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बस्ती में कब होगी बारिश || आसमान में मुंह दिखा कर चले जा रहे बादल || इस दिन के बाद बारिश की संभावना

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बस्ती में कब होगी बारिश || आसमान में मुंह दिखा कर चले जा रहे बादल || इस दिन के बाद बारिश की संभावना

Basti News || Up Ka Mausam || Up Weather Update || Purvanchal Weather Update || UP Rain weather IMD forecast || उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के कई जिलों में कई दिनों से बारिश का दौर थम सा गया है। हालांकि आसमान में बादलों की आवाजाही तो बनी रह रही है, लेकिन बादल केवल आसमान में मुंह दिखाकर चले जा रहे हैं। वह बरसने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे में हर दिन सुबह आसमान में बदल छाने पर लोग दिन भर बारिश का इंतजार करते रह जाते हैं और शाम तक उन्हें मायूसी ही मिलती है। ऐसे में मौसम विभाग की ओर से उम्मीद जताई गई है कि उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में 11 सितंबर से मौसम बदल सकता है। 11 सितंबर या इसी दिन से बस्ती और आसपास के जिलों में भी बारिश की संभावना बन रही है। अब देखना यह होगा कि पूर्वानुमान के मुताबिक बारिश का क्या असर देखने को मिलता है।

यूपी के इन जिलों में बारिश का येलो अलर्ट

एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के कई जिलों में बारिश का नामोनिशान नहीं है। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जिलों में झमाझम बारिश हो रही है। यहां तक की राजधानी लखनऊ में भी शुक्रवार को ठीक-ठाक बारिश हुई है। इन सब के बीच पूर्वांचल के बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, कुशीनगर, देवरिया में लोग बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, मौसम विभाग की ओर से अमरोहा, मुरादाबाद, बिजनौर, संभल और रामपुर जिले में 3 दिन के लिए बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, मौसम की जानकारी देने वाली एक वेबसाइट की ओर से यह जानकारी दी गई है कि उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में 11, 12 और 13 सितंबर को बारिश होने की संभावना है। हालांकि, पिछले एक सप्ताह से आसमान में बादल छा तो रहे हैं। लेकिन बरस नहीं रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि आने वाले दिनों में मौसम का क्या रुख रहने वाला है।

किसान भी कर रहे बारिश का इंतजार

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के कई जिलों में किसान भी बारिश को लेकर चिंतित नजर आने वाले हैं। माना जाता है कि सितंबर के आखिरी सप्ताह तक मानसून की विदाई हो जाती है। ऐसे में बारिश के लिए चंद रोज ही बचे हैं। ऐसे समय में भी आसमान में धूप का खिलना किसानों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। धान के खेतों में पानी सूखने लगा है या सूख चुका है। ऐसी स्थिति में किसान धान की फसल को लेकर चिंतित नजर आने लगे हैं। किसानों ने उम्मीद लगा रखी है कि अगर आने वाले एक डेढ़ सप्ताह में बारिश हो जाती है, तो यह धान की फसल के लिए अच्छी साबित होगी। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो धान की फसल पर इसका बुरा असर पड़ सकता है और इसका असर आने वाले दिनों में उत्पादन पर भी देखने को मिल सकता है।

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