Basti News: साहित्य समाज में परिवर्तन का कार्य करता है
बस्ती (यूपी)। साहित्य समाज में परिवर्तन का कार्य करता है। मां दुर्गा की आराधना के इस पावन पर्व पर कवि सम्मेलन के माध्यम से शक्ति उपासना करना, साहित्य की उपासना करना अद्भुत कार्य है। यह बातें माही यादव "मनीष" के संयोजन में वशिष्ठ ग्रंथालय द्वारा आयोजित लगुनहीं ग्राम में में स्वर्गीय राम अवध यादव स्मृति में प्रतिभा सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन में जिला पंचायत सदस्य बनकटी प्रथम सुरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने लोगों को संबोधित करते हुए कही।
कार्यक्रम का श्री गणेश सुरेंद्र कुमार त्रिपाठी, भावेश पांडेय, अभय सिंह यादव और डॉक्टर शैलजा ने संयुक्त रूप से मां वीणा पाणी के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवयित्री डॉक्टर शैलजा एवं संचालन डॉ राजेश कुमार मिश्रा प्रांतीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम गोरक्ष प्रांत ने किया। इस अवसर पर आसपास के ग्राम सभा में हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को वशिष्ठ ग्रंथालय की ओर से सम्मानित किया गया।
कवि सम्मेलन का प्रारंभ डॉ शिवा त्रिपाठी के द्वारा वाणी वंदना से हुआ। डॉक्टर शैलजा ने अपनी रचना के माध्यम से उक्त कार्यक्रम की भरपूर प्रशंसा की उन्होंने पढ़ा "बदले हुए हालात की अभी बात तो कर लें, खिलते हुए नजारों से मुलाकात तो कर लें।
मजबूरियाँ गिनते रहेंगें उम्र भर अपनी, आओ इक रंगीन सी शुरूआत तो कर लें।"
मऊ से पधारे मुक्तेश्वर पाराशर ने अपनी कविता 'बस
यही काम कर नहीं पाए, दर्द नीलाम कर नहीं पाए, जानकी कर सकी न वो ख़ुद को, ख़ुद को हम राम कर नहीं पाए" के माध्यम से वाह वाही बटोरी।
डॉ शिवा त्रिपाठी ने "मै गोरी गाँव की शहरी नही हूँ।
अभी मैं मौन हूँ बहरी नही हूँ। अगर जीवन है तो संघर्ष भी है, मैं चोटिल हूँ मगर ठहरी नही हूँ।" पढ़ कर बेटियों के हौसले को बढ़ाया। डॉ राजेश कुमार मिश्र ने पढ़ा "गीत हैं संगीत हैं मनमीत बेटियां ।
दुनिया के सारे जंग जाती जीत बेटियां।"
वरिष्ठ कवयित्री सरला पांडे जी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से तालियां बटोरी उन्होंने पढ़ा "दुनिया में आने तो दो न पंखों को फ़ैलाने दो न अपने लिए बना ही लेगी ये अभिनव आकाश। दीया एक जलाना होगा अपने मन के पास।"
जगदीप सिंह "दीप" ने अपनी रचनाओं से तालियां बटोरी उन्होंने "मैं तुम्हारी चाहतों का बन सकूँ संसार कैसे, मैं जताऊँगा तुम्हें ये रूखा सूखा प्यार कैसे" सबको सुनाया।
अली अशरफ ने ग्रामीण परिवेश को लेकर जब अपनी कविताएं पढ़ी तो लोगों ने खूब शाबाशी दी उन्होंने "चांद सितारे तोड़ के लाना मेरे बस की बात नहीं, जउन याद बाटे बतावत हईं, बचपन के लीला सुनावत हईं" पढ़ा।
युवा कवि समीर तिवारी की रचनाओं को खूब सारा गया उन्होंने "जीवन का सब सार मलिन हो जायेगा।
और जगत व्यवहार मलिन हो जायेगा। दरबारों की स्वर्ण कलम मत छूना तुम, कविता का श्रृंगार मलिन हो जायेगा।पढ़ा।"
अपनी गजलों "क़िस्सों का काम ख़त्म है लोरी का काम ख़त्म बच्चों को फोन दीजिये नानी का काम ख़त्म" के माध्यम से लोगों से जुड़े।
भोजपुरी गायिका शिवांगी पाठक ने अपने भोजपुरी गीतों के माध्यम से वहां उपस्थित जन समुदाय को आनंदित किया। माही यादव के संयोजन में यह अद्भुत कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस अवसर पर भावेश पांडेय और अभय सिंह यादव ने ग्राम वासियों को इतने अच्छे कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर महात्मा चौधरी, प्रद्युम्न्नाथ मिश्रा, नारायण मिश्र ,जंग बहादुर यादव विजय सहाय चौधरी, पूर्णमासी, विशाल, अभिषेक, विशाल, दीपक, विकास, गूंजा यादव सहित तमाम लोग एवम् छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
नवरंग कार्यक्रम में सम्मानित होने वालो मेधावी छात्र महावीर यादव, प्रियांशु, सपना यादव, शालिनी कन्नौजिया, अनामिका चौहान, श्रेया राय, मेनका गुप्ता, संजू चौधरी, अभय यादव, सचिन यादव, अजीत कुमार, नेहा कुमारी व पूर्णिमा त्रिपाठी रहीं।
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