बस्ती। तमाम ऐसी बीमारियां हैं, जिनका अभी तक इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। उनमें से एक है फाइलेरिया (filariasis)। इससे बचना ही एकमात्र स्वस्थ बने रहने का विकल्प है। इसकी गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन घर-घर जाकर मुफ्त में दवा खिलाने के अभियान शुरू करने जा रहा है। ऐसे में अगर आप फाइलेरिया को हलके में ले रहे हों तो उत्तर प्रदेश सरकार और बस्ती जिला प्रशासन के प्रयासों को देखते हुए आपको गंभीर और दवा लेने के प्रति सतर्क हो जाना चाहिए।
क्यों और कैसे होता है फाइलेरिया (Why and how is filariasis)
फाइलेरिया एक परजीवी की वजह से होने वाली संक्रामक बीमारी (infectious disease) है। यह परजीवी धागे जैसी कृमि की तरह होता है। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश राज्य के 51 जिले इससे प्रभावित हैं। फाइलेरिया क्यूलेक्स नाम के मच्छर (Culex mosquitoes) के काटने से होता है। संक्रमित मच्छर के काटने के 10 से 15 वर्षों के बाद यह बीमारी असर दिखाती है। जिसके बाद हाथ, पैर, स्तन या अंडकोश में सूजन आने लगती है। हाइड्रोसिल होने की अवस्था में मूत्र में सफेद रंग के द्रव का स्राव होने लगता है। जिसे काइल्युरिया कहते हैं। इसके एक और लक्षण में लंबे समय तक सूखी खांसी भी शामिल है। जिसे ट्रॉपिकल स्नोफिलिया कहते हैं। यह एक लाइलाज बीमारी है। इससे बचाव का एकमात्र जरिया फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना ही है।
10 से 28 अगस्त तक चलेगा अभियान (The campaign will run from 10 to 28 August)
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने जनपद वासियों से अपील की है कि वह स्वास्थ्य विभाग की टीम के पहुंचने पर दवा का सेवन जरूर करें। कोई भी व्यक्ति दवा लेने से छूटना नहीं चाहिए। बताया कि फाइलेरिया रोधी खिलाने का अभियान 10 अगस्त 2023 से 29 अगस्त 2023 तक चलाया जाएगा। इस दौरान टीम घर-घर जाकर दवा खिलाएगी। इसके साथ ही जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और हेल्थ वेलनेस सेंटर पर भी दवा उपलब्ध रहेगी। यह दवा निःशुल्क दी जाएगी।
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यह है फाइलेरियारोधी दवा की खुराक (This is the dose of antifilarial drug)
जिलाधिकारी ने बताया कि दो से पांच साल तक के बच्चों को डीईसी तथा एल्बेंडाजोल की एक-एक टेबलेट खानी है। पांच से पंद्रह साल तक बच्चों व किशोरों को डीईसी की दो टेबलेट तथा एल्बेंडाजोल की एक टेबलेट खानी है। पंद्रह साल से ऊपर के लोगों को डीईसी की तीन टेबलेट व एल्बेंडाजोल की एक टेबलेट खिलाई जाएगी। एक वर्ष से कम आयु के बच्चों, गंभीर रूप से बीमार लोगों व गर्भवती स्त्रियों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी।
खाली पेट नहीं खानी है फाइलेरिया रोधी दवा (Anti-filarial medicine should not be taken on an empty stomach)
फाइलेरिया रोधी दवा खाली पेट नहीं खानी है। डीएम ने बताया कि टीम सुबह 11 बजे से भ्रमण पर निकलेगी और अपने सामने लोगों को दवा खिलाएगी। परिवार के जो सदस्य मौजूद नहीं होंगे उनके लिए दवा नहीं दी जाएगी। दोबारा भ्रमण के दौरान उन्हें दवा दी जाएगी। इसके बाद भी अगर लोग छूट जाते हैं तो ऐसे लोगों को अपने नजदीकी अस्पताल में जाकर दवा लेनी पड़ेगी।
ग्राम प्रधान खुद दवा खाकर करेंगे अभियान की शुरुआत (Gram Pradhan himself will start the campaign by taking medicine)
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के प्रधान सभी के सामने फाइलेरिया रोधी दवा खाकर अभियान की शुरुआत करेंगे। इसके लिए पहले से अभियान का प्रचार प्रसार किया जाए और लोगों को इसके बारे में जागरुक किया जाए। भ्रमण करने वाली टीम के पास परिवार रजिस्टर भी होगा। जिससे भ्रमण के दौरान सर्वे के साथ लिम्फोडिमा व हाइड्रोसिल के मरीजों का ब्यौरा दर्ज किया जा सके।
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