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Good News || पूर्वांचल की इस रेलवे लाइन पर अब दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन || तराई क्षेत्र के विकास को मिलेगी नई गति

Good News || पूर्वांचल की इस रेलवे लाइन पर अब दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन || तराई क्षेत्र के विकास को मिलेगी नई गति

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Good News || पूर्वांचल की इस रेलवे लाइन पर अब दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन || तराई क्षेत्र के विकास को मिलेगी नई गति

Gorakhpur News || पूर्वाेत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने यात्री सुविधाओं के उन्नयन और परिचालनिक सुगमता के लिए मूलभूत ढांचे के विस्तार में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नानपारा-नेपालगंज रोड स्टेशनों के मध्य 19.33 किलोमीटर की नई विद्युतीकृत रेल लाइन (25,000 वोल्ट एसी क्षमता) के संरक्षा परीक्षण का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के दूसरे दिन रेल संरक्षा आयुक्त, पूर्वाेत्तर परिमंडल प्रणजीव सक्सेना ने पूर्वाेत्तर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) अभय कुमार गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक गौरव अग्रवाल सहित निर्माण संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस रेल खंड का गहन निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान रेल संरक्षा आयुक्त, पूर्वाेत्तर परिमंडल ने बाबागंज हॉल्ट स्टेशन पर स्टेशन अपडेशन, पैनल रूम, फुट ओवर ब्रिज, सर्कुलेटिंग एरिया, यार्ड, पॉइंट्स एंड क्रॉसिंग, सिगनलिंग व्यवस्था, बैटरी रूम, रिले रूम और प्लेटफॉर्म क्लियरेंस का मानकों के अनुरूप निरीक्षण किया। इसके बाद, उन्होंने बाबागंज हॉल्ट से नेपालगंज रोड तक मोटर ट्रॉली द्वारा समपारों, माइनर ब्रिजों और अन्य संरचनाओं की संरक्षा जांच की। निरीक्षण के अंतिम चरण में, रेल संरक्षा आयुक्त ने नेपालगंज रोड-नानपारा खंड पर सीआरएस स्पेशल ट्रेन द्वारा 130 किमी प्रति घंटे की गति से सफल स्पीड ट्रायल किया, जो इस रेल खंड की तकनीकी सक्षमता का प्रमाण है।

स्थानीय जनता के लिए लाभ

नानपारा-नेपालगंज रोड रेल खंड के आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण के पूरा होने से तराई क्षेत्र का यह हिस्सा देश के ब्रॉडगेज रेल नेटवर्क से जुड़ गया है। इस परियोजना से स्थानीय जनता को निम्नलिखित लाभ होंगे।

बेहतर कनेक्टिविटी

क्षेत्र के लोग अब महानगरों तक आसानी से यात्रा कर सकेंगे, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी। 

ट्रांशिपमेंट से मुक्ति

आमान परिवर्तन के बाद यात्रियों को ट्रेन बदलने की असुविधा से छुटकारा मिलेगा।

आर्थिक विकास

स्थानीय कृषि उत्पादों को महानगरों तक पहुंचाना आसान होगा, जिससे किसानों और व्यापारियों को बेहतर बाजार उपलब्ध होगा। 

पर्यावरणीय लाभ

विद्युतीकृत रेल लाइन से डीजल की खपत कम होगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

बुनियादी ढांचे का विकास

इस खंड पर 1 बड़ा पुल, 10 छोटे पुल और 3 समपारों पर सीमित ऊंचाई के सब-वे का निर्माण किया गया है, जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी और सुरक्षा को और सुदृढ़ करेगा।

रेलवे की प्रतिबद्धता

पूर्वाेत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने कहा “यह परियोजना तराई क्षेत्र के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगी। हम यात्री सुविधाओं और परिचालनिक दक्षता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।” इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक प्रसन्न कात्यायन, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी डॉ. शिल्पी कन्नौजिया, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर अश्विनी कुमार तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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