहा, राजेश जायसवाल, विनोद जायसवाल सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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