बस्ती। भोलेनाथ की आराधना का उत्सव मास सावन शुरू हो चुका है। शिवालयों में उमड़ रही भक्तों की भीड़ मंत्रमुग्ध करने वाली है। भक्त अपने आराध्य को तरह-तरह की वस्तु अर्पित कर उनका अभिषेक कर रहे हैं। कहते हैं भोलेनाथ सबसे जल्दी और आसानी से प्रसन्न होने वाले भगवान हैं और तभी तो वह सबके प्रिय है। क्या आप जानते हैं कि भोलेनाथ को वास्तव में क्या प्रिय है। अगर नहीं तो हम आपको सोलह ऐसी वस्तुओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे आप भी भोलेनाथ को अर्पित कर उनकी कृपा पाने का मार्ग आसान कर सकते हैं।
1- जल
भगवान शिव का सामान्य तौर पर जल से अभिषेक करने की परंपरा आदि काल से चली आ रही है। आराधना के समय अन्य कोई सामग्री नहीं मिल पा रही है तो जलाभिषेक भी पुण्य देता है। इससे स्वभाव शांत और मनोरम बना रहता है।
2- केसर
केसर कीमती वस्तु है। यह भी भोलेनाथ को अत्यधिक प्रिय है और इसके अर्पण से भोलेनाथ की असीम कृपा प्राप्त होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भोलेनाथ का लाल केसर से तिलक या अभिषेक करने पर मांगलिक दोष का निवारण होना बताया गया है।
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3- शक्कर (चीनी)
भगवान आशुतोष का शक्कर से अभिषेक का विधान है। यह घर-घर में होती है। बस ध्यान है रखना है चीनी शुद्ध और साफ हो। माना जाता है कि शक्कर के अर्पण से जीवन से दारिद्र्य यानी दरिद्रता का नाश होता सुख और समृद्धि मिलती है।
4- इत्र
भोलेनाथ को इत्र की सुगंध भी प्रिय है। शिवलिंग पर इत्र लगाने से मन से नकारात्मक प्रभाव खत्म होता है। पवित्र विचार मन में आते हैं। यही इतना नहीं हम ऐसे सकारात्मक कार्यों की ओर जाने को प्रेरित होते हैं, जिससे परिवार खुश रहता है।
5- दूध
दूध से रुद्राभिषेक बेहद पुण्यदायी माना गया है। वह ऐसे ही नहीं। दूध भगवान भोलेनाथ को अत्यधिक प्रिय है। इससे अभिषेक का प्रभाव हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। कहने का आशय इससे बीमारियां दूर होने की संभावना बढ़ती है।
6- दही
भगवान शकंर का दही से अभिषेक करने पर जीवन सुखमय होता है। अगर कोई परेशानी आने वाली है तो या वह टल जाती है या उसका दुष्प्रभाव कम होता दिखने लगता है। ऐसे में दही से अभिषेक करना सबसे उत्तम माना गया है।
7- देशी घी
जैसा की देशी घी को आहार में शामिल करने से शक्ति का संचार होता है। ठीक उसी तरह से घी से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने से भी हमारे तन व मन की शक्ति बढ़ती है। अभिषेक के लिए देशी गाय का घी सर्वोत्तम माना गया है।
8- चंदन
भगवान भोलेनाथ को चंदन भी प्रिय है। चंदन से भोलेनाथ के अभिषेक का कई महत्व है। चंदन से अभिषेक करने से मान सम्मान और समाज में यशकीर्ति मिलती है। भोलेनाथ की आराधना में चंदन को अवश्य शामिल करें।
9- मधु
मधु का जैसा नाम है वैसा ही गुण भी उसमें होता है। भगवान शिव के अभिषेक के समय मधु को शामिल करना पुण्यदायी माना गया है। मधु के अर्पण से हमारे व्यक्तित्व में मधुरता आती है। वाणी मधुर होती है।
10- भांग
भगवान शिव को औधड़ दानी भी कहा गया है। भोलेनाथ को अभिषेक करने की थाली में भांग के पत्तों को जरूर शामिल करें। जल दूध अर्पण करने के बाद भांग को अर्पित करें। इससे जीवन में जो कुछ बुराइयां दूर होती हैं।
11- आंकड़े का फूल (मदार)
आंकड़े को ग्रामीण क्षेत्र में मदार भी कहा जाता है। सफेद मदार का फूल भगवान भोलेनाथ को अत्यधिक प्रिय है। हालांकि, यह बहुत कम पाया जाता है। इसके फूल से अभिषेक कोस्वर्ण से अभिषेक के बराबर माना गया है।
12- धतूरा
पुराणों में धतूरा को भगवान शिव का प्रिय बताया गया है। इसका उपयोग औषधि के रूप में भी होता है। भोलेनाथ के अभिषेक के समय धतूरा को अवश्य शामिल करना चाहिए। यह हर जगह मिल जाता है।
13- कपूर
कपूर जलाने से वातावरण शुद्ध होता है। भगवान शिव को इसकी महक से विशेष लगाव है। भगवान शिव की आराधना व जलाभिषेक के बाद कपूर जलाना उत्तम माना गया है। कहा भी गया है कर्पूरगौरं करुणावतारं, संसार सारम भुजगेन्द्र हारम।
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14- चावल का अक्षत
भगवान शिव के अभिषेक की थाली में चावल का अक्षत अवश्य जरूर रखें। इसे रंगना नहीं चाहिए। प्रयास यह हो अक्षत का चावल टूटा न हो। टूटे चावल अलग निकाल देना चाहिए। गुलाल, हल्दी, अबीर कुमकुम न हो तो अक्षत ही पर्याप्त है।
15- भस्म
महाकाल की भस्म आरती के बारे में तो सुना ही होगा। शिवपुराण में बताया गया है कपिला गाय का गोबर के कंडे, पीपल, शमी की लकड़ी, अमलताश, बड़ और बेर की लकड़ी को एक साथ मंत्रोच्चार के साथ जलाकर भी भस्म तैयार किया जाता है।
16- रुद्राक्ष
रुद्राक्ष को भगवान शिव के नेत्र का जलबिंदु कहा गया है। रुद्राक्ष के अर्पण से भगवान भोलेनाथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। रुद्राक्ष असली होना चाहिए। रुद्राक्ष का वृक्ष भारत में तमाम इलाकों में पाया जाता है।
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