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Uric Acid: किचन में छिपा है रामबाण इलाज, जानिए लक्षण और बचाव के आसान तरीके

Uric Acid


हेल्थ डेस्क। uric acid kya hota hai यह जान गए तो इसका रामबाण इलाज तो आपकी रसोई में ही छिपा है। यूरिक एसिड के बढ़ने पर हमारा शरीर काफी पहले से ही संकेत देने लगता है, लेकिन भागदौड़ भरी दिनचर्या के बीच हम ही इसकी अनदेखी करते जाते हैं, लेकिन चिकित्सकों का मानना है कि थोड़ी से सावधानी और सतर्कता से इस मुसीबत से बचे रहा जा सकता है। मगर इससे पहले हमें जानना होगा कि uric acid kya hai। इस पर बस्ती जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ वीके वर्मा ने विस्तार से बताया है। तो आइए शुरू करते हैं।

अव्यवस्थित लाइफस्टाइल है बड़ा कारण

अगर आप जॉब करते हैं या फिर कारोबारी हैं या फिर कोई और पेशा है। तो इस बात से तो कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि आप तनाव से पूरी तरह से मुक्त हैं। यह तो हुई एक बात दूसरा यह कि काम के दबाव का सीधा असर हमारी दिनचर्या को अव्यवस्थित कर देता है। खानपान की शुद्धता का भी कोई सरोकार नहीं रह जाता है। डॉ वीके वर्मा बताते हैं कि कई रिसर्च में इस बात की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया है कि शरीर में प्यूरिन के विखंडन से यूरिक एसिड बनता है। जबकि प्यूरिन उन तमाम फास्टफूड में पाया जाता है, जिनका हम स्वाद के लिए सेवन करते हैं। इसमें मिठाई, डेयरी उत्पाद, दूध से बने उत्पाद मुख्य रूप से शामिल हैं।

अनदेखी बन सकती बड़ी बीमारी की वजह

बस्ती जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डॉ वर्मा कहते हैं कि uric acid बढ़ने की अनदेखी करने स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आ सकती हैं। यह कुछ ऐसी बीमारी का भी बड़ा कारण बनता है, जिसका इलाज आसान नहीं हैं। वह बताते हैं कि किडनी में पथरी यानी स्टोन, आर्थराइटिस यानी गठिया, मधुमेह से लेकर खून से संबंधित बीमारियां इसमें शामिल हैं। ऐसे में इसे नियंत्रित रखना हर स्त्री पुरूष के लिए बेहद जरूरी है।

Uric Acid बढ़ने पर दिखते हैं यह लक्षण

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि यूरिक एसिड प्यूरिन के विखंडन से बनता है। आमतौर पर यह मूत्र के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन कई बार यह प्रक्रिया ठीक से काम नहीं करती है और यूरिक एसिड का स्तर बढ़ते जाता है। जो बीमारी का कारण बनती है। ऐसा होने पर जोड़ों, एड़ी व पैरों में दर्द व सूजन होने लगता है। एक मुद्रा में बैठने पर भी दर्द का अहसास होता है। यूरिक एसिड का स्तर जैसे जैसे बढ़ता है पीड़ा भी बढ़ती जाती है। इस दौरान खून में शर्करा का स्तर बढ़ने को लक्षण के तौर पर देखा जाता है।

खूब पानी पीएं और एक्टिव रहें

एक सामान्य पैथोलॉजी जांच से यूरिक एसिड के बढ़ने का पता लगाया जा सकता है। अगर यूरिक एसिड बढ़ा है तो खूब पानी पीएं। एक्टिव रहें। इसकी वजह यह है कि यूरिक एसिड मूत्र के रास्ते शरीर से तेजी से बाहर निकलने लगेगा। यही नहीं पानी यूरिक एसिड को पतला बनाता है और किडनी को एक्टिव करता है। 

सेब का सिरका भी है मददगार

सेब के सिरका के बारे में तो सुना ही होगा। यह केवल स्वाद के लिए ही नहीं जाना जाता है। इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। इसका सबसे बड़ा गुण एंटीऑक्सीडेंट होना और एंटीइंफ्लेमेटरी होना है। इसमें शरीर में यूरिक एसिड को नियंत्रित रखने की भी क्षमता होती है। यह रक्त के पीएच लेवल को भी बढ़ाता है। जिसकी वजह से यूरिक एसिड का स्तर धीरे धीरे कम होने लगता है।

जैतून का तेल भी है फायदेमंद

जैतून का तेल जिसे ऑलिव ऑयल भी कहते हैं, यूरिक एसिड के मामले में बेहद फायदेमंद है। इसे खाने में शामिल किया जाना चाहिए। इसके विटामिन ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम करने आसानी होती है।

बेकिंग सोडा भी कम करता है यूरिक एसिड

बेकिंग सोडा का प्रयोग तो हर किचन में होता है। इसमें प्राकृतिक अल्कलाइन लेवल को सामान्य रखने का गुण होता है। यह यूरिक एसिड को और घुलनशील बनाकर किडनी के रास्ते बाहर निकाल देता है। लेकिन डॉ वीके वर्मा स्पष्ट कहते हैं कि इसका प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। उच्च रक्तचाप वालों को यह नुस्खा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

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अदरक व नींबू का नियमित करें इस्तेमाल

अदरक और नींबू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन सी में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने की क्षमता होती है। अदरक और नींबू का रस एक-एक चम्मच लेकर एक साथ मिला लें। पंद्रह दिन तक सुबह खाली पेट लेने से यूरिक एसिड में आराम मिलता है। ज्यादा गंभीर स्थिति में एक महीने तक यह प्रयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही विटामिन सी से भरपूर फलों का भी सेवन किया जाना चाहिए। खाने में फाइबर वाले आहार को भी शामिल करें।

इनका सेवन करने से बचें

वसा युक्त खाद्य पदार्थ, मिठाई, दूध वाले आइटम, गाढ़ी दाल, मूंगफली, सूखे मेवे का अत्यधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। खाने में नमक कम लेना चाहिए। कोल्डड्रिंक, मछली, गोभी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। शराब पीने से बचना चाहिए।

Dr vk verma

डॉ वीके वर्मा का परिचय

डॉ वीके वर्मा उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में जिला अस्पताल में आयुष विभाग के नोडल अफसर हैं। वह साढ़े तीन दशक से अधिक समय से लोगों का उपचार कर रहे हैं। बस्ती-लखनऊ मार्ग ओर बसुआपार में पटेल एसएमएच अस्पताल व पैरामेडिकल कॉलेज आदि के संस्थापक हैं। इनके संस्थान में रोगियों से दवा के अतिरिक्त कोई चार्ज नहीं लिया जाता है। गरीबों की मदद भी करते हैं। किसी भी सलाह के लिए उनके मोबाइल नंबर 9415163328 पर सम्पर्क किया जा सकता है।


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