भारत में आजादी के बाद से अब तक कुल 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं। इनमें से केवल चार बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए हैं। यह चुनाव 1952, 1957, 1962 और 1967 में हुए थे...
बस्ती (यूपी)। भारत में आजादी के बाद से अब तक कुल 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं। इनमें से केवल चार बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए हैं। यह चुनाव 1952, 1957, 1962 और 1967 में हुए थे। One Nation One Election
1952 में हुआ था पहला लोकसभा चुनाव
1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में देश के सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव भी एक साथ हुए थे। इसके बाद 1957, 1962 और 1967 में भी ऐसा ही हुआ। इन चुनावों में सभी राज्यों की विधानसभाओं के कार्यकाल भी लोकसभा के कार्यकाल के समान थे। 1968 और 1969 में कुछ राज्यों की विधानसभाओं को समय से पहले भंग कर दिया गया था। इसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई थी। इसके बाद से लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे। One Nation One Election
एक साथ चुनाव कराने के हैं कई फायदे
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के कई फायदे हैं। इससे चुनाव पर होने वाले खर्च में कमी आती है। इसके अलावा, इससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ती है और मतदाताओं को एक साथ अपने प्रतिनिधियों को चुनने का मौका मिलता है। वहीं, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के कुछ नुकसान भी हैं। इससे चुनावी प्रक्रिया में अधिक उथल-पुथल होती है और इससे क्षेत्रीय दलों को नुकसान हो सकता है। One Nation One Election
भारत में एक साथ चुनाव पर शुरू है बहस
भारत में 'एक देश एक चुनाव' को लेकर बहस शुरू है। केंद्र सरकार ने इस दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में एक कमेटी बनाई है। लॉ मिनिस्ट्री ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। कमेटी में कुल आठ लोग शामिल होंगे। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी अन्य सदस्य होंगे। One Nation One Election
भारत के लोकतंत्र को मिलेगी मजबूती
यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाते हैं, तो यह भारत की लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद कर सकता है। हालांकि, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 83, 85, 172, 174 और 356 में संशोधन करना होगा। इसके अलावा, चुनाव आयोग के नियमों में भी बदलाव करना होगा। One Nation One Election
कई देशों में एक साथ होता है लोकसभा व विधानसभा चुनाव
दुनिया भर में कई देशों में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ होता है। इनमें से कुछ प्रमुख देश निम्नलिखित हैं...
बेल्जियम: बेल्जियम में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव हर पांच साल में एक साथ होता है।
स्वीडन: स्वीडन में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव हर चार साल में एक साथ होता है।
दक्षिण अफ्रीका: दक्षिण अफ्रीका में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव हर पांच साल में एक साथ होता है।
ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव हर तीन साल में एक साथ होता है।
न्यूजीलैंड: न्यूजीलैंड में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव हर तीन साल में एक साथ होता है।
एक ही तैयारी हो जाते हैं दोनों चुनाव
इन देशों में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने के कई फायदे हैं। सबसे पहले, इससे चुनाव पर होने वाले खर्च में कमी आती है। जब लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ होता है, तो चुनाव आयोग को एक ही बार में चुनावी तैयारियां करनी पड़ती हैं। इससे चुनाव के लिए जरूरी सामग्री और संसाधनों की खरीद पर होने वाला खर्च कम हो जाता है। One Nation One Election
बढ़ती है चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता
दूसरे, इससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ती है। जब लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ होता है, तो मतदाताओं को एक साथ अपने प्रतिनिधियों को चुनने का मौका मिलता है। इससे मतदाताओं को यह समझने में आसानी होती है कि उनके चुने हुए प्रतिनिधियों का राष्ट्रीय और राज्य सरकारों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। One Nation One Election
केंद्र व राज्य सरकारों में बनता है समन्वय
तीसरे, इससे राष्ट्रीय और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय होता है। जब लोकसभा और विधानसभा के सदस्य एक ही समय में चुने जाते हैं, तो उनमें आपसी समझ और सहयोग की संभावना अधिक होती है। इससे राष्ट्रीय और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय होता है, जिससे विकास और प्रशासन के कार्यों को बेहतर तरीके से किया जा सकता है। One Nation One Election
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