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Mahatma Gandhi: आज से 102 साल पहले बस्ती में पड़े थे राष्ट्रपिता के कदम

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आठ अक्तूबर 1921 को बस्ती आए। उनके बस्ती आने में तब के नामी वकील ठाकुर अंशुमान सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। ठाकुर अंशुमान सिंह रामनगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर पहले विधायक चुने गए थे।
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बस्ती (यूपी)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Rashtrapita Mahatma Gandhi) आठ अक्तूबर 1921 को बस्ती आए थे। यह वह दौर था जब पूरा देश महात्मा गांधी की अगुवाई में आजादी के आंदोलन का सिपाही बन रहा था। अंग्रेजों को भी धीरे-धीरे अहसास होने लगा था कि अब ज्यादा समय तक भारत को गुलाम बना कर नहीं रखा जा सकता है। क्योंकि, महात्मा गांधी ने जो अलख जगाई थी, वह गांव-गांव और शहर से महानगरों तक में रहने वाले भारतीयों को आजाद भारत (independent India) में सांस लेने के लिए प्रेरित करने लगा था।

अपनी कार से गांधी जी को लाए थे बस्ती

इसी कालखण्ड में महात्मा गांधी का बस्ती आना हुआ। वह तब के नामी वकील ठाकुर अंशुमान सिंह के साथ आठ अक्तूबर 1921 को बस्ती पहुंचे थे और जनसभा को संबोधित किया था। दरअसल, ठाकुर अंशुमान सिंह पूर्वांचल के तमाम क्रांतिकारियों की कानूनी तौर पर भी सहायता करते रहते थे। इसी वजह से गांधी जी और वह एकदूसरे से काफी प्रभावित थे। बताते हैं कि जब गांधी जी का बस्ती आना तय हो गया तो अंग्रेजों के कान खड़े हो गए। महात्मा गांधी को बस्ती आने से रोकने के लिए तमाम जुगत भी किए, लेकिन आजादी का महानायकों में शुमार ठाकुर अंशुमान सिंह गांधी जी अपनी कार से संतकबीरनगर (तब खलीलाबाद) से बस्ती तक सुरक्षित लाने में न केवल सफल हुए, बल्कि गांधी जी ने निर्विघ्न रूप से सभा की और बस्ती के लोगों को आजादी के आंदोलन में शरीक करने में सफल भी हुए।

अंशुमान सिंह भिरिया ऋतुराज के थे मूल निवासी

बस्ती जिले के भिरिया ऋतुराज गांव के मूल निवासी अंशुमान सिंह बैरिस्टर बनने के बाद जिला मुख्यालय के रोडवेज के निकट अपनी कोठी में रहने लगे। वर्तमान में उनके वंशज इस कोठी में रह रहे हैं। बताते हैं कि इस कोठी का निर्माण वर्ष 1865 में हुआ था। ठाकुर अंशुमान सिंह के नाम एक और कीर्तिमान है। वह रामनगर विधानसभा क्षेत्र (अब रुधौली विधानसभा क्षेत्र) से कांग्रेस के टिकट पर पहले विधायक चुने गए थे। 

मुख्य बाजार का नाम रख गांधीनगर रख दिया

उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के मुख्य बाजार का नाम गांधीनगर है। इसे पक्का व पक्के बाजार के नाम से भी जाना जाता है। गांधीनगर नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया है। यह बाजार बस्ती शहर का सबसे पुराना और सबसे बड़ा बाजार है। माना जाता है कि 1930 के दशक में, भारत में महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन चल रहा था। इस आंदोलन में बस्ती शहर के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बस्ती शहर के लोगों ने महात्मा गांधी के नाम पर अपने मुख्य बाजार का नाम "गांधीनगर" रखने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को लोगों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।

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