28 सितम्बर ईद-ए-मिलाद बारावफात, 29 सितम्बर को गणेश चतुदर्शी, 02 अक्टूबर महात्मा गांधी जयन्ती, 23, 24 अक्टूबर दशहरा (विजयदशमी), 28, 29 अक्टूबर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा, 12 नवम्बर दिपावली, 13 नवम्बर गोवर्धन पूजन, 15 नवम्बर भैयादूज तथा 19 नवम्बर को छठ पूजा पर्व का त्यौहार है।
बस्ती (यूपी)। जिला मजिस्ट्रेट अंद्रा वामसी ने पूरे जनपद में तत्काल प्रभाव से 22 नवम्बर तक धारा 144 का प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिया है। इस संबंध में उन्होंने बताया कि विभिन्न राष्ट्रीय व स्थानीय त्यौहार व परीक्षाएं होनी हैं। 28 सितम्बर ईद-ए-मिलाद बारावफात, 29 सितम्बर को गणेश चतुदर्शी, 02 अक्टूबर महात्मा गांधी जयन्ती, 23, 24 अक्टूबर दशहरा (विजयदशमी), 28, 29 अक्टूबर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा, 12 नवम्बर दिपावली, 13 नवम्बर गोवर्धन पूजन, 15 नवम्बर भैयादूज तथा 19 नवम्बर को छठ पूजा पर्व का त्यौहार है।
जिलाधिकारी ने बताया कि इसके अलावा कोविड-19 के प्रोटोकाल का अनुपालन करने के साथ ही जनपद में होने वाली विभिन्न परीक्षाओं के दृष्टिगत शान्ति, सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त रखने के लिए ये आदेश लागू किए गये है। इसका उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।
डीएम ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का प्रतिबन्धित व अवैध अस्त्र-शस्त्र जैसे आग्नेयास्त्र, बन्दूक, पिस्टल, राइफल, रिवाल्वर, तलवार, कटार, गुप्ती, चाकू, लाठी, स्टिक, भाला, बरछा, फरसा, गड़ासा एवं किसी भी प्रकार का विस्फोटकर पदार्थ जैसे-हथगोला, बारूद, तेजाब आदि लेकर नही चलेगा। कहा कि लाइसेंसी शस्त्र धारकों को खुलेआम शस्त्र लेकर चलने पर प्रतिबन्धित किया गया है। कोई भी व्यक्ति सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विपरीत ध्वनि विस्तारण यंत्रों का प्रयोग नही करेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि परीक्षा केन्द्रों में परीक्षार्थियों एवं परीक्षकों तथा परीक्षा संचालन से संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों के अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति प्रवेश नही करेगा। कोई भी व्यक्ति अनुचित मुद्रण अथवा प्रकाशन द्वारा परीक्षार्थियों को गुमराह नही करेगा। परीक्षा केन्द्रों के आस-पास ध्वनि विस्तारण यंत्रों का प्रयोग तथा परीक्षा परिसर में मोबाइल फोन एवं आईटी। गैजेट्स ले जाना पूर्णतया प्रतिबन्धित है।
डीएम ने बताया कि राजनैतिक दलों व धार्मिक संगठनों तथा समस्त विभागों के समस्त सरकारी सेवको तथा मान्यता प्राप्त संघ, महासंघ, परिसंघ को धरना, सांकेतिक प्रदर्शन अथवा हड़ताल का आयोजन पूर्णतया प्रतिबन्धित रहेगा, जिससे किसी जाति विशेष अथवा धर्म विशेष व्यक्तियों को आघात पहुंचे तथा कानून एवं शान्ति व्यवस्था कुप्रभावित हो।
डीएम ने बताया है कि यह आदेश ड्यूटी पर तैनात सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों, सिक्ख समुदाय के धार्मिक हथियार के रूप में कृपाण धारण करने, बूढ़े व दिव्यांग के छड़ी व लाठी का प्रयोग करने, शव यात्रा, वैवाहिक कार्यक्रम करने वाले लोगों पर लागू नही होगा। किन्तु ध्वनि विस्तारक यत्रों के प्रयोग के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी।
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