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बड़ी खबर || यूपी के इस जिले में जल्द खुल जाएगी विधि विज्ञान प्रयोगशाला || 70 फीसदी पूरा हो चुका है भवन का निर्माण

बड़ी खबर || यूपी के इस जिले में जल्द खुल जाएगी विधि विज्ञान प्रयोगशाला || 70 फीसदी पूरा हो चुका है भवन का निर्माण

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बड़ी खबर || यूपी के इस जिले में जल्द खुल जाएगी विधि विज्ञान प्रयोगशाला || 70 फीसदी पूरा हो चुका है भवन का निर्माण

Basti News || उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के बड़े जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में जल्द की विधि विज्ञान प्रयोगशाला (Forensic science laboratory) खुल जाएगी। विधि विज्ञान प्रयोगशाला का अत्याधुनिक भवन का निर्माण लगभग 70 फीसदी पूरा हो चुका है। रविवार को बस्ती के जिलाधिकारी रवीश गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन ने निर्माणाधीन विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निरीक्षण किया।

चिलवनिया में हो रहा प्रयोगशाला का निर्माण

बस्ती जिले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण बस्ती-महुली मार्ग पर विकास खंड सदर के ग्राम चिलवनिया में हो रहा है। निर्माण का जिम्मा कार्य कार्यदायी संस्था निर्माण खंड-2, लोक निर्माण विभाग अयोध्या की ओर से करवाया जा रहा है। जिलाधिकारी ने निरीक्षण में पाया कि प्रयोगशाला भवन का 70 प्रतिशत निर्माण हो चुका है। 

दिसम्बर तक पूरा हो जाएगा निर्माण

लोक निर्माण विभाग के अवर अभियन्ता की ओर से जिलाधिकारी को दिसम्बर 2025 तक कार्य पूर्ण किये जाने का आवश्वासन दिया गया। बताया कि डेट एक्टेंशन के लिए पत्राचार किया गया है। जिलाधिकारी ने अवर अभियन्ता को निर्देश दिया कि शासन से डेट एक्सटेंशन करवाकर यथाशीघ्र निर्माण कार्य पूर्ण करवाएं। 

खराब ईंटों को तत्काल बदलने का निर्देश

जिलाधिकारी ने निरीक्षण में पाया कि मुख्य भवन में तीन ब्लॉक हैम। ए ब्लॉक में चतुर्थ तल, बी ब्लॉक में चतुर्थ तल तथा सी ब्लॉक में द्वितीय तल की स्लैब व मुख्य भवन में द्वितीय तल ब्रिक वर्क कार्य पूरा हो चुका है। गैराज व वर्कशाप में सुपर स्ट्रेक्चर का ब्रिक वर्क कार्य पूरा हो गया है। गेस्ट हाउस, बाउन्ड्रीवाल व प्लास्टर का कार्य प्रगति पर है। निर्माण में कुछ ईंट खराब पायी गयी, उसे तत्काल वापस करने के निर्देश दिया गया। 

क्या होती है विधि विज्ञान प्रयोगशाला

विधि विज्ञान प्रयोगशाला को फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) भी कहते हैं। जहां अपराधों से जुड़े साक्ष्यों का परीक्षण किया जाता है। यह प्रयोगशाला विभिन्न वैज्ञानिक विषयों का उपयोग करके अपराध स्थल से प्राप्त नमूनों जैसे खून, बाल, जूते के निशान, दस्तावेज़ आदि का विश्लेषण करती है। इस विश्लेषण के आधार पर फोरेंसिक रिपोर्ट तैयार की जाती है, जो अदालतों में महत्वपूर्ण सबूत के रूप में प्रस्तुत की जाती है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला के मुख्य कार्य में घटना स्थल से प्राप्त विभिन्न प्रकार के नमूनों जैसे फ़िंगरप्रिंट, डीएनए, दस्तावेज़, वाहन के निशान, ज़हर आदि का वैज्ञानिक परीक्षण करना होता है। अपराध स्थल पर साक्ष्यों को वैज्ञानिक तरीके से एकत्र करना, उनका विस्तृत विश्लेषण करना भी होता है, जिससे अपराध की गुत्थी सुलझाई जा सके। इसके अलावा हस्तलेखन, हस्ताक्षर या टाइप की गई सामग्री की प्रामाणिकता या जालसाजी की जांच करता है। 

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