UP News: ध्यान में अंतःकरण से वैराग्य-मोक्ष नहीं, आई भारत रत्न की मांग, सोशल मीडिया में छाया गोरखपुर का यह शख्स
बस्ती (यूपी)। जुबां से आप कुछ भी बोल सकते हैं। मांग भी सकते हैं। यह अभिव्यक्ति की आजादी है। मगर आप कुछ ऐसा मांग लीजिए, जिसे पाने के लिए देश की तमाम हस्तियों ने अपना जीवन खपा दिया। उनमें से भी कुछ ऐसे महान शख्स भी हैं, जिन्हें मरणोपरांत यह हासिल हो सका। जी हां, हम बात कर रहे हैं देश के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत रत्न की। जिसे गोरखपुर के एक शख्स ने केवल इसलिए मांग लिया है कि ध्यान में लीन रहने के दौरान उनके अंतःकरण से आवाज आई की उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए। लिहाजा उन्होंने गोरखपुर कमिश्नर कार्यालय को भारत रत्न देने के लिए मांग पत्र सौंप दिया। यह पत्र कई दिनों से वायरल है और मीडिया में सुर्खियों में है।
कौन हैं भारत रत्न की मांग करने वाले
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले पिपराइच ब्लाक के ग्राम महराजी उत्तर टोला निवासी विनोद कुमार गौड़ शहर के सिविल लाइन क्षेत्र में रहते हैं। कमिश्नर कार्यालय में दिए पत्र में उन्होंने लिखा है कि एक दिन वह तपस्या में लीन थे। तभी उनके अंत:करण से आवाज आई कि उन्हें भारत रत्न चाहिए। अपर आयुक्त ने 11 अक्टूबर को यह पत्र जिलाधिकारी कार्यालय को भेज दिया। अगले रोज डीएम कार्यालय से यह आवेदन सीडीओ के पास भेज दिया गया। यहां से आवेदन आठ नवंबर को एसडीएम सदर के पास और वहां से 14 नवंबर को तहसीलदार सदर के पास पहुंचा। जांच भी हुई। अभी तक कोई रिपोर्ट तो नहीं लगी है लेकिन आवेदक विनोद को बता दिया गया कि वह अभी इस सम्मान के लिए अर्ह नहीं हैं।
कहा अब और अधिक लगाएंगे ध्यान
अंत:करण की आवाज पर भारत रत्न दिलाने का मांगपत्र वायरल होने के बाद लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर खूब टीका-टिप्पणी की। मीडिया में यह खबरें आई हैं कि विनोद से गोरखपुर के जिलाधिकारी कार्यालय से फोन भी गया था। उनसे पूछा गया कि वह ऐसा क्या करते हैं कि उन्हें भारत रत्न दिया जाए? विनोद ने जवाब दिया कि ध्यान-साधना करते हैं। इस आधार पर वह अर्ह नहीं हैं तो वह और अधिक ध्यान लगाएंगे।
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