Comments

6/recent/ticker-posts

Basti News: सभी भाषाएं महत्वपूर्ण, किन्तु मातृ भाषा का अपना विशेष सुख है: डॉ. रघुवंश मणि

हिंदी दिवस पर प्रेस क्लब सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर हिंदी के उत्थान के लिए विभूतियों को सम्मानित भी किया गया...

hindi-diwas-1

बस्ती (यूपी)। हिंदी दिवस के अवसर पर पूर्वांचल साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विकास संस्थान अध्यक्ष महेंद्र तिवारी के संयोजन में प्रेस क्लब सभागार में संगोष्ठी, काव्य गोष्ठी और सारस्वत सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि डॉ. रघुवंशमणि त्रिपाठी ने कहा कि सभी भाषाएं महत्वपूर्ण हैं, किन्तु मातृ भाषा का अपना विशेष सुख है। हिंदी दुनिया में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है और वह अपने कमेरा वर्ग की ताकत से लगातार प्रतिष्ठित हो रही है। हिंदी में अब ज्ञान विज्ञान की पुस्तकें भी लगाार आ रही हैं, यह शुभ संकेत है।

hindi-diwas

अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राम नरेश सिंह मंजुल ने कहा कि संस्कृत राजमाता, हिंदी राजरानी और अंग्रेजी नौकरानी है। नौकरानी को राजरानी बनने का प्रयास नहीं करना चाहिए। हिंदी अब समूचे विश्व में प्रतिष्ठित हो रही है। संचालन करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने हिंदी की विकास यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार दिनेश सांस्कृत्यायन ने कहा कि हिंदी को इंटर मीडिएट तक अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने ज्ञान, विज्ञान से हिंदी को समृद्ध करने पर जोर दिया।  संगोष्ठी को डॉ. सत्यव्रत, कृष्णदेव मिश्र, आलोक त्रिपाठी, डॉ. कृष्ण प्रसाद मिश्र, डॉ. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, प्रदीप चंद्र पांडेय, जयंत कुमार मिश्र, पुनीत दत्त ओझा, सिद्धेश सिन्हा, अंकुर वर्मा, अरविंद पाल, संध्या दीक्षित आदि ने संबोधित करते हुए हिंदी की विकास यात्रा के विविध पक्षों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

संगोष्ठी के क्रम में डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ताजीर बस्तवी, विनोद कुमार उपाध्याय हर्षित, अर्चना श्रीवास्तव, हरीश दरवेश, जगदम्बा प्रसाद भावुक, सागर गोरखपुरी, रहमान अली ‘रहमान’, डॉ. राजेंद्र सिंह आदि ने कविता और शायरी के माध्यम से हिंदी दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर पूर्वांचल साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विकास संस्थान द्वारा दिनेश सांकृत्यायन, डॉ. रघुवंश मणि त्रिपाठी, डॉ. राम नरेश सिंह मंजुल, डॉ. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, कृष्णदेव मिश्र, डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’, राघवेंद्र मिश्र, डॉ. सत्यव्रत द्विवेदी, डॉ. कृष्ण प्रसाद मिश्र, धर्मेंद्र कुमार पांडेय, अजीत श्रीवास्तव ‘राज’, जगदम्बा प्रसाद भावुक, पुनीत दत्त ओझा आदि को उनके योगदान के लिए अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। आयोजक महेंद्र तिवारी ने आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए संगोष्ठी की उपादेयता पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में अनुराग श्रीवास्तव, रमेश मिश्र, दिनेश कुमार पांडेय, अमर सोनी, राजेश पांडेय, अरुण कुमार, अशोक श्रीवास्तव, जिशान हैदर रिजवी, संदीप गोयल, राकेश श्रीवास्तव ‘बिन्नू’, राजेश मिश्र, लालू प्रसाद यादव, आशद मसूद, लवकुश यादव, सुमित जायसवाल, राजकुमार शुक्ल, बबुन्दर यादव, अश्विनी शुक्ल, श्याम बिहारी गौड़, राकेश गिरी, आनंद गुप्ता, जय प्रकाश उपाध्याय, चंद्र प्रकाश शर्मा, अरूणेश श्रीवास्तव, अमित सिंह, सलामुद्दीन कुरेशी, सर्वेश श्रीवास्तव, सुनील मिश्र के साथ ही बड़ी संख्या में समाज के विभिन्न वर्गों के जागरूक लोग उपस्थित रहे। 

Click Here👎

👉Hindi Diwas 2023: पिता नहीं चाहते थे हिंदी पढ़ें, लेकिन पढ़ा तो लिख दिया हिंदी साहित्य का इतिहास

👉Ayodhya Ram Mandir: रामजन्म भूमि की खोदाई में मिले प्राचीन मंदिर के पुरातात्विक अवशेष, देखें तस्वीर

👉Basti News: सांसद हरीश द्विवेदी, विधायक अजय सिंह ने घरों से माटी, अक्षत एकत्र कर दिया ‘मेरी माटी मेरा देश’ का संदेश

Post a Comment

0 Comments