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आर्टिफिशियल हेलीकॉप्टर से कीजिए इस ऐतिहासिक नगरी का दीदार, टाइम ट्रेवल कर देखिए कैसे इस रानी ने अंग्रेजों के दांत किए थे खट्टे

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आर्टिफिशियल हेलीकॉप्टर से कीजिए इस ऐतिहासिक नगरी का दीदार, टाइम ट्रेवल कर देखिए कैसे इस रानी ने अंग्रेजों के दांत किए थे खट्टे

Up Jhansi News || हेलीकॉप्टर में बैठने का सपना है तो उसके लिए आपको लाखों रुपये खर्च करने की जरूरत नहीं है। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित म्यूजियम (Government Museum of Jhansi) में एक ऐसा आर्टिफिशियल हेलीकॉप्टर (Artificial Helicopter) है, जो आपको बिल्कुल वास्तविक हेलीकॉप्टर की राइड का अनुभव कराएगा। यह केवल हेलीकॉप्टर में उड़ने का ही रोमांच नहीं देगा, बल्कि आपको झांसी जिले का विहंगम दृश्य भी दिखाएगा। जाहिर है अब तक आपके मन में इसे लेकर कई तरह की जिज्ञासाएं जागने लगी होंगी। तो आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित म्यूजियम के बारे में कुछ अनसुनी बातें...

समर वेकेशन का बेस्ट डेस्टिनेशन

गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं। तमाम लोग पर्यटन के लिए निकल चुके हैं या फिर प्लानिंग कर रहे हैं। ऐसे में अगर आप बेहद कम खर्च में रोमांचक अहसास के साथ छुट्टियां बिताना चाहते हैं तो झांसी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। झांसी का नाम आते ही रानी लक्ष्मीबाई का नाम जेहन में आ जाता है। इस म्यूजियम में झांसी की रानी से जुड़ी वस्तुएं आपको गौरवान्वित तो करेंगी ही आजादी के इतिहास के पन्नों को भी आप पलट कर जान सकते हैं कि जब झांसी की रानी ने अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ी थी तो उस समय क्या हुआ था। यह आपके बच्चे को भारत के गौरवशाली इतिहास से भी रूबरू कराएगा।

टाइम ट्रैवल से देखिए सैकड़ों साल का इतिहास

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित राजकीय संग्रहालय कई मायने में खास है। यहां नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल कर इसे बेहद रोमांचक और आकर्षक बना दिया गया है। यहां एक घड़ी रखी हुई है। जिससे टाइम लैप्स की सहायता से आप गुजरे इतिहास की तारीख वार झलक देख सकते हैं। बस आपको हाथ से घड़ी की सुइयों को घुमाना होगा। इसके बाद जिस टाइम पर घड़ी सेट होगी, उस समय की हर एक छोटी बड़ी घटना आपके सामने होगी। सीधे शब्दों में कहें तो आप टाइम ट्रैवल (Time Travel) का अनुभव कर सकते हैं। 

वीआर तकनीकी से देखिए कैसे होते थे युद्ध

झांसी के राजकीय म्यूजियम में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर इसे बेहद खास बना दिया गया है। यहां वीआर (VR) तकनीकी से झांसी और बुंदेलखंड के इतिहास से आपका सामना तो होगा ही। एक खास बात यह है कि इस तकनीकी से आप वर्चुअली युद्ध होते देख सकते हैं। जब आप वीआर तकनीकी के सिस्टम पर बैठेंगे तो लगेगा कि आप युद्ध मैदान में खड़े हैं। यहां आप अनुभव कर पाएंगे कि कैसे रानी लक्ष्मीबाई ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों से मोर्चा लिया। कैसे उन्हें घुटने टेकने पर मजबूर किया था। यही नहीं तीर, तलवार और तोप के गोलों के चलने का भी रोमांचक अनुभव आपको मिलेगा।

हाथ रखते ही बोलने लगेगी किताब

अभी तो यह ट्रेलर था। झांसी के राजकीय संग्रहालय में एक ऐसी किताब रखी है, जिसके पन्ने पर हाथ रखते ही किताब बोलने लगती है। इस किताब को आपको पढ़ने की जरूरत नहीं है। इसके जिस भी पन्ने पर आप या आपका बच्चा हाथ रखेगा वह उसे उसमें दर्ज इतिहास के बारे में बताने लगेगा। यह किताब बच्चों को खूब लुभाती है। इस किताब में तमाम बड़े साहित्यकारों के बारे में जानकारी दर्ज है, जो बड़ों से लेकर बच्चों तक का सामान्य ज्ञान भी बढ़ाती है। यहां आने वाले अधिकांश पर्यटक इस किताब को जरूर देखते हैं और रोमांचित होते हैं।

अब बात आर्टिफिशियल हेलीकॉप्टर की

झांसी के राजकीय म्यूजियम में जो सबसे आकर्षक चीज है। वह है यहां का आर्टिफिशियल हेलीकॉप्टर। इसका केबिन वास्तविक हेलीकॉप्टर की तरह है। इसमें बैठकर आप झांसी बुंदेलखंड के गौरवशाली इतिहास की झलक देख सकते हैं। इसमें बैठने के बाद ऐसा लगेगा कि आप झांसी के ऊपर चक्कर काट रहे हैं। इसमें एक-एक ऐतिहासिक स्थल के बारे आपको दृश्य दिखाते हुए बताया जाएगा। इसके साथ ही यहां आप साइकिलिंग करते हुए भी झांसी का वर्चुअली सफर कर सकते हैं और बुंदेलखंड के गौरवशाली इतिहास के बारे में फिटनेस के साथ जान सकते हैं।

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