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यूपी में अभी एक सप्ताह और रहेगा हीटवेव का असर || 42 से 48 डिग्री तक जाएगा पारा || फिर गोरखपुर या वाराणसी के रास्ते दस्तक देगा मानसून |
Up Weather Update and Heatwave alert || उत्तर प्रदेश में अभी एक सप्ताह तक गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। भारतीय मौसम विभाग की ओर से एक हफ्ते के लिए हीटवेव और गर्मी को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। भारतीय मौसम विभाग की ओर से बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में आने वाले एक हफ्ते के दौरान तापमान 42 डिग्री से लेकर 48 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। ऐसे में लोगों को दोपहर के वक्त घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।
बारिश की संभावना है, लेकिन बहुत कम
भारतीय मौसम विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश में अभी बारिश के लिए कम से कम 10 दिन का वक्त बताया गया है। ऐसे में जाहिर है अगर बारिश नहीं होगी तो तापमान लोगों को परेशान करता रहेगा। बेतहाशा गर्मी के बीच लोगों ने उम्मीद पाल रखी है कि प्री मानसून वर्षा होने से गर्मी से राहत मिल जाएगी। इस संभावना के पीछे तर्क यह है कि मानसून केरल व गुजरात समेत देश के कई हिस्सों में दस्तक दे चुका है। झमाझम बारिश भी हो रही है। लेकिन, अभी उत्तर प्रदेश समेत समूचे उत्तर भारत में मानसून की सक्रियता का असर दिखाई नहीं दे रहा है।
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यूपी में मानसून कब आएगा?
उत्तर प्रदेश में मानसून अपने निर्धारित समय से दस्तक दे सकता है। हालांकि कुछ लोग मानसून के एक हफ्ते की देरी से आने की भी आशंका जता रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग की ओर से यह भी बताया गया है कि मानसून के सक्रिय होने से पूर्व आसमान में बदल छाने लगेंगे। कहीं-कहीं प्री मानसून वर्षा का असर भी देखने को मिलेगा। जिन इलाकों में प्री मानसून वर्षा हो जाएगी। वहां का तापमान 40 डिग्री से नीचे जा सकता है। लेकिन इस दौरान उमस बढ़ सकती है। क्योंकि हवा में नमी बढ़ने लगेगी, जिससे उस समय लोगों को खूब पसीना होगा।
गोरखपुर, वाराणसी के रास्ते दस्तक देगा मानसून
15 से 17 जून के बाद प्री मानसून वर्षा की शुरुआत हो सकती है। वहीं, भारतीय मौसम विभाग की ओर से यह भी बताया जा रहा है कि इस बार उत्तर प्रदेश में मानसून गोरखपुर और वाराणसी के रास्ते दस्तक दे सकता है। ऐसे में मानसूनी बारिश सबसे पहले पूर्वांचल में ही होने की संभावना है। यह उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के किसानों के लिए खुशखबरी भी है। क्योंकि, यहां इन दिनों धान की रोपाई के लिए लोग धान की नर्सरी डालने लगे हैं। नर्सरी तैयार होने के दौरान अगर मानसून सक्रिय हो जाता है, तो धान की रोपाई में भी तेजी आ जाएगी। जिससे किसानों की लागत कम होगी।
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