गरीबों की 'गाय' से अमीर होने का मिल सकता है मौका, यहां मिल रहा प्रशिक्षण
डॉ. एसएन सिंह 17 अक्टूबर 2023 को कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया में अटैक्टिंग एंड रिटेनिंग यूथ इन एग्रीकल्च्र (आर्या) योजना के अंतर्गत ‘‘बकरी पालन’’ विषय पर आयोजित रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। केंद्र का संचालन आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा किया जाता है।
उन्होंने कहा कि बकरी छोटा पशु होने के कारण इसके रख-रखाव में लागत भी कम लगती है। सूखा पड़ने के दौरान भी इसके खाने का इंतजाम सरलता से हो सकता है। इसकी देखभाल का कार्य महिलाएं एवं बच्चे आसानी से कर सकते हैं। साथ ही जरूरत पड़ने पर इसे बेचकर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति भी आसानी से की जा सकती है।
डॉ. एसएन सिंह ने कहा कि आज के परिवेश में बकरे के मांस एवं दूध की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है तथा सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं की शुरूआत की जा रही है। जिसमें बकरी पालन पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्राप्त करके, बेरोजगार नवयुवक स्वरोजगार के रूप में अपनाकर इसे अपनी आजीविका का साधन बना सकते हैं।
पशुपालन विशेषज्ञ डॉ. डीके श्रीवास्तव ने बताया कि बकरी पालन कृषि की एकीकृत फसल प्रणाली (आईएफएस) माडल का अभिन्न अंग है, जिसमें एक ही खेत में नवयुवक बकरी पालन, मछली पालन, मुर्गी पालन, सब्जी उत्पादन, बागवानी आदि करके वर्ष भर आय एवं स्वरोजगार प्राप्त कर सकते हैं। बकरी पालन मुख्यतयः मांस, दूध, बाल, खाल एवं खाद के लिए किया जाता है, जिसे किसी भी वर्ग का कृषक आसानी से कर सकता है। बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों को बकरियों की प्रमुख नस्लें एवं उनका चयन, आवास व्यवस्था, आहार व्यवस्था, बकरियों में लगने वाले रोग एवं उपचार तथा टीकाकरण आदि की विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. प्रेम शंकर, डॉ. वीबी सिंह, हरिओम मिश्र, आदित्य प्रताप सिंह, श्याम सुन्दर, मनीष कुमार, कौशलेन्द्र राव, प्रदीप, अर्जुन वर्मा, आदर्श सिंह, अभिषेक मिश्र आदि उपस्थित रहे।
0 Comments