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खुशखबरी || बस्ती में सूरज की रोशनी से रात में भी जगमगाएंगे 15 हजार घर || क्या है पीएम सूर्य घर योजना जिसकी आज पूरे देश में हो रही चर्चा || कैसे करें आवेदन |
Basti News || उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के निवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। खुशखबरी यह है कि आने वाले दिनों में बस्ती जिले के करीब 15 हजार घर सूरज की रोशनी से रात में भी जगमगाएंगे। यह संभव होगा पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में पिछले दिनों पीएम सूर्य घर योजना की शुरुआत की गई है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि पीएम सूर्य घर योजना क्या है? पीएम सूर्य घर योजना के लिए आवेदन कैसे करें? पीएम सूर्य घर योजना में अनुदान कितना और कैसे मिलता है? इस लेख को पढ़कर आप भी पीएम सूर्य घर योजना के लिए आसानी से आवेदन कर सकते हैं।
क्या है पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का शुभारंभ इसी साल 13 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किया गया है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत देशभर के एक करोड़ घरों को सौर ऊर्जा से आच्छादित करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। बस्ती नेडा के परियोजना अधिकारी डॉ. राज मंगल चौधरी बताते हैं कि पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लगे सोलर रूफटॉप से पैदा होने वाली बिजली मुफ्त होगी। इस बिजली का उपयोग उपभोक्ता अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कर सकता है। उन्होंने बताया कि बस्ती जिले में पीएम सूर्य घर योजना से 15000 घरों को रोशन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
एक किलोवाट के संयंत्र से मिलती है इतनी बिजली
बस्ती नेडा के परियोजना अधिकारी ने बताया कि सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना के लिए प्रति किलोवाट कम से कम 10 वर्ग मीटर छत की जरूरत होती है। यह स्थान छाया रहित होना चाहिए। उन्होंने बताया कि 1 किलोवाट के संयंत्र से प्रतिदिन औसतन 4 से 5 मिनट यूनिट बिजली पैदा होती है। संयंत्र से पैदा होने वाली बिजली का उपयोग भवन स्वामी खुद कर सकते हैं। इस प्रयोग के बाद बची बिजली विद्युत ग्रेड में चली जाती है। जिसका नेट मीटरिंग के जरिए विद्युत बिल में समायोजन संबंधित डिस्कॉम की ओर से किया जाता है। संयंत्र लगाने वाले उपभोक्ता की ओर से संयंत्र की स्थापना में होने वाले खर्च की धनराशि की पूर्ति विद्युत बिल के बचत के रूप में 3 से 4 वर्षों में कर ली जाती है। उन्होंने बताया कि संयंत्र का जीवनकाल कम से कम 25 वर्ष का माना जाता है। ऐसे में तीन से चार साल तक बिजली उपयोग करने के बाद आने वाले 21 वर्षों तक उपभोक्ता को मुफ्त में बिजली मिलती रहती है।
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में अनुदान
परियोजना अधिकारी नेडा बस्ती ने बताया कि पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लगने वाले 1 से 10 किलोवाट क्षमता के संयंत्र की अनुमानित कीमत प्रति किलोवाट 60 से 65 हजार रुपये प्रति किलोवाट के बीच आती है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी विभिन्न श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं को अनुदान भी दिया जाता है। उन्होंने बताया कि 1 किलोवाट संयंत्र की क्षमता वाले संयंत्र पर कल 45000 रुपये का अनुदान दिया जाता है। इसमें केंद्र से मिलने वाले अनुदान की धनराशि 30000 रुपये तथा राज्य सरकार से मिलने वाले अनुदान की राशि 15000 रुपये है। वहीं, 2 किलोवाट की क्षमता वाले संयंत्र पर 90000 और 3 किलोवाट या उससे ऊपर की क्षमता वाले संयंत्र पर 108000 रुपये का अनुदान दिया जाता है। इसमें 2 किलोवाट पर केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान की राशि 60000 तथा राज्य सरकार से मिलने वाले अनुदान की राशि 30000 रुपये है। जबकि 3 किलो वाट या उससे ऊपर की क्षमता वाले संयंत्र पर 78000 केंद्र सरकार की ओर से और 30000 रुपये राज्य सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है। अनुदान की राशि उपभोक्ता के खाते में भेजी जाती है।
पीएम सूर्य घर योजना के लिए ऐसे करें आवेदन
पीओ नेडा ने बताया कि पीएम सूर्य घर मुक्त बिजली योजना का लाभ पाने के लिए संबंधित को नेशनल पोर्टल http://pmsuryaghar.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। लाभार्थियों के लिए आरटीएस सिस्टम लगाने के लिए, इलेक्ट्रिक सिटी कंज्यूमर नंबर व अन्य आवश्यक विवरण के साथ पोर्टल पर पंजीकरण करना होता है। पंजीकरण के बाद रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने के लिए आवेदन जमा किया जा सकता है। आवेदन की तकनीकी जांच के बाद संबंधित डिस्कॉम को भेज दिया जाता है। विक्रेता चयन, विक्रेता और ग्राहक के बीच समझौता प्रस्तुत किया जाना होता है। एक बार डिस्कॉम की ओर से अनुमति मिल जाने पर आवेदक संयंत्र की स्थापना करा सकता है। अब संयंत्र के लग जाने के बाद उपभोक्ता नेट मीटरिंग के लिए आवेदन कर सकता है। इसके बाद डिस्कॉम के अधिकारी निरीक्षण करने आएंगे। सभी आवश्यकता पूरी होने के बाद ही नेट मीटर लगाया जाता है। नेट मीटर लगने के बाद डिस्कॉम की ओर से कमीशनिंग प्रमाण पत्र दिया जाता है। इसके उपरांत संबंधित आवेदक को सब्सिडी पाने के लिए स्वयं के बैंक खाते का ब्यौरा देना होता है। यहां एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि उपभोक्ता को पैनल में शामिल विक्रेता से सोलर रूफटॉप संयंत्र लेना अनिवार्य होता है।
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