Cibil Score In Hindi: वक्त की बात होती है, जब किसी को लोन लेना पड़ जाता है। मगर जब आप लोन के लिए किसी से संपर्क करते हैं तो सिबिल स्कोर का जिन्न सामने आ ही जाता है। कभी-कभार तो इसके चलते लोन लेने में मुश्किलें आ जाती हैं और जरूरतमंद को मायूस होना पड़ता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किसी भी तरह का लोन लेने के लिए आपका सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए। कितना cibil score अच्छा माना गया है और कितना खराब। आज इस लेख में हम आपको सिबिल स्कोर के बारे में ज्ञानवर्धन करेंगे, ताकि जब जरूरत पड़े तो आपको किसी तरह की तकनीकी दिक्कत का सामना न करना पड़े।
क्या होता है सिबिल स्कोर (cibil score)
सिबिल स्कोर लोन पाने की इच्छा रखने वाले शख्स के क्रेडिट हेल्थ का पैरामीटर यानी माप है। तीन अंकों वाला यह स्कोर आपके वित्तीय मदद पाने की योग्यता का निर्धारण करने में अहम भूमिका निभाता है। यह 300 से लेकर 900 के बीच हो सकता है। इससे यह भी पता चलता है कि ऋण लेने वाला व्यक्ति लोन लेने के बाद भविष्य में उसे चुकाने में कितना सक्षम और गंभीर हो सकता है। इसी सिबिल स्कोर के जरिए बैंक इन सब बातों का आंकलन करते हैं। इस सिबिल स्कोर में व्यक्ति के क्रेडिट यूटिलाइजेशन और क्रेडिट पात्रता का पूरा विवरण दर्ज होता है। यही वजह है कि बैंक या कोई भी वित्तीय संस्थान लोन देने के दौरान व्यक्ति के सिबिल स्कोर की जांच करता है।
कितना सिबिल स्कोर माना गया है सबसे अच्छा
जैसा कि हम आपको ऊपर ही बता चुके हैं कि सिबिल स्कोर 300 से 900 अंकों के बीच मापा जाता है। अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो कम ब्याज पर और आसानी से लोन मिल सकता है। अगर सिबिल स्कोर 600 या इससे कम है तो सिबिल स्कोर को 750 प्लस (Increase Cibil Score Upto 750+) तक ठीक कर आसानी से लोन पा सकते हैं।
क्यों खराब हो जाता है सिबिल स्कोर
दरअसल, लोन मिल जाने के बाद लोग बेपरवाह हो जाते हैं। वह नहीं जानते कि समय से लोन की किश्त अदा न करने से उन्हें भविष्य में दोबारा लोन के लिए नाकों चने चबाने पड़ सकते हैं। यही नहीं अधिकांश लोग पुराने लोन या क्रेडिट बिल का समय से भुगतान करने में हीलाहवाली करते हैं। इस वजह से सिबिल स्कोर कम हो जाता है। नतीजा यह होता कि बैंक या वित्तीय संस्थान उन्हें लोन देने से कतराने लगता है।
800+ तक सिबिल स्कोर बढ़ाने के तरीके
सिबिल स्कोर कम है तो लोन मिलने में समस्या होगी। इसमें सुधार किया जा सकता है। इसके लिए लोग सिबिल स्कोर बढ़ाने वाली कंपनी की मदद भी लेते हैं। जिसमें उन्हें पैसे खर्च करते हैं। यहां आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि क्रेडिट इनफॉर्मेशन कंपनी सिबिल स्कोर ठीक करने वाली किसी एजेंसी से ताल्लुक नहीं रखती है। सिबिल स्कोर बढ़ाने की खातिर आपको सिबिल स्कोर कम करने वाले वजहों को जानना होगा।
750+ तक ऐसे बढ़ाएं सिबिल स्कोर
CIBIL यानी क्रेडिट इनफॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया लिमिटेड भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से CRIF Highmark, Experian, Equifax क्रेडिट ब्यूरो को क्रेडिट स्कोर रिपोर्ट बनाने का लाइसेंस दिया गया है। सिबिल स्कोर क्रेडिट रेटिंग एजेंसी की ओर से किसी व्यक्ति के वित्तीय प्रोफाइल का आंकलन करने के बाद सिबिल स्कोर तय किया जाता है। इससे लोन मिलने में आसानी होती है। 600 सिबिल स्कोर खराब और 800 का स्कोर अच्छा माना जाता है।
एक साथ एक से अधिक लोन लेने से बचें
तमाम लोग एक बार एक से अधिक बैंक या वित्तीय संस्थानों से लोन ले लेते हैं। इससे आपकी छवि बैंक की नजर में Credit Hungry की बन जाती है। जो अच्छी बात नहीं होती। ऐसे में जब ऋणदाता हार्ड इंक्वायरी करता है तो सिबिल स्कोर खराब हो जाता है।
लोन का समय पर करें भुगतान
लोन जितना आसान हो सकता है उतना ही कठिन उसकी किश्तों की समय से अदायगी कठिन होती है। तमाम लोग ईएमआई का समय से भुगतान नहीं करते हैं। इससे भी सिबिल स्कोर खराब हो जाता है।
क्रेडिट लिमिट का हमेशा रखें ख्याल
Loan Utilization Ratio को हमेशा सही रखना चाहिए। अगर आपके क्रेडिट कार्ड होल्डर हैं तो क्रेडिट लिमिट के 30 प्रतिशत से अधिक का उपयोग करने से बचना होगा। या यह कहें कि अगर क्रेडिट की लिमिट डेढ़ लाख रुपये है तो एक समय में 45 हजार से अधिक की खरीददारी नहीं करनी चाहिए।
पुराना क्रेडिट कार्ड भी करता है मदद
अगर आप पहले से कोई क्रेडिट कार्ड रखते हैं तो आप उसे सक्रिय रखें। क्योंकि किसी भी उपभोक्ता की लंबी क्रेडिट हिस्ट्री से भी रेटिंग एजेंसियां क्रेडिट व्यवहार का पता लगाती हैं। वहीं, जब आप पुराने क्रेडिट कार्ड को बंद कर देते हैं तो उसके साथ ही क्रेडिट हिस्ट्री भी कम हो जाती है। इसके चलते आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो बढ़ जाता है। जिसका सिबिल पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
Increase Cibil Score Upto 750+ के लाभ
- 750 से अधिक सिबिल स्कोर लंबे समय के लिए कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।
- ऋण लेने वाले को कम समय में लोन मिल सकता है।
- अधिक राशि का लोन बिना किसी समस्या के मिल सकता है।
- लोन लेने के दौरान प्रोसेसिंग फीस आदि में भारी छूट मिल सकती है।
- ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ जरूरत पड़ने पर मिल सकता है।
- लोन बेहद आसान शर्तों पर लिया जा सकता है।
- ऐसे लोग अधिकांश बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से लोन ले सकते हैं।
सिबिल स्कोर के खराब होने के मुख्य कारण
- उच्च ऋण उपयोग अनुपात यानी एक समय में कई लोन लेना।
- क्रेडिट कार्ड या लोन की किश्तों का समय से भुगतान न करना भी स्कोर खराब करता है।
- एक से अधिक क्रेडिट कार्ड के लिए एक ही समय में आवेदन कर देना।
- लोन के गारंटर का लोन में सह आवेदक होना।
- अधिक संख्या में असुरक्षित (Unsecured) लोन लेना
- बार-बार की हार्ड इंक्वायरी भी स्कोर खराब करती है।
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