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यूपी में बारिश || यूपी के 30 से ज्यादा जिलों में भारी बारिश का अलर्ट || पूरब से पश्चिम तक बरसेगा मानसून |
Up Ka Mausam || Up Weather Update || Purvanchal Weather Update || UP Rain weather IMD forecast || उत्तर प्रदेश में अगले 24 से 48 घंटे के बीच 30 से अधिक जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना जताई गई है। भारत मौसम विभाग (IMD) की ओर से बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में पूर्व से लेकर पश्चिम तक कहीं अधिक तो कहीं कम वर्षा का दौर रविवार से लेकर सोमवार तक जारी रह सकता है। ऐसे में मौसम के रूख को देखकर ही घरों से बाहर निकलें। क्योंकि कुछ जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा का अलर्ट भी जारी किया गया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और सरयू जैसी बड़ी नदियों से लेकर तमाम छोटी नदियां भी उफान पर हैं। पिछले तीन-चार दिनों से हो रही बारिश से शहरी इलाकों में जल भराव की स्थिति है। नदी नालों से सटे क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। ऐसे में लोगों को मौसम को देखते हुए सावधान रहने की आवश्यकता है।
पूर्वांचल में शनिवार से ही जारी है बारिश
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में मानसून दोबारा से पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है। बता दें कि मानसून एक बार फिर समूचे उत्तर भारत को अपनी आगोश में ले चुका है। जिसमें पूर्वांचल भी शामिल है। पूर्वांचल में शनिवार से ही वर्षा का दौर जारी है। पूर्वांचल के बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, देवरिया, गाजीपुर, मऊ, बलिया समेत कई जिलों में शनिवार को झमाझम बारिश हुई। इन जिलों के कई इलाकों में कई स्थानों पर जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। जिससे लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ा। हालांकि इन सब के बीच लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिल गई। जिसके लिए वह काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे।
खेतों में भरने लगा पानी, किसान खुश
इधर एक सप्ताह से हो रही बारिश से किसानों के चेहरे पर रौनक लौट आई है। अबकी बार हो रही बारिश से खेतों में पानी जमा होने लगा है। धान की फसल भी अब तेजी से वृद्धि करने लगी है। इससे किसानों के चेहरे पर रौनक लौट आई है। दरअसल जून के अंतिम व जुलाई के प्रथम सप्ताह में मानसून के सक्रिय होने के बाद अचानक से उत्तर प्रदेश में बारिश का दौर रुक सा गया था। जिसके चलते कई दिनों तक बारिश नहीं हुई और खेतों में पानी सूख गया। जिससे खेतों में मिट्टी चटकने लगी। लिहाजा तमाम किसानों ने निजी संसाधनों से खेतों की सिंचाई शुरू कर दी। लेकिन, आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के मन में यही उम्मीद थी कि जब मानसून आएगा तब उनके खेतों में पानी भर जाएगा। हालांकि मानसून ने उनकी इस उम्मीद को कायम रखा और दोबारा सक्रिय हुआ तो उत्तर प्रदेश के तमाम इलाकों में झूम कर बारिश होनी शुरू हो गई। ऐसे में धान की फसल को लेकर किसानों के मन में बढ़ रही चिंता भी अब खत्म होने लगी है।
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